भू-जल में लगातार प्रदूषण, पर्यावरणविद् चिन्तित

गाजियाबाद। गाजियाबाद में भू-जल लगातार प्रदूषित हो रहा है। लेकिन इस पर अंकुश के लिए सरकारी तंत्र का बिल्कुल ध्यान नहीं है जिसका नतीजा यह है कि कई क्षेत्रों में मानकों से आठ सौ गुना ज्यादा क्रोमियम भू-जल में मिल गया है।

रिपोर्ट आने पर आरडब्ल्यूए के दो संगठनों ने सरकारी तंत्र से निराशा जताते हुए अपने सदस्यों को प्रस्ताव भेजा है कि वे सरकारी तंत्र के भरोसे न रहे बल्कि खुद ही भू-जल के सैम्पल लेकर जाँच कराए तथा विधिक कार्रवाई करें।

उल्लेखनीय है कि पिछले कई सालों से भू-जल लगातार प्रदूषित हो रहा है। साथ ही भू-जल का स्तर भी लगातार नीचे जा रहा है। स्थिति यह है कि पाँच साल पहले जहाँ पर 50 से 60 फुट पर पानी आ जाता था अब वह 180 से 200 फुट पर बोरिंग करना पड़ रहा है। इतना ही नहीं भू-जल जल लगातार दूषित भी हो रहा है। पिछले दिनों एक जाँच रिपोर्ट में भू-जल में मानकों से आठ सौ गुना ज्यादा क्रोमियम पाया गया था। क्रोमियम के कारण लोहियानगर में पीला पानी आ रहा था।

नगर निगम को कई नलकूप व हैण्ड पम्प बन्द करने पड़े थे। इसके लिए मेरठ रोड स्थित श्रीराम पिस्टन व अन्य कई उद्योगों को जिम्मेदार ठहराया गया था। पर्यावरण वाहिनी के अध्यक्ष विजय पाल बघेल कहते हैं कि केवल लोहिया नगर का ही पानी दूषित नहीं हुआ है बल्कि मुकंदनगर, पटेलनगर, डेल्टा कॉलोनी, मेरठ रोड औद्योगिक क्षेत्र में भू-जल प्रदूषित हो गया है।

प्रमिसिबल लिमिट से ज्यादा क्रोमियम मिलने पर्यावरणविद चिन्तित हो चुके हैं। आरडब्ल्यूए फेडरेशन के अध्यक्ष कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है।

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