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Chandrabhaga lake in Hindi

उड़ीसा की राजधानी भुवनेश्वर से 65 कि.मी. दूर कोणार्क से मात्र 3 कि.मी. दूर चन्द्रभागा झील कभी चन्द्रभागा नदी रही थी जो अब एक सीमित दायरे में सिमट कर रह गई है। यह सरोवर रूपी झील अत्यन्त पवित्र मानी जाती है। कहा जाता है कि कृष्ण के पुत्र शाम्बु ने एक दिन छुपकर माता-पिता के कक्ष में झांक लिया था जबकि कृष्ण केलिक्रीड़ा में निमग्न थे। कृष्ण द्वारा उन्हें कुष्ठ रोगी होने का शाप दे दिया गया। दरअसल यह अभिशाप अपराध से अधिक कठोर था। शाम्बु को मुनिवर नारद ने सलाह दी कि वह चन्द्रभागा नदी के किनारे तपस्या करे तभी उसकी शापमुक्ति हो पायेगी। शांम्बु ने चंद्रभागा के तट पर सूर्य भगवान की आराधना स्वरूप कठोर तप किया। शाम्बु को इस साधना से रोग मुक्ति भी हुई और यह स्थल भी हमेशा के लिए रोग मुक्ति हेतु हो गया। आज भी लोगों की यही आस्था है कि इस झील में स्नान करने से रोगों का शमन हो जाता है। माघ सप्तमी के दिन इस झील पर विराट मेला लगता है। सात किलोमीटर की रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालु रथ खींचने में भाग लेते हैं। झील में स्नान करके सूर्य की पूजा-अर्चना की जाती है। माघ सप्तमी का यह मेला चन्द्रभाग तट को नृत्य-गायन-वादन से गुंजित कर देता है। तरह-तरह की नाटक मंडलियों व खेल-तमाशों के कारण माघ सप्तमी का दिन जीवंत हो उठता है।

उड़ीसा का हीरा कुंड डैम भी दर्शनीय है।

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संदर्भ:
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