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हंगरी गणतंत्र

हंगरी गणतंत्र इस गणतंत्र की अधिकतम लंबाई 259 किमी और चौड़ाई 428 किमी है। हंगरी, मध्ययूरोप की डैन्यूब नदी के मैदान में स्थित है। इसके उत्तर में चेकोस्लोवाकिया और सोवियत संघ, पूर्व में रोमानिया, दक्षिण में यूगोस्लाविया तथा पश्चिम में आस्ट्रिया हैं। इस देश में समुद्रतट नहीं है।

प्राकृतिक बनावट- यह आल्प्स पर्वतश्रेणियों से घिरा है। यहाँ कार्पेथिऐन पर्वत भी है जो मैदान को लघु एल्फोल्ड और विशाल एल्फोल्ड नामक भागों में विभक्त करता है। सर्वोच्च शिखर केकेस 3,330 फुट ऊँचा है। इसमें दो बड़ी झीलें हैं  (1) बालाटान (लंबाई 775 किमी और चौड़ाई 5 किमी) (2) न्यूसीडलर (इसे हंगरी में फर्टो (Ferto) कहते हैं)। प्रमुख नदियाँ हैं : डैन्यूब, टिजा और द्रवा।

जलवायु- देश की जलवायु शुष्क है। शीतकाल में अधिक सरदी और ग्रीष्मकाल में अधिक गर्मी पड़ती है। न्यूनतम ताप 4 सें. और अधिकतम ताप 36 सें. से भी अधिक हो जाता है। पहाड़ी जिलों में औसत वर्षा 1016 मिमी और मैदानी जिलों में 381 मिमी होती है। सबसे अधिक वर्षा जाड़े में होती है जो खेती के लिए हानिप्रद नहीं होती है।

कृषि- राष्ट्र की आधे से अधिक आय कृषि से होती है। डैन्यूब नदी के मैदानों में मक्का, गेहूँ, जौ, राई आदि अनाजों के अतिरिक्त आलू, चुकंदर प्यास और सन भी उगाए जाते हैं। चुकंदर से चीनी बनाई जाती है। यहाँ अच्छे फल भी उगते हैं। अंगूर से एक विशिष्ट प्रकार की शराब टोके (Tokay) बनाई जाती है। मैदानों में चरागाह हैं जहाँ हिरण, सूअर और खरगोश आदि पशु पाले जाते हैं। पैप्ररीका (paprika) नामक मिर्च होती है। यहाँ के वनों में चौड़े पत्तेवाले पेड़, ओक, बीच, ऐश तथा चेस्टनट पाए जाते हैं।

खनिज संपत्ति- देश में खनिज धन अधिक नहीं है। लोहे, मैंगनीज और ऐलुमिनियम (बोक्साइट) के कुछ खनिज निकाले जाते हैं। लोहे के खनिज निम्न कोटि के हैं। कुछ पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस भी निकलती है। लिग्नाइट कोयला भी यहाँ निकाला जाता है। जलविद्युत्‌ के उत्पादन के साधनों का यहाँ बहुत अभाव है।

उद्योग धंधे तथा विदेशी व्यापार- आटा पीसने के अनेक कारखाने हैं। शराब पर्याप्त परिमाण में बनती है और बाहर भेजी जाती है। चीनी का परिष्कार महत्व का उद्योग है। सन से भी अनेक सामान तैयार किए जाते हैं। निर्यात्‌ की वस्तुओं में सूअर, मुर्गियाँ, सूती वस्त्र, आटा, चीनी, मक्खन, ताजे फल, मक्का, शराब, ऊन और सीमेंट आदि हैं। आयात की वस्तुओं में कच्ची रूई, कोयला, इमारती लकड़ी, नमक आदि हैं। छोटी छोटी मशीनें भी यहाँ बनती हैं और उनका निर्यात होता है। यहाँ का व्यापार सोवियत रूस, चेकोस्लोवाकिया, जर्मनी, पोलैंड, यूगोस्लाविया आदि से होता है।

अधिवासी- हंगरी के अधिवासियों को मग्यार (Magyars) कहते हैं। लगभग 90 प्रतिशत मग्यार ही यहाँ रहते हैं; शेष जनसंख्या में जर्मन, स्लोवाक, रोमानियन, क्रोट, सर्व और जिप्सी हैं। लगभग आधी जनसंख्या नगरों में रहती है। हंगरी की कुल जनसंख्या 1,00,50,000 (1962 अनुमानित) है। यहाँ के निवासी स्वतंत्र प्रकृति के और आनेवाले होते हैं। इनके लोकगीत और नृत्य सुप्रसिद्ध हैं। यहाँ के लोग रंगबिरंगे वस्त्र पहनते हैं और स्वादिष्ट भोजन करते हैं1 यहाँ के रसोइए जगत्‌ प्रसिद्ध हैं। यहाँ के निवासी फुटबाल, टेनिस, घुड़सवारी, तैराकी आदि के शौकीन हैं।

भाषा और धर्म- हंगरी के 68 प्रतिशत निवासी रोमनकैथोलिक, 27 प्रतिशत प्रोटेस्टेंट तथा शेष यहूदी एवं अन्य धर्मावलंबी हैं। यहाँ की भाषा मग्यार हैं।

यातायात- हंगरी में 8800 किमी लंबी रेल, सड़कें, 60800 किमी लंबे राजमार्ग और 1920 किमी लंबा नौगम्य जलमार्ग है। यहाँ का हवाई अड्डा बहुत बड़ा है और समस्त यूरोपीय देशों से संबद्ध है। रेलमार्ग भी अन्य यूरोपीय देशों से संबद्ध है। देश के अंदर भी पर्याप्त विकसित वायु यातायात हहै।

नगर- हंगरी के प्रमुख नगर हैं : बुडापेस्ट (राजधानी), द्व्रेोत्सेन (Debrecen) जनसंख्या 1,34,019 (1961), मिशकोल्त्स (Miskole) जनसंख्या 1,50,451 (1961), पैक (Peck) जनसंख्या 1,21,170 (1961), सेगेड (Szeged) जनसंख्या 1,02,056 (1961) और ड्योर (Gyor) जनसंख्या 55,000। (रवींद्रनाथ मिश्र)

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