WATERWIKI
अक्रिय गैस

अक्रिय गैस उन गैसों को कहते हैं जो साधारणत रासायनिक अभिक्रियाओं में भाग नहीं लेतीं और सदा मुक्त अवस्था में प्राप्य हैं। इनमें हीलियम, निऑन, आर्गान, जीनॉन और रडॉन सम्मिलित हैं। ये उत्कृष्ट गैसों (Noble gases) के नाम से भी प्रसिद्ध हैं। समस्त अक्रिय गैसें रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन होती हैं। स्थिर दाब और स्थिर आयतन पर प्रत्येक गैस को विशिष्ट उष्माओं का अनुपात 1.67 के बराबर होता है जिससे पता चलता है कि ये सब एक परमाणुक गैसें हैं। उक्त गैसों के उपयोग निम्नलिखित हैं:

हीलियम यह गुब्बारों और वायुपोतों में भरने के काम में आती है। गहरे समुद्र में गोता लगाने वाले साँस लेने के लिए वायु के स्थान पर हीलियम और आक्सीजन का मिश्रण काम में लाते हैं। धातु कर्म में जहाँ अक्रिय वायुमंडल की आवश्यकता होती है, हीलियम का प्रयोग किया जाता है। वायु से यह बहुत हल्की होती है अत बड़े-बड़े हवाई जहाजों के टायरों में इसी गैस को भरा जाता है।

नीऑन बहुत कम दाब पर नीआन से भरी ट्यूबों में से विद्युत गुजारने पर नारंगी रंग की चमक पैदा होती है जिसका विद्युत संकेतों में उपयोग किया जाता है।

आर्गान 26 प्रतिशत नाइट्रोजन के साथ मिलाकर आर्गान विद्युत के बल्बों में तथा रेडियो वाल्बों और ट्यूबों में प्रयुक्त होती है।

क्रिप्टान और जीनॉन इनका प्रयोग किसी काम में नहीं होता।

रेडान यह घातक फोड़ों और ठीक न होने वाले घावों के इलाज में काम आती है।

अन्य स्रोतों से:




गुगल मैप (Google Map):

बाहरी कड़ियाँ:
1 -
2 -
3 -

विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia):




संदर्भ:
1 -

2 -