गंगा एक यात्रा
Source:
केंद्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी संस्थान, एनसीईआरटी गंगा एक यात्रा भाग-1
परियोजना आधारित परियोजनाओं का ब्यौरा
प्रदूषण के संदर्भ में मछली/सीप विविधता
परिकल्पना:
कम प्रदूषण स्तर वाले पानी में मछली की प्रजातियों की विविधता कहीं अधिक होती है।
कारण:
किसी खास क्षेत्र में जीवों के विशेष समुदाय मसलन पौधे, मछली या सरिसृप की विविधता का स्तर किन बातों पर निर्भर करता है इस पर कई परिकल्पनाएं हैं। विविधता के उच्च स्तर के लिए पर्यावरण अधिक उत्पादक और स्थिर होना चाहिए। इसी तरह ऐसे पर्यावरण जहां लंबे समय तक समुदायों का उद्भव हुआ हो, वहां भी विविधता का उच्च स्तर होने की उम्मीद की जाती है।
तुलनात्मक और प्रयोगशील दृष्टिकोण
किसी भी वैज्ञानिक परिकल्पना की कई स्थितियों में जांच की ज़रूरत होती है। इस तरह की विभिन्नताएं मानवीय प्रबंधन से सृजित की जा सकती हैं जो प्रयोगशील तरीका है। या प्राकृतिक विभिन्नताओं का फायदा उठाया जाए जो तुलनात्मक विधि है। सामान्य प्रणालियों पर आधारित परिकल्पनाओं की जांच कई बार प्रयोगात्मक रूप से की जा सकती है। इस तरह की सामान्य परिकल्पनाएं किसी बड़ी खोज की ओर ले जा सकती हैं। किसी भी परिकल्पना की पुष्टि कई प्रयोगों से की जाती है। प्रयोगों के दौरान पूरी प्रक्रिया को बहुत गौर से देखा जाता है। भौतिक शास्त्र, रसायन विज्ञान और शरीर विज्ञान हुईं प्रगति में इसी तरह की प्रयोगात्मक विधियों का हाथ है। धातु विज्ञान, पारिस्थितिकी या विकासवादी जीवविज्ञान जैसी कहीं अधिक विषयों में बहुत सी दिलचस्प परिकल्पनाओं के प्रयोग के आधार पर पुष्टि नहीं हो पाती है। मसलन विकासव
परिकल्पना-निष्कर्ष विधि
“परिकल्पना-निष्कर्ष” विधि सभी वैज्ञानिक गतिविधियों का मूल प्रस्थान बिंदु है। वैज्ञानिक प्रगति प्रयोग योग्य परिकल्पनाओं के निर्धारण से ही विज्ञान की प्रगति होती है। दूसरे शब्दों में हर वैज्ञानिक परिकल्पना एक बयान पर आधारित होती है जिसकी प्रयोगों के आधार पर पुष्टि या खंडन किया जाता है। अगर उसे स्वीकार किया जाता है तो वह उन स्थितियों को वैध ठहराती है जिनके आधार पर वह परिकल्पना की गई होती है। स्वीकार या निषेध किसी भी मामले में हम परीक्षण करने वाली नई परिकल्पनाओं की ओर बढ़ते हैं। एक तरह से परिकल्पनाओं की श्रृंखला बनती है। चाहे उन्हें स्वीकार किया जाए या उनका खंडन हो प्रयोगों का सिलसिला बढ़ता जाता है। यही विज्ञान का मूल है।
वेबसाइट के शैक्षिक हिस्से के लिए सुझाव
“यह कितना विचित्र है कि लोग यह नहीं समझते कि महत्व का हर पर्यवेक्षण, किसी विचार के पक्ष या विपक्ष में होता है।”
चार्ल्स डार्विन, 1861
पानी या जैव विविधता की वेबसाइटों के शैक्षिक खंड में छात्रों के लिए कुछ दिलचस्प परिकल्पनाओं को ख़ास तौर पर शामिल किया जाना चाहिए। दरअसल पर्यावरण के बारे में जागरुकता दुनिया के सीधे संपर्क में रह कर प्रकृति को समझने से आ सकती है।
विज्ञान ने प्रकृति को गहराई से समझने के कहीं अधिक सार्थक सवाल पूछने के लिए प्रभावशाली तरीका विकसित किया है। इस तरह की वैज्ञानिक गतिविधियां क्या हो सकती हैं (मूर 1993)?
1) विज्ञान बिना किसी ईश्वरीय शक्ति पर भरोसा किए, क्षेत्र, प्रयोगशाला में जुटाए गए आंकड़े के विश्लेषण या प्रयोग पर आधारित होता है।
चार्ल्स डार्विन, 1861
पानी या जैव विविधता की वेबसाइटों के शैक्षिक खंड में छात्रों के लिए कुछ दिलचस्प परिकल्पनाओं को ख़ास तौर पर शामिल किया जाना चाहिए। दरअसल पर्यावरण के बारे में जागरुकता दुनिया के सीधे संपर्क में रह कर प्रकृति को समझने से आ सकती है।
विज्ञान ने प्रकृति को गहराई से समझने के कहीं अधिक सार्थक सवाल पूछने के लिए प्रभावशाली तरीका विकसित किया है। इस तरह की वैज्ञानिक गतिविधियां क्या हो सकती हैं (मूर 1993)?
1) विज्ञान बिना किसी ईश्वरीय शक्ति पर भरोसा किए, क्षेत्र, प्रयोगशाला में जुटाए गए आंकड़े के विश्लेषण या प्रयोग पर आधारित होता है।
पानी उठाने के लिए उचित स्थानो पर हाइड्रम की स्थापना
हाइड्रालिक रैम एक स्वचालित पानी उठाने का यन्त है जो कि विश्व मे कई वर्षों से प्रयोग हो रहा है भारत वर्ष के पहाड़ी इलाको मे पानी उठाने के लिए अत्यन्त उपयुक्त है। पहाड़ी इलाको मे विघुत एवं डीजल से चलने वाले पानी उठाने के यन्त्रो की मरम्मत व चलाने की लागत अधिक होने के कारण सफल नही हो सकते है। उत्तराखन्ड की पहाड़ियो मे सिचाई के लिए पानी उठाने के लिए हाइड्रम एक दूसरा विकल्प है। उत्तराखन्ड के पहाड़ी स्थानों पर प्रतिवर्ष जगह जगह सिचाई विभाग एवं लघु सिचाई विभाग द्धारा कई हाइड्रम लगवाये गये ह। पहाड़ी क्षेत्रों मे असिचिंत कृषि योग्य भूमि की सिचाई के लिए हाइड्रालिक रैम स्थापित किया जाना जारी रहना चाहिए। शुरूआत मे हाइड्रालिक रैम का उपयोग केवल पानी को उठाने के लिए किया जाता था विगत तीन दशकों से इसका उपयोग पहाड़ी इलाको मे नदियों से उचि सिचाई के लिए पानी उठाने के लिए किय
अपकेन्द्रीय पम्पों का प्रचालन सिद्धान्त
अगर एक बाल्टी को एक हाथ की लम्बाई पर घुमाये तो यह क्रिया उसमें भरे जल पर इतना दाब उत्पन्न कर देगी कि उसके तल में लगी टोंटी से पानी की एक धार निकलने लगेगी। एक अपकेन्द्रीय पम्प में आंतरनोदकों पर लगे वेन (vane) हाथ और रस्सी के समान ही कार्य करते हैं। पम्प का बाल्यूट बाल्टी की तरह पानी रखता है। दोनों मामलों के सिद्धान्त एक समान हैं। जैसे आतरनोदक घूमता है यह पानी को बाहरी किनारों की ओर फेंकता है। वाल्यूट के अन्दर का पानी तब तक दाब में रहता है जब तक कि यह बाहर नही आ जाता। चूषण पाइप के द्वारा पानी आंतरनोदक के मध्य मे प्रवेश करता है।
अपकेन्द्री पम्प की स्थापना
अपकेन्द्री पम्प की स्थापना
यॉंत्रिक शक्ति चालित उपकरण
यॉंत्रिक शक्ति चालित उपकरणों में विभिन्न प्रकार के पम्प आते हैं। पम्पों के प्रचालन में लगने वाले यांत्रिक सिद्धान्तों के आधार पर उनको निम्नलिखित वर्गो में बाटा जाता हैः
1- घूणी पम्प (Rotary pump)
2- ऊर्ध्वाधर टरबाइन पम्प (Vertical turbine pump)
3- निमज्जक पम्प (Submersible pump)
4- नोदक पम्प (Propeller pump)
5- प्रत्यांगामी विस्थापन पम्प (Reciprocating pump)
6- अपकेन्द्री पम्प (Centrifugal pump)
सिंचाई के प्रयोजन के लिए उपर्युक्त प्रकार के पम्पों में से विस्थापन पम्पों तथा अपकेन्द्री पम्पों का प्रयोग व्यापक रूप से किया जाता है।
1- घूणी पम्प (Rotary pump)
2- ऊर्ध्वाधर टरबाइन पम्प (Vertical turbine pump)
3- निमज्जक पम्प (Submersible pump)
4- नोदक पम्प (Propeller pump)
5- प्रत्यांगामी विस्थापन पम्प (Reciprocating pump)
6- अपकेन्द्री पम्प (Centrifugal pump)
सिंचाई के प्रयोजन के लिए उपर्युक्त प्रकार के पम्पों में से विस्थापन पम्पों तथा अपकेन्द्री पम्पों का प्रयोग व्यापक रूप से किया जाता है।
पानी उठाने के उपकरण
जब पानी खेत से निचली जगह पर उपलब्ध होता है, तो उसे खेत के तल तक उठाने के लिए विभिन्न प्रकार के उपकरण प्रयुक्त किये जाते हैं। शक्ति स्रोत के आधार पर पानी उठाने वाले उपकरणों को मानव शक्ति चालित, पशु शक्ति चालित और यांत्रिक शक्ति चालित में विभाजित किया जा सकता है। नदी, भूजल और कुओं से पानी उठाने के लिये प्रयोग किये जाने वाले उपकरणो को विस्तार मे नीचे दिया गया है।
मानव शक्ति- चालित उपकरणः मानव शक्ति चालित पानी उठाने के प्रमुख उपकरण निम्नलिखित हैं:
मानव शक्ति- चालित उपकरणः मानव शक्ति चालित पानी उठाने के प्रमुख उपकरण निम्नलिखित हैं: