अब तो सड़कों पर आओ ओ शब्दों के सौदागर

15 Dec 2012
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अब तो सड़कों पर आओ ओ शब्दों के सौदागर,
अब तो होश में आ जाओ शब्दों के कारीगर,

सेमिनार में लेखक जी बात करें मज़दूरों की
एयर कंडीशन में बैठे चिंता है मज़दूरों की
चरित्रहीन सत्ता त्यागों ओ शब्दों के कारीगर

संसद में कुछ प्रश्न उठे और उठते ही बैठ गए
उत्तर जिनके पास न था उत्तर देकर बैठ गए
बात सड़क पर उठवाओ ओ शब्दों के सौदागर

फाइल में कुछ पेड़ लगे पहुंचे मंत्री जी के घर
फाइल से कुछ पेड़ कटे पहुंचे संतरी जी के घर
इनकी फाइल खुलवाओ ओ शब्दों के सौदागर

गांव शहर के नामों पर अब लाशों की मंडी है
जनमन सारा झुलस गया राजधानियां ठंडी हैं
राजधानियां सुलगाओं ओ शब्दों के सौदागर

झंडेजी की जय बोलो डंडे जी की जय बोलो
सांस रोककर खड़े-खड़े अधिनायक की जय बोलो
इसको दोहराते जाओ ओ शब्दों के सौदागर।

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