अखिलेश के हंटर ने जंगल कब्जेदारों पर कसा शिकंजा

19 Oct 2013
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लायन सफारी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है क्योंकि लायन सफारी उनके पिता मुलायम सिंह यादव का सपना है जिसे पूरा करने के लिए अखिलेश यादव ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। इस प्रोजेक्ट पर काम तेज होने से ग्वालियर बाईपास पर सड़क के दोनों ओर जमीनों के रेट काफी महंगे हो गए हैं। सर्किल रेटों में भी जुलाई माह से इस क्षेत्र की जमीनों के रेट काफी बढ़ा दिए गए थे। जिसके कारण प्राइवेट बिल्डर इस क्षेत्र में खासे सक्रिय हो गए थे। अगले दो वर्षो में यहां पर चहल-पहल की संभावना को देखते हु्ए लोगों ने कृषि भूमि को खरीदना शुरू कर दिया था। “गांव बसा नहीं लुटेरे पहले आ गए” यह पुरानी कहावत है लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जिले इटावा में लायन सफारी आसपास और उससे लगे कई किलोमीटर के दायरे में सरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा करने वालों की बाढ़ आ गई है। इसी कारण खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को दखल देना पड़ा। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दखल के बाद प्रशासनिक अफसरों ने मान लिया है कि इटावा मे बनाई जा रही लायन सफारी इलाके के आसपास की ज़मीन पर भूमाफिया ना केवल सक्रिय है बल्कि उन्होंने बड़े स्तर से कालोनियों को बनाने के इरादे से प्लाटिंग कर डाली है। अधिक से अधिक कमाई के करने के मद्देनज़र कोलोनाइजरों ने लायन सफारी के आसपास की बेसकीमती सरकारी और ग़ैरसरकारी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया और विभिन्न किस्म का निर्माण कर डाला। करीब एक साल से लंबी कवायद के बाद कब्जेदारो के खिलाफ प्रशासन ने मोर्चा खोलते हुए नोटिस जारी किए हैं। 15 के करीब जारी किए गए नोटिसों में 30 से अधिक लोगों को जद लिया गया है। लायन सफारी के आसपास की ज़मीन पर लगातार हो रहे अवैध निर्माण को लेकर जिला प्रशासन की निगाह तब टेढ़ी हुई जब खुद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मामले मे दखल किया। लायन सफारी का काम तो वैसे धीरे-धीरे करके एक वर्ष के आसपास हो गया है लेकिन प्रशासनिक अफसरों को खबर होने के बावजूद इतना समय संज्ञान में लेने के लिए लगा देने से यह माना जा रहा है कि प्रशासनिक अफ़सर जानबूझकर अंजान बनने का नाटक करते रहे लेकिन अब प्रशासनिक अफसरों की जगाहट यह बता रही है कि उनके ऊपर बड़ा दबाव बन पड़ा है।

लायन सफारी के आसपास लगातार जमीनों पर हो रही प्लाटिंग की खबरों के मिलने के बाद इटावा जिलाधिकारी पी. गुरु प्रसाद के निर्देश पर विनियमित क्षेत्र के अधिकारी हरकत में आए और बगैर नक्शा पास कराए आर.बी.ओ एक्ट में 15 नोटिस जारी कर दिए गए हैं। इनमें 30 से अधिक लोगों को जद में लिया गया है। जिन लोगो को नोटिस जारी किए गए हैं उनमे लल्ला सिंह, हरकिशन, मुन्ना ज्वैलर्स, मनोज दिवाकर, धीर सिंह, सुभाष, हरिनाथ सिंह दीक्षित, कोमल सिंह, श्रीमती माया कुशवाहा, जयवीर, कल्लू, मीरादेवी, कल्लू, हाकिम सिंह, महावीर सिंह, महादेव, वीरेंद्र, राजेंद्र, सुरेंद्र, रामप्रसाद, हरीकिशन, रामबख्श, श्रीचंद्र, प्रमोद, जलदेवी, कमलेश राजकुमार, प्रेमचंद्र के अलावा एक ऐसी समिति है जिसका नाम शांती सहकारी आवास समिति, इटावा भी है जिसके अध्यक्ष कृष्ण मुरारी दुबे के खिलाफ अलग-अलग तीन नोटिस जारी किए गए हैं। यह नोटिस गांव बुलाकीपुर लुहन्ना व कस्बा इटावा के अंतर्गत पड़ने वाली जमीनों पर जारी किए गए हैं। इन नोटिस वालों में अधिकतर लोग समाजवादी पार्टी से जुड़े हैं। इटावा के राजनीतिक हलकों में फैली खबरों को अगर सच माना जाए तो मुख्यमंत्री के फूफा अजंट सिंह इन कब्जेदारों के सबसे बड़े संरक्षक हैं।

लायन सफारी में अवैध निर्माणलायन सफारी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है क्योंकि लायन सफारी उनके पिता मुलायम सिंह यादव का सपना है जिसे पूरा करने के लिए अखिलेश यादव ने अपनी पूरी ताकत लगा रखी है। इस प्रोजेक्ट पर काम तेज होने से ग्वालियर बाईपास पर सड़क के दोनों ओर जमीनों के रेट काफी महंगे हो गए हैं। सर्किल रेटों में भी जुलाई माह से इस क्षेत्र की जमीनों के रेट काफी बढ़ा दिए गए थे। जिसके कारण प्राइवेट बिल्डर इस क्षेत्र में खासे सक्रिय हो गए थे। अगले दो वर्षो में यहां पर चहल-पहल की संभावना को देखते हु्ए लोगों ने कृषि भूमि को खरीदना शुरू कर दिया था। कुछ क्षेत्रों में ग्वालियर बाईपास पर प्लाटिंग भी शुरू हो गई थी। जिसके कारण जमीनों के भाव काफी बढ़ गए थे।

जमीनों को बिना नक्शे के विनियमित क्षेत्र में पास कराए जाने की सूचना मिलने पर जिला प्रशासन हरकत में आया और ऐसे पन्द्रह नोटिस जारी किए गए हैं। अपर जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह की तरफ से नोटिस जारी कर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। इन लोगों से एक सप्ताह के अंदर जवाब मांगा गया है। अपर जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि अभी फिलहाल राजस्व विभाग के अफसरों के स्तर पर लायन सफारी इलाके के आसपास बिना अनुमति कराए जा रहे कार्यों पर रोक लगा दी गई इसके साथ ही कब्ज़े वाली जमीनों से संबंधित सभी दस्तावेज़ों को संकलित कराया जा रहा है। आरबीओ एक्ट में विनियमित क्षेत्र अधिकारी अवैध निर्माण पाए जाने पर कम से कम 10 हजार रुपए जुर्माना या अवैध निर्माण को गिरवा भी सकता है। एकाएक मालामाल बनने की मंशा के चलते हथियार बंद भूमाफियाओं के झुंड जंगल की ज़मीन पर कब्ज़ा करने मे जुटे हुए थे। जंगल की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की प्रकिया लायन सफारी प्रोजेक्ट की आड़ में खुद को मालामाल करने की गरज मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जिले इटावा में की जा रही हो तो इसे हैरत की बात नहीं माना जाना चाहिए।

लायन सफारी में अवैध निर्माणमुख्यमंत्री अखिलेश यादव के जिले इटावा मे जंगल ज़मीन कब्ज़ा कांड की भनक उनके ही खास लोगों के जरिए होने के बाद खुद अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अफसरों की जमकर के क्लास लगाई। पूरे मामले के बाद प्रशासनिक अफसरों अपने आप को बचाते हुए नजर आ रहे है एक दूसरे के उपर ज़िम्मेदारी डालने की कवायद की जी रही है। जंगल की ज़मीन पर कब्ज़े का मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में आने के बाद सभी संबंधित विभागों के अफसरों के हाथ पांव फैल गए हैं।

जंगल की ज़मीन पर कब्ज़ा बड़ी ही होशियारी से किया गया है कि इटावा ग्वालियर राजमार्ग पर इटावा से टिक्सी मंदिर के मध्य तक भूमाफियाओं की ओर से इस कार्य को अंजाम दिया जाता रहा है। बड़ी-बड़ी मशीनों की सहायता से जंगल की ज़मीन को सपाट करके कब्ज़ा किया गया है। मौके पर जा कर देखने को मिल रहा है कि इटावा ग्वालियर राजमार्ग के किनारे-किनारे सैकड़ों की तादाद में कब्जाधारियों ने जंगल की ज़मीन को सपाट करके कब्ज़ा कर लिया।

लायन सफारी में अवैध निर्माणज़मीन समतली करण का काम हथियार बंद लोगों की मदद से कराए जाने के कारण आम आदमी तो दूर कोई सामान्य व्यक्ति भी सवाल नहीं खड़ा कर पाया। समतलीकरण प्रकिया वाले इलाके से चंद कदम की दूरी पर रहने वाले लोग इस बात का सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आज़ादी के बाद से हमेशा वन विभाग या फिर दूसरे सरकारी विभाग इन उबड़-खाबड़ जंगली ज़मीन पर अपना हक जताता रहा है लेकिन आज अचानक ऐसा क्या हो गया कि सभी हक़दार लोग पीछे हट गए जिससे भूमाफिया सक्रिय हो चले हैं।

पर्यावरणीय नियमों को बलाये ताक में रख करके जो काम किया जा रहा है उससे लोग हैरत में पड़े हुए हैं। ओल्ड फॉरेस्ट की धारा 20 नहीं हुआ है इसी कारण गैर सरकारी लोग सरकारी ज़मीन में दखलंदाज़ी करके कब्ज़ा करने की प्रकिया अपना रहे हैं। जब से उत्तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार आई है तभी से जंगल की ज़मीन पर कब्ज़ा करने की कवायदें शुरू कर दी गई थी।

लायन सफारी में अवैध निर्माणपर्यावरणीय संस्था के सचिव डॉ.राजीव चौहान का कहना है कि वे पहले से ही लगातार इस बात को इंगित करते रहे हैं कि लायन सफारी इलाके के आसपास कोलोनाइजर सक्रिय हो कब्जेदारी के प्रकिया में शामिल हैं लेकिन उनकी बात को स्थानीय प्रशासन स्तर पर नज़रअंदाज़ किया जाता रहा है अब जब नोटिस जारी की प्रकिया अपनाई गई है उससे एक उम्मीद बंधी है कि अब कुछ न कुछ होगा इन कब्जेदारों के खिलाफ।

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