बाल्मीकी रामायण (2/69/17) के अनुसार जब वशिष्ठजी के दूत भरतजी को बुलाने पहुंचे तो उन्हें इक्षुमती नदी पार करके कैकय देश जाना पड़ा था। हिमालय से निकलकर कुमाऊं, रूहेल खण्ड आदि जनपदों में बहती हुई यह नदी कन्नौज के पास गंगा में समाहित हो जाती है। उर्दू में इख्तन नदी तथा उत्तर प्रदेश में काली नदी इसी के प्रचलित नाम हैं।
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संदर्भ:
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