बढ़ते जलस्तर ने अमेरिकी शहरों के लिए खतरा पैदा किया


समुद्र का बढ़ता जलस्तर कई बड़े अमेरिकी तटीय शहरों को 2100 तक बुरी तरह प्रभावित करेगा। यूनिवर्सिटी ऑफ एरिजोना के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक शोध में यह बात सामने आई है कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण अमेरिका के करीब 180 बड़े शहरों की करीब 9 फीसदी भूमि के ऊपर खतरा मंडरा रहा है। शोधकर्ताओं के मुताबिक 2100 तक इन शहरों की 9 फीसदी भूमि समुद्र में समाहित हो जाएगी।

 

खाड़ी देश भी हैं निशाने पर


अमेरिकी शहरों के अलावा खाड़ी देशों और दक्षिण अटलांटिक तटों पर भी गहरा आघात पहुंच रहा है। मियामी, न्यू ओर्लियंस, तांपा, फ्ला और वर्जिनीया बीच की करीब 10 फीसदी भूमि 2100 तक डूब जाएगी। शोधकर्ताओं ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग और ग्लैसियर के पिघलने के कारण समुद्र का जलस्तर बढ़ता जा रहा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि समुद्र का जलस्तर करीब 1 मीटर की दर से बढ़ रहा है और यह क्रम 2100 तक जारी रहेगा।

 

खतरा लगातार बढ़ रहा है


प्रमुख शोधकर्ता जर्मी एल. वीस्स ने बताया कि समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण खतरा बढ़ता जा रहा है। इसके कारण असामयिक बाढ़, भू-क्षरण, सैलाब की वीभिषिका देखने को मिल रही है। शोधकर्ताओं ने बताया कि 2000 की जनगणना के अनुसार अमेरिका के प्रमुख तटीय शहरों में करीब 40.5 मिलियन लोग रहते हैं। इनमें 20 शहर ऐसे हैं, जहां तीन लाख लोग रहते हैं। समुद्र के बढ़ते जलस्तर के कारण इन सभी के ऊपर खतरा मंडरा रहा है।

 

वैश्विक तापमान में वृद्घि


वीस्स ने बताया कि वर्तमान में जिस दर से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन हो रहा है, उस दर से 2100 तक वैश्विक तापमान में आठ डिग्री फॉरेनहाईट की वृद्घि हो जाएगी। इसके कारण कुछ तटीय देशों में समुद्र का जलस्तर 4 से 6 मीटर तक बढ़ने की संभावना है। इसका सबसे बड़ा कारण बढ़ते तापमान के कारण ग्रीनलैंड और अंटार्कटिका की बर्फ का तेजी से पिघलना है। वीस्स ने बताया कि बोस्टन और न्यूयॉर्क समेत करीब नौ बड़े देशों के ऊपर खतरा बहुत अधिक है। इन शहरों की करीब 20 फीसदी भूमि समुद्र के जलस्तर में समा सकती है। वीस्स ने बताया कि उनका शोध तटीय प्रदेशों में रहने वाले लोगों के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि समय रहते उन्हें उचित फैसला करने में मदद मिलेगी।

 

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