मृदा कण जल को जितने आकर्षण बल से रोके रहते हैं उसे मापने के लिए केशिकीय विभव प्रयुक्त होता है। साधारणतया इसको उस ‘कार्य’ के रुप में व्यक्त करते हैं जो जल को मृदा से बाहर केशिकीय बलों के विरुद्ध खींचने के लिए आवश्यक होगा।
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