दिल्ली का प्यास

18 Feb 2009
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पानी के प्लांटों को आपस में जोड़ने के लिए होगी स्टडी


16 Feb 2009/नवभारत टाइम्स / वरिष्ठ संवाददाता

नई दिल्ली।। राजधानी के सभी वॉटर ट्रीटमेंट प्लांटों को एक दूसरे से जोड़ने व राजधानी में लोगों को बेहतर पानी की सप्लाई करने की योजना बनाने के लिए दिल्ली जल बोर्ड जापान इंटरनैशनल कॉर्परेशन एजंसी (जीआईसीए ) से स्टडी कराएगा। जल बोर्ड के इस प्रस्ताव पर सोमवार को दिल्ली कैबिनेट ने भी अपनी मुहर लगा दी। स्टडी पर करीब 2 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी।

जानकारी के मुताबिक, यह स्टडी 21 महीने के अंदर पूरी होगी। स्टडी के लिए 18 अगस्त से 19 सितंबर 2008 के बीच जीआईसीए के 6 सीनियर अधिकारियों ने राजधानी के 2 वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों का मुआयना भी किया था। स्टडी में पानी के लिए बनने वाला मास्टर प्लान-2021 भी शामिल किया जाएगा। 2021 तक राजधानी की आबादी 2.21 करोड़ हो जाएगी। इस आबादी को 1380 एमजीडी पानी की जरूरत होगी।

पानी के लिए कहां प्लांट लगाए जाएं, पानी की सप्लाई कैसे हो, सीवेज सिस्टम कैसा हो, वॉटर मैनिजमेंट सिस्टम को कैसे बेहतर बनाया जाए। इन सारे पॉइंट्स पर स्टडी की जाएगी। गैरराजस्व पानी को कैसे रोका जाए। पानी की निगरानी करने के लिए सुपरवाइजरी कंट्रोल ऐंड डेटा एक्यूविजिशन (स्काडा ) सिस्टम कैसे लगाया जाए - यह भी स्टडी के जरिए पता लगाया जाएगा। इससे पहले साउथ जोन-2 व 3 में भी इसी तरह की एक स्टडी कराई जा चुकी है।

Tags -Water supply ( Hindi ), Delhi Jal Board ( Hindi ), Japan International corporation agency (Jiaisia) ( Hindi ), Study ( Hindi ), Water Treatment Plant ( Hindi ), Sivej Treatment Plant ( Hindi ), for water ( Hindi ), water needs ( Hindi ), water system management

साभार - नवभारत टाइम्स

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