आपका स्वास्थ्य आपके स्वच्छ हाथों में है

बचपन से ही हम सब हाथ धोते आये हैं तो इसमें नया क्या है? जी हां, अक्सर जल्दबाजी में हाथ ठीक से नहीं धोते। लेकिन क्या आप जानते हैं कुछ क्षणों को बचाने की कीमत हमें बाद में लम्बी बीमारी से चुकानी पड़ सकती है। यदि आप अक्सर हाथ नहीं धोते तो आप, बहुत जगहों से कीटाणु ले सकते हैं, और फिर स्वयं को ही नहीं अपने आसपास के लोगों को भी हानि पहुंचा सकते हैं।

हाथ धोना क्यों महत्वपूर्ण है?


हाथ धोने से केवल मिट्टी, धूल या तेल ही नहीं, सूक्ष्म जीवाणु भी दूर हो जाते हैं। ये स्वच्छ व्यवहार एवं अभ्यास केवल स्वास्थ्य कर्मियों के लिए ही नहीं, आम जनता, बच्चे, व्यस्क एवं बूढ़े सभी के लिए महत्वपूर्ण है।

ये सिद्ध हो चुका है कि बच्चों में हाथ ठीक प्रकार से धोने की आदत डालने से दस्त और निमोनिया की बीमारी 30 से 40 प्रतिशत कम होती है। इसके अलावा फ्लू (एच1एन1 सहित) दस्त, चिकन पोक्स, पीलिया, टी.बी. इत्यादि रोगों से भी हाथों की सफाई रखने से बचाव होता है। यह संक्रामक रोगों से बचने का एक प्रभावशाली उपाय है।

हाथ कब धोयें?


यूं तो हमें जब भी हाथ गंदे दिखते हैं, हम इन्हें धो लेते हैं। लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है हमें इन परिस्थितियों अवश्य हाथ धोने चाहिए।

• खाना बनाने एवं परोसने से पहले
• खाना खाने से पहले और बाद में
• शौचालय जाने के बाद
• बच्चे का डायपर बदलने के बाद
• किसी रोगी से संबंध के बाद
• खॉसी, छींक एवं नाक साफ करने के बाद
• जानवर को छूने के बाद
• कचरा छूने के बाद
• किसी सार्वजनिक वाहन में यात्रा करने के बाद

शेक्सपीयर की लेडी मेकबेथ की कल्पना की तरह, बार-बार हाथ धोने से, अपराध या दोष तो नहीं धुलेंगे, मगर कीटाणु अवश्य दूर हो जाएंगे।

हाथ कैसे धोए?


हाथ धोने की तकनीक- अपने हाथों को केवल पानी से न धोइए अकेले पानी त्वचा की सफाई के लिए सक्षम व पर्याप्त नहीं है। कुछ धर्मों में केवल हाथ धोने की प्रथा, मात्र एक प्रतीक ही है। सही तकनीक से हाथ धोने पर ही हम रोगों से बचाव कर सकते हैं। डब्ल्यू एच ओ के अनुसार, हमें पांच कदमों का पालन करना चाहिए:-

• हाथ गीले करे (गर्म या ठण्डे पानी से)
• साबुन लगा कर झाग पैदा करें
• फिर 20 सेकेंड तक दोनों हाथों को आपस में रगड़ें,
• हथेलियां, हाथों की पृष्ठ उंगलियों के बीच, नाखून, अंगूठा उंगलियों का टिप्स और राईट्स
• फिर उसके बाद पानी से हाथ धो डालें, तथा एक सूखे, साफ तौलिये से हाथ पोंछे।

आपको हाथ धोने के लिए किसी विशेष साबुन की आवश्यकता नहीं है। घरों में इस्तेमाल होने वाला, ठोस या तरल साबुन उत्तम है। एंटीसेप्टिक साबुन की आवश्यकता नहीं है। आज हेंड सेनिटाईजर भी बाजार में उपलब्ध है। यदि पानी की कमी हो, या किसी समय पानी उपलब्ध न हो तो हेंड सेनिटाईजर बिना पानी के इस्तेमाल करने से वही फायदा होता है।

रक्षा की पहली पंक्ति


जरा याद कीजिए, आज सुबह से आपने किन वस्तुओं को छुआ है। आपकी नाक, कान, मुंह, टेलीफोन, अखबार, मैगजीन, कुर्सी, बाथरूम का दरवाजा, बिजली का स्विच, लिफ्ट का बटन, दरवाजा या दरवाजे का हैंडल या फिर किसी से हाथ मिलाया है और या पालतू जानवर से खेले हैं। इन सबमें से किसी के भी संपर्क में होने से आप उनके कीटाणु पकड़ लेते हैं।

सही तकनीक से 20 सेकेंड तक हाथ धोना, स्वयं को रोगों से बचाने का उत्तम उपाय है। यदि आपका हाथ साफ नहीं है तो हाथ साफ कीजिए।

आपका स्वास्थ्य आपके स्वच्छ हाथों में है। तो ध्यान रखें, अगली बार आपके हाथों में नौ नौ चूड़ियां हो, मेंहदी हो या फिर किसी का आंचल, बैक्टीरिया और वायरस नहीं होने चाहिए।

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