ग्रामीण जल व स्वच्छता कमेटी की कार्य कुशलता बढ़ाने के लिए पुस्तिका

11 May 2013
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जल एवं स्वच्छता सहायक संगठन (वाटर एंड सेनिटेशन सपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन) वासो, हरियाणा ने ग्रामीण जल एवं स्वच्छता कमेटी की कार्यकुशलता बढ़ाने के लिए एक पुस्तिका तैयार की है। जिसमें पानी के संरक्षण और परीक्षण तथा स्वच्छता के लिए कारगर साबित हो सके। पानी को टेस्ट करने की विधि के तहत पीने के पानी को जीवाणु रहित करने के लिए ब्लीचिंग पाउडर या क्लोरीन का इस्तेमाल किया जाता है। कीटाणुओं को प्रभावी रूप से नष्ट करने के लिए उसमें क्लोरीन की अवशेष मात्रा को जानना अति आवश्यक है। यदि क्लोरीन से जीवाणु रहित किए जल में अवशेष क्लोरीन की मात्रा पाई जाती है तो वह जल जीवाणु रहित है। पीने के पानी में अवशेष क्लोरीन की मात्रा सामान्यतः 1.0 मिली ग्राम प्रतिलीटर (पी.पी.एम.) से अधिक नहीं होना चाहिए।

इस पुस्तिका में ग्राम पंचायत की भूमिका के बारे में भी बताया गया है कि वह गांव में जल का संरक्षण और स्वच्छता अभियान कैसे चला सकता है। पानी में जीवाणुओं का परिक्षण और संरक्षण, कृषि क्षेत्र में जल का संरक्षण के उपाय, गांव में साफ-सफाई आदि इस पुस्तिका से जानकारियां मिल सकती है।

अधिक जानकारी के लिए संलग्नक देखें।

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