4 साल में 134 करोड़ लोगों को मिलेगा नल से जल

23 Jun 2020
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4 साल में 134 करोड़ लोगों को मिलेगा नल से जल
4 साल में 134 करोड़ लोगों को मिलेगा नल से जल

भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘जल जीवन मिशन’ परवान चढ़ने लगी है। एक साल में देश के 85 लाख घरों में पानी का नल लगा दिया गया है। हर गांव और बस्ती की मैपिंग की जा चुकी है। अगले साल तक उत्तर प्रदेश समेत देश के नौ राज्यों के हर घर को पानी के कनेक्शन से जोड़ दिया जाएगा, जबकि अगले चार सालों में देश के 138 करोड़ लोगों को हर दिन 55 लीटर पानी पेयजल लाइनों के माध्यम से घरों में ही मिलेगा। योजना की सफलता और लोगों की सहुलियत के लिए हर गांव में जल समिति बनाई जाएगी। साथ ही महिलाओं की भी एक समिति बनाकर उन्हें प्रशिक्षण और प्रोत्साहन दिया जाएगा। 

15 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर घर तक नल से पानी पहुंचाने के लिए जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 1 अप्रैल 2019 तक देश के 15.81 करोड़ घरों में पानी का नल नहीं था। ये लोग अपनी पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए कुएं, तालाब, नदी, हैंड़पंप आदि पर निर्भर हैं। यानि इन लोगों को पानी लेने के लिए रोजाना घर से बाहर जाना पड़ता है। पानी लाने की ज्यादा जिम्मेदारी महिलाओं के ऊपर ही रहती है। जिस कारण उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कई बीमारियों का सामना करना पड़ता है। जो पानी में विभिन्न जल निकायों से भरकर लाते थे, उस पानी के स्वच्छ होने की कोई गारंटी भी नहीं थी। इसके उदाहरण देश के कई हिस्सों में देखे भी जा चुके हैं, जहां लोग पानी की कमी के कारण गंदा पानी पीने के लिए मजबूर हैं। 

1 अप्रैल 2020 तक लाखों घरों तक पानी की लाइन पहुंचा दी गई थी। अमर उजाला में प्रकाशित शरद गुप्ता की एक खबर के अनुसार ‘एक अप्रैल 2020 तक देश में ऐसे घरों की संख्या बढ़कर 4.08 करोड़ हो गई थी, जिन्हें नल से पानी मिल रहा था।’ हालांकि जल जीवन मिशन की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा आंकड़ों के अनुसार 23 जून 2020 तक देश में 18 करोड़ 93 लाख 30 हजार 879 ग्रामीण घर हैं, जिनमें से 21.96  प्रतिशत यानि 4 करोड़ 15 लाख 70 हजार 615 ग्रामीण परिवारों को नल से जल सप्लाई किया जा रहा है।  अभी कोरोना वायरस के कारण हुए लाॅकडाउन के चलते योजना का कार्य काफी धीमा हो गया है, लेकिन बिहार, गोवा, पुड्डुचेरी और तेलंगाना में इस साल हर घर में पानी का नल पहुंचाने का सरकार का लक्ष्य हे, जबकि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, गुजरात, मेघालय और सिक्किम में अगले साल तक पेयजल लाइन पहुंचाने का लक्ष्य है। 

जल जीवन मिशन के निदेशक ने अमर उजाला को बताया कि ‘हर गांव में करीब 20 से 25 लाख रुपये का निवेश होगा।’ किसी भी सरकारी योजना में सबसे बड़ा सवाल निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर ही उठता है, लेकिन जल जीवन मिशन में निर्माण कार्य की निगरानी करने के लिए हर गांव में जल समिति का गठन किया जाएगा। इसके अलावा जल जीवन मिशन के अंतर्गत महिलाओं के लिए भी रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। इसमें हर गांव की पांच महिलाओं की एक समिति बनाई जाएगी। उन्हें प्लंबर के कार्य, यानि, नल ठीक करने और मोटर ठीक करने आदि की ट्रेनिंग दी जाएगी। इससे गांव में पानी की आपूर्ति निर्बाध रूप से होती रहेगी और महिलाओं के लिए रोजगार का अवसर भी उपलब्ध होगा। हालांकि सबसे बड़ा सवाल आज भी बना हुआ है, कि सूखती नदियों और झीलों, पाताल में जाते भूजलस्तर, विलुप्त होते तालाबों और बढ़ते जल प्रदूषण के बीच, यानि घटते जल के बीच सरकार कहां से पानी लाएगी और  ‘जल’ स्वच्छता के सभी मानकों पर कैसे खरा उतरेगा ? 


हिमांशु भट्ट (8057170025)

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