हिमाचल में अब ग्रीन ग्रोथ को मिलेगा बढ़ावा

प्रदेश में सौ करोड़ की विकास योजना ऋण स्वीकृत, प्राकृतिक संसाधनों का विकास है उद्देश्य

हिमाचल प्रदेश में ग्रीन ग्रोथ और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए विश्व बैंक ने 100 करोड़ का विकास योजना ऋण (डीपीएल) स्वीकृति किया है। वाशिंगटन डीसी में वर्ल्ड बैंक बोर्ड ऑफ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स की बैठक में हिमाचल प्रदेश में ग्रीन ग्रोथ व सतत विकास के लिए 100 मिलियन यूएस डॉलर का ऋण 18 साल की अवधि के लिए स्वीकृत किया गया। डीपीएल का उद्देश्य हिमाचल में ग्रीन ग्रोथ को बढ़ावा, प्राकृतिक संसाधनों के विकास सहित स्थाई विकास सुनिश्चित करना है। डीपीएल के तहत प्रदेश के पर्वतीय ग्रामीण क्षेत्रों में गुज़र बसर करने वाले ग्रामीणों को विकास से जोड़ने पर भी कार्य किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने इस योजना के तहत सर्वप्रथम शिमला व धर्मशाला शहरों को चुना है। इस संबंध में सीईपीटी अहमदाबाद के विशेषज्ञों की टीम 25 से 29 अप्रैल तक हिमाचल का दौरा करेगी। वर्तमान में प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन की 8 फीसदी की भागीदारी है, जिसे सरकार 15 फीसदी तक बढ़ाने के प्रयास में जुटी हुई है। ऐसे में प्रदेश के सकल घरेलू में पर्यटन की भागीदारी को बढ़ाने में विश्व बैंक का विकास योजना ऋण कारगर सिद्ध होगा।

शिमला में होगी बैठक


सीईपीटी के उच्च अधिकारियों की विशेष टीम 25 से 29 अप्रैल तक शिमला व धर्मशाला का दौरा कर ग्रीन ग्रोथ व पर्यटन में सतत विकास विकास की रिपोर्ट तैयार करेगी। टीम 25-26 अप्रैल को शिमला में प्रदेश के वन और पर्यटन अधिकारियों से बैठक करेगी। बैठक में अधिकारियों से धर्मशाला व शिमला में पर्यटक स्थलों सहित प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में आधारभूत सुविधाओं के सृजन बारे सुझाव माँगे जाएंगे।

दौरा करेगी टीम


27 व 28 अप्रैल को सीईपीटी की टीम जिला कांगड़ा का दौरा करेगी। इस दौरान टीम में शामिल अधिकारी धर्मशाला के मैक्लोडगंज सहित आसपास के रमणीक पर्यटक स्थलों का दौरा कर रिपोर्ट तैयार करेंगे। टीम के दौरे से धर्मशाला के अनछुए पर्यटक स्थलों सहित प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में अन्य आधारभूत सुविधाओं उपलब्ध करवाने की संभावनाओं तलाशी जाएंगी।

सीईपीटी अहमदाबाद की विशेष टीम 25 से 29 अप्रैल तक हिमाचल दौरे पर आ रही है। जो प्रदेश में ग्रीन ग्रोथ व सतत विकास के संबंध में शिमला व धर्मशाला का विस्तृत दौरा कर अधिकारियों व स्टेक होल्डर्स से बैठक कर इस विषय पर चर्चा करेगी।
अश्वनी सूद, डीटीडीओ, जिला कांगड़ा

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