आगरा में यमुना जागरूकता केंद्र की कोशिश

13 Feb 2009
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वृंदावन-मथुरा-आगरा यमुना सम्मेलन का सारांश


आगरा / 4 जनवरी 09, रविवार को यमुना के मुद्दे पर हुए सम्मेलन में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, हाथरस और वृंदावन से आए जनता के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में यमुना नदी के लिए धरोहर का दर्जा देने की मांग की गई।

बृज खंडेलवाल ने सम्मेलन में स्पष्ट किया कि सर्वसम्मति से पारित एक संकल्प में केंद्र सरकार को यमुना प्राधिकरण का गठन करने के लिए कहा गया था, जो यमुना की साफ-सफाई और अन्य सुधारात्मक कार्यों को उत्तर प्रदेश जल निगम से अपने हाथ में ले सके क्योंकि उत्तर प्रदेश जल निगम द्वारा विभिन्न योजनाओं पर हजारों करोडों रुपए खर्च करने के बाद भी कोई ठोस परिणाम सामने नहीं आए।रिवर्स ऑफ द वर्ल्ड फाउंडेशन और यमुना फाउंडेशन फॉर ब्लू वाटर द्वारा आयोजित इस सम्मेलन का उद्घाटन डॉ. आर एस पारिख ने किया। उन्होंने अपने सम्बोधन वक्तव्य में कहा कि जिस प्राकृतिक सम्पदा पर लाखों लोगों का जीवन और सेहत निर्भर है उसकी सुरक्षा के लिए स्थानीय लोगों की भागीदारी बहुत जरूरी है।

मैरीलैंड के पर्यावरणविद् सुबिजॉय दत्ता ने कहा ' छात्रों द्वारा नियमित नदी के पानी का सर्वेक्षण, डिफ्यूजर, एरेटर जैसी प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल से नदी को साफ किया जा सकता है। सुबिजॉय को यह देखकर हैरानी हुई कि मथुरा, वृंदावन और आगरा में अभी भी खुली नालियों में अपरिष्कृत गंदा पानी बड़ी मात्रा में बहाया जा रहा है और सरकार की ओर से इसे रोकने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

राम कोदुरी और डॉ नवल शर्मा दोनों ने ही इस बात पर जोर दिया कि लोगों को अपनी मानसिकता और आदतों को बदलना होगा। कोदुरी ने आगे कहा कि नदियां अमूल्य धरोहर हैं गंदा नाला नहीं।

डॉ. नवल ने भी कहा कि बच्चों को भी सिखाना होगा कि वें जहां तहां गंदगी न फेंके साथ ही नगरपालिका निकायों को भी समस्या की जरूरत को समझकर कदम उठाने होंगे, संसाधनों की कमी नही है, कमीं है तो बस इच्छा शक्ति की।

वृंदावन बृज रक्षक दल के प्रतिनिधि ने अन्य साथियों के साथ अपने अनुभवों को बांटा कि कैसे उन्होंने बृज मंडल की काया ही बदल डाली।

बृज मंडल हेरिटेज कंजरवेशन सोसायटी के अध्यक्ष सुरेन्द्र शर्मा ने यमुना के पानी के बहाव में शहरों की हिस्सेदारी तय करने की बात की। उंहोंने कहा कि दिल्ली में पूरी यमुना पर बैराज बना दिया तया है ऐसे में आगरा के हिस्से में तो दिल्ली और हरियाणा का गंदा पानी आता है। यमुना के पानी में आगरा की हिस्सेदारी तय हो और पानी हमें सीधे ही मिलना चाहिए।

सम्मेलन आगरा में एक जागरूकता केंद्र स्थापित करने और मार्च के शुरुआत में नदी से कचरा साफ करने का फैसला लिय़ा गया।

सम्मेलन में बड़ी संख्या में स्थानीय कार्यकर्ताओं, छात्रों, शोधकर्ताओं और साथ ही वाटर कम्युनिटी इंडिया से कार्यकर्ता उपस्थित थे।

कुछ प्रमुख सहभागियों: रवि सिंह, डॉ. आर.पी. सिंह, मेजर साहनी, आचार्य जैमिनी वृंदावन, डॉ. दीपांकर साहा डॉ. राजन किशोर, डॉ. संजय चतुर्वेदी, समय प्रकाश, राजीव सक्सेना, विशाल द्विवेदी, बृज रक्षक दल, मनोहर गिडवानी, आगरा कार्टून फोरम, डॉ. वी.पी.सिंह, सुरेंद्र शर्मा, सुधीर गुप्ता, वैभव छिब्बर, आदि अनेक व्यक्तियों ने भाग लिया।

आगामी योजनाः

सम्मेलन के दौरान चर्चा के परिणामस्वरूप निम्नांकित कार्यक्रम तय किए गए-
प्रोजेक्ट की योजना और एरेशन सिस्टम इंस्टालेशन के लिए विकास
 आगरा में यमुना जागरूकता केंद्र की स्थापना
 युवा समूह द्वारा जल गुणवत्ता की निगरानी
 यमुना के किनारे की गंदगी साफ करना और किनारे के स्थान को पहले जैसा सुंदर बनाना

रॉ फाउंडेशन को उम्मीद है कि जागरूकता और सफाई के इस कार्य में स्थानीय लोग साथ देंगे और उनके सहयोग से एक दिन यमुना का पानी फिर से साफ सुथरा नीला हो जाएगा।

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