गिरधारी का अधूरा कुआं नहीं हुआ पूरा

12 जनवरी 2014, महोबा। अपने खेत में 30 फुट गहरा कुआं खोदकर छ: साल पहले पानी का जतन तो किया था। उसके निर्माण में खुद परिवार सहित मेहनत भी की, और 32 हजार मजदूरी पर खर्च किया। लेकिन उसे पक्का नहीं करवा सके। तो बरसात में जस का तस मिट्टी से पट गया। पक्का न कर पाने की वजह बना नातिन की शादी।

महोबा जिले के सलारपुर गांव में किसान गिरधारी पुत्र लक्ष्मन ( उम्र 80) अपने जीवन का अनुभव बताते हैं और कहते हैं कि मैं अपने 3 एकड़ खेत में सवा कुन्तल चना पैदा कर पाया हूं। इस खेती से परिवार को खुशहाल नहीं बना सका। मजदूरी का सहारा लेकर बड़े ही मशक्कत से परिवार को सिर्फ रोटी दे सका।

गिरधारी के पुत्र काशी (उम्र 50) ने कुछ वर्ष पहले दूर के जलस्रोत से डीजल पम्प रखकर 800 फुट लम्बे पाइप जोड़कर खेत तक पानी लाकर फसल की सिंचाई की थी। फसल का उत्पादन तो जरूर बढ़ा था, पर लागत भी अधिक आई। काशी अपने पट चुके कुंआ की ओर इशारा कर बताते हैं कि हमारी कोशिश थी कि इसे फिर बनायें। कोशिश भी की कि सरकार की मदद से बन जाये पर नाकाम रहा।

काशी को पता चल गया तालाब और कुंआ में अन्तर


इस साल अपने खेत में 15×15×3मीटर का तालाब बनाया जिससे उम्मीद बनी है। इस तालाब को अब पांच मीटर गहरा करने की तैयारी में है। उनको पहली बार ऐसा भरोसा हो रहा है कि अब खेत की फसल से फायदा होगा। काशी अपने खेत की मिट्टी को दिखाकार उपजाऊ न होने का अफसोस तो जाहिर करता है। वहीं पानी के आ जाने पर उगी फसल से नई आशा बनी है।

खेत की मेड़ से बरसाती नाले का होना ही गिरधारी के खेत की मिट्टी का तेजी से क्षरण हुआ है। और नीचे की परत वाली पथरीली, ककरीली परत ऊपर आई है। अब तालाब से निकाली गई मिट्टी-कंकर की बन्धी के सहारे वर्षा में बहने वाली मिट्टी को रोकने की तैयारी भी कर रहे हैं। किसान इस बात को जानता है कि खेत की उपजाऊ मिट्टी को बहने से रोकना लाभकारी है। काशी को तालाब और कुंआ के बीच का अन्तर अब पता चला है। तालाब वर्षा जल को सचिंत कर भूमि की नमी बनाए रखता है। सिंचाई के लिए फसल को पानी भी देता है और बहने वाली मिट्टी को संजोकर रखता है। कुंआ सिर्फ भूमि के अन्दर का पानी देता है। वह भी कम मात्रा में। जो तालाब की अपेक्षा खर्चीला है।

काशी अपने तालाब की गहराई बढ़ाकर एक छोटे डीजल पम्प की जरूरत महसूस कर रहा है। जिससे वह अपना सिंचाई पम्प से दिन में सिंचाई कर साइकिल पर रखे और घर ले जाए। अभी तो नहीं पर अपने पानी का भण्डारण देखकर वह सोचेगा कि कौन-कौन सी फसले ले सकता है। इस साल तालाब की पाल और बंधियों पर जरूरत के पेड़ लगाने का मसौदा बना चुके हैं काशी अनुरागी।

किसान का पता-किसान गिरधारी पुत्र लक्ष्मन
ग्राम- सलारपुर
विकासखण्ड- कबरई
जनपद- महोबा, बुन्देलखंड

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