गांवों के लिए भी बन रहा है मास्टर प्लान

6 Aug 2014
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आजादी के बाद से ही हमारी सरकारों का पूरा फोकस शहरों की तरफ रहा। शहरों की बढ़ती जरूरतों के मद्देनजर मास्टर प्लान बनें, मगर गांव उनकी नजरों से उपेक्षित ही रहा। यही वजह है कि तरक्की की राह में आज गांव काफी पीछे छूट गए हैं। गांवों में न तो सड़कें दुरुस्त हैं और न ही बुनियादी सहुलियतों के लिए कोई जगह। शहरों के साथ-साथ यदि गांवों के लिए भी मास्टर प्लान बनता, तो उनकी भी तस्वीर कुछ और जुदा होती।

राजस्थान, गांवों का मास्टर प्लान बनाने वाला देश में पहला राज्य हो गया है। मास्टर प्लान बनाने से जहां गांवों का सुनियोजित विकास मुमकिन होगा, वहीं अतिक्रमणों पर भी रोक लगेगी। जाहिर है इससे गांवों की पूरी तस्वीर ही बदल जाएगी।शहरों की तर्ज पर गांवों के विकास के लिए भी एक अलग मास्टर प्लान हो, इस नुक्ते पर समय-समय पर विचार होता रहा है, लेकिन आगे बढ़कर कोई राज्य इस तरह की पहल करे, इसमें हमेशा एक हिचकिचाहट रही है। इस पसोपेश में यदि देखें, तो राजस्थान सरकार ने गांवों का मास्टर प्लान तैयार कर पूरे देश के सामने एक नई मिसाल पेश की है। ऐसे समय में जब कई राज्यों में शहरों का भी मास्टर प्लान तैयार नहीं, राजस्थान में गांवों का मास्टर प्लान तैयार होना सचमुच एक बेहतरीन कदम है।

राजस्थान, गांवों का मास्टर प्लान बनाने वाला देश में पहला राज्य हो गया है। राज्य का नगरीय विकास विभाग दस हजार की आबादी तक की आबादी वाले सभी सौ गांवों का मास्टर प्लान तैयार कर चुका है और अब पांच हजार तक की आबादी वाले गांवों का मास्टर प्लान बनाने की तैयारी कर रहा है। राज्य में ऐसे गांवों की संख्या कोई तीन सौ है।

इन गांवों का मास्टर प्लान बनाने के लिए ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को नोडल एजेंसी बनाया गया है। इस काम में उसकी मदद शहरी निकायों के टाउन प्लानर और कंसलटेंट करेंगे। यह काम जल्दी ही शुरू होगा। सभी गांवों के जब मास्टर प्लान तैयार हो जाएंगे, तो ठीक शहरों की तर्ज पर इनका भी सुनियोजित विकास मुमकिन होगा। मास्टर प्लान बनाने से जहां गांवों का सुनियोजित विकास मुमकिन होगा, वहीं अतिक्रमणों पर भी रोक लगेगी। जाहिर है इससे गांवों की पूरी तस्वीर ही बदल जाएगी।

बहरहाल, ये मास्टर प्लान ठीक उसी तरह से बनाए गए हैं, जिस तरह से शहरों के होते हैं। अलबत्ता इन्हें तैयार करने में विशेषज्ञों की सलाह के बनिस्बत स्थानीय ग्रामीण लोगों की सलाह को प्राथमिकता दी गई है। तैयार किए गए मास्टर प्लान में अगले बीस साल के संभावित विकास के लिए आवश्यक सुविधाओं और विस्तार के परिप्रेक्ष्य में जरूरी प्रावधान कर जनसंख्या के अनुपात में कौन सी सुविधाएं कब-कब करानी अपेक्षित होंगी, इसका पूरा विवरण है।

मास्टर प्लान में गांव में उपलब्ध कृषि, खनिज, वन संसाधनों के गांव के विकास पर पड़ने वाले प्रभाव को भी ध्यान में रखा गया है। गांव में स्थित तालाब, बाबड़ी, पहाड़ आदि को सुरक्षित रखने व विकसित करने पर भी जोर दिया गया है। इसी तरह जो गांव मुख्य राष्ट्रीय मार्ग, राज्य मार्ग, जिला स्तरीय एवं अन्य महत्वपूर्ण सड़कों के नजदीक हैं, वहां कोई विकास कार्य प्रस्तावित किया जाए, तो नियमानुसार सड़कों के केन्द्र बिंदु से दोंनो ओर आवश्यक चौड़ाई की जगह छोड़ना जरूरी होगा।

इसके अलावा मास्टर प्लान की मदद से गांवों में स्कूल, अस्पताल, खेल का मैदान, आंगनबाड़ी केंद्र, शमशान, कब्रिस्तान, सामुदायिक केंद्र, बस स्टैंड, पानी की टंकी और बिजली घर का भी निर्माण मुमकिन होगा। यही नहीं जिन गांवों में वर्तमान में कोई पानी का तालाब, पोखर आदि नहीं है, वहां वर्षा के पानी को एकत्र करने के लिए निकट तालाब, पोखर आदि का प्रावधान किया गया है। मास्टर प्लान सिर्फ गांवों के विकास के ही काम नहीं आएंगे, बल्कि पंचायत समिति स्तर पर योजनाओं के क्रियान्वयन में भी इनकी अहम भूमिका होगी। इसी मकसद से ग्रामसभा से अनुमोदित नक्शे को पंचायत समिति पर परीक्षण कराकर प्लान तैयार कराया जाएगा। इसे पंचायत समिति स्तरीय साधारण सभा से अनुमोदित करवाया जाएगा।

कुल मिलाकर मास्टर प्लान के जरिए सरकार का मकसद राज्य में सड़कों, जल निकायों और स्कूलों समेत सार्वजनिक उद्देश्य के लिए भूमि को आरक्षित करना है। ताकि विभिन्न जनोपयोगी योजनाओं को ग्राम पंचायतों द्वारा आसानी के साथ क्रियान्वित किया जा सके। एक लिहाज से देखें, तो गांवों के मास्टर प्लान में सैद्धांतिक रूप से कहीं कोई कमी नहीं है। असल परेशानी इसको अमलीजामा पहनाने में ही होगी। राजस्थान सरकार जमीनी स्तर पर इसको किस तरह क्रियान्वित करेगी, यह जानने वाली बात होगी। खास तौर पर अतिक्रमण हटाने और जमीन का अधिग्रहण करने में कई व्यवहारिक दिक्कतें पेश आ सकती हैं। विकास के लिए पर्याप्त बजट भी एक समस्या है। यदि इन सब समस्याओं पर पार पा लिया गया, तो निश्चित तौर पर इसके अच्छे नतीजे हासिल हो सकते हैं।
(लेखक का Email: jahidk.khan@gmail.com)

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