'जल जागरूकता सप्ताह' के तहत कोलायत ब्लॉक में कार्यशाला

शर्मा ने बताया कि पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा फ्लोरोसिस नामक बीमारी का कारण होती है इस कारण शरीर में टेढ़ापन आ जाता है और हड्डियां मुड़ जाती है। इसी तरह पानी में नाईट्रेट की ज्यादा मात्रा से आफरा होता है जो न सिर्फ मानव के लिए बल्कि पशुओं के लिए भी घातक है। शर्मा ने बताया कि पानी में मौजूद बैक्टीरिया बीमारियों का कारण बनते हैं और वरिष्ठ रसायनज्ञ ने यह भी जानकारी दी कि बीकानेर में मौजूद क्षेत्रिय प्रयोगशाला में पानी की जाॅंच की जाती है और इस तरह की जाॅंच से पानी की वास्तविक स्थिति सामने आती है।

बीकानेर, 20 फरवरी, जल जागरूकता सप्ताह के तहत आज बीकानेर जिले के कोलायत ब्लाॅक में ब्लाॅक स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में खण्ड विकास अधिकारी वीरपाल सिंह, सहित पंचायत समिति के सदस्य, ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी, जन प्रतिनिधि, गैर सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि सहित मीडिया के प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।

इस कार्यशाला में उपस्थित लोगों ने जल व स्वास्थ्य के संबंध, जल के महत्व, जल संरक्षण की विधियाॅं, परंपरागत जल स्रोतों का संरक्षण आदि के बारे में विस्तृत चर्चा की। कार्यशाला में उद्बोधन देते हुए जिला परिषद बीकानेर के सदस्य गणपतराम विश्नोई ने कहा कि जल संकट वर्तमान में देश की महत्वपूर्ण समस्या है।

पश्चिमी राजस्थान का यह क्षेत्र शुरू से ही जल संकट की स्थिति से गुजरा है और पानी के महत्व को जानता है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोग पानी का बारबार प्रयोग करना, जल का संरक्षण करना, जल बचत करना व परंपरागत जलस्रोतों का महत्व अच्छे से जानता है परन्तु इतना होने के बावजूद भी वर्तमान में जल संकट के दौर से इसलिए गुजर रहा है कि घर-घर तक पानी की पहुॅंच ने इस समझ को विकृत कर दिया है। विश्नोई ने कहा कि जल के प्रति अपनत्व की भावना हो व पानी के प्रति जो पुराना नजरिया था वह कायम रहे।

इस अवसर पर बोलते हुए वरिष्ठ रसायनज्ञ श्री मनोज शर्मा ने जल में मौजूद विभिन्न प्रकार के रासायनिक तत्वों की जानकारी दी और बताया कि कौन सा तत्व कितनी मात्रा में हो तो जल पीने के योग्य होता है। शर्मा ने बताया कि पानी में फ्लोराइड की अधिक मात्रा फ्लोरोसिस नामक बीमारी का कारण होता है इस कारण शरीर में टेढ़ापन आ जाता है और हड्डियां मुड़ जाती हैं।

इसी तरह पानी में नाईट्रेट की ज्यादा मात्रा से आफरा होता है जो न सिर्फ मानव के लिए बल्कि पशुओं के लिए भी घातक है। शर्मा ने बताया कि पानी में मौजूद बैक्टीरिया बीमारियों का कारण बनते हैं और वरिष्ठ रसायनज्ञ ने यह भी जानकारी दी कि बीकानेर में मौजूद क्षेत्रिय प्रयोगशाला में पानी की जाॅंच की जाती है और इस तरह की जाॅंच से पानी की वास्तविक स्थिति सामने आती है। मनोज शर्मा ने सभी लोगों को शुद्ध व साफ पेयजल पीने के लिए कहा। इसी तरह कार्यशाला में मौजूद ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. अनिल वर्मा ने बताया कि पानी व स्वास्थ्य का सीधा संबंध है और शरीर में पानी की कमी से डिहाईड्रेशन हो जाता है और दूषित जल पीने से विभिन्न प्रकार की बीमारियाँ हो जाती हैं।

डाॅ. अनिल शर्मा ने बताया कि पानी का क्लोरीकरण करने से पानी बैक्टीरिया मुक्त हो जाता है और ऐसा बैक्टीरिया मुक्त पानी पीने से शरीर में बीमारियाँ नहीं होती हैं। ब्लाॅक मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ब्लाॅक में स्वास्थ्य के बारे में जानकारी दी व विभिन्न बीमारियों के कारण व रोकथाम के उपाय के बारे में बताया। कार्यशाला में बोलते हुए कोलायत ब्लाॅक के बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी रामप्रसाद हर्ष ने कहा कि गांव के विकास के लिए विभिन्न समितियां बनी हुई हैं और अगर सही तरीके से इन समितियों का कार्य सम्पन्न हो तो किसी भी गांव में कोई समस्या नहीं रहेगी। हर्ष ने कहा कि पानी वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय समस्या है और समय रहते इस समस्या की ओर गौर नहीं किया गया तो यह एक विकराल रूप लेकर सामने आएगी जिसका सामना करना मुश्किल हो जाएगा। रामप्रसाद हर्ष ने कहा कि कोलायत ब्लाॅक में ऐसे कई स्रोत हैं और कई सामुदायिक प्रयास हैं जो राज्य स्तर पर माॅडल के रूप में काम आ सकते हैं।

कार्यक्रम में अपनी बात रखते हुए कोलायत के पूर्व सरपंच फतेहसिंह भाटी ने कहा कि यह जरूरी है कि सामुदाय अपनी जिम्मेदारी को समझे, प्रत्येक गांव का हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी को समझे, नेता व जन प्रतिनिधि अपनी ज़िम्मेदारी को समझे तथा विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी अपनी ज़िम्मेदारी को समझे और इस तरह अगर प्रत्येक व्यक्ति अपनी-अपनी ज़िम्मेदारी को समझ लेगा तो किसी भी प्रकार की कोई समस्या नहीं रहेगी।

झझू गांव के पूर्व सरपंच झंवर लाल जी कार्यशाला में अपनी बात रखते हुए कहा कि सरकार ऐसी नीतियाँ बनाए जिससे परंपरागत जल स्रोतों का संरक्षण हो और गांव के तालाब कुुएॅं, बावड़ी, नाड़ी का संरक्षण किया जाए व इन परंपरागत जल स्रोतों के पायतन व आगोर का संरक्षण किया जाए।

इस अवसर पर मानवाधिकारविज्ञ विजय कुमार जोशी ने मानव जाति के लिए जल की महत्ता पर प्रकाश डाला व आने वाले समय में जल के संकट पर विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि जल के बिना जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। जोशी ने कहा कि सभी मानव सभ्यताएं जल के किनारे ही पनपी हैं व विकसित हुई हैं। अतः जल के बिना सभ्यता का विकास संभव नहीं है।

इस कार्यशाला में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के मानव संसाधन विकास सलाहकार श्री नवीन सारस्वत ने राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताया। इसी तरह एम एंड ई सलाहकार श्री योगेश बिस्सा ने उपस्थित समुदाय को जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के बारे में जानकारी दी।

एनआरडीडब्ल्यूपी के भूजल वैज्ञानिक मनोज पंवार ने कोलायत ब्लाॅक में पानी की स्थिति के बारे में बताया। कार्यक्रम का संचालन आईईसी सलाहकार श्याम नारायण रंगा ने किया। क्षेत्र के सहायक अभियंता प्रेमसिंह ने सभी आगंतुकों का आभार प्रकट किया व धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर जल बचत व जल बचत में सामुदायिक भागीदारी पर एक फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

इस कार्यशाला में कनिष्ठ अभियंता शैलेन्द्र मीणा, पंचायत समिति सदस्य अनोप सिंह, पंचायत समिति सदस्य भूरसिंह, वार्ड मेम्बर नारायणराम, ब्लाॅक समन्वयक राकेश कुमार, वार्ड पंच मदनगोपाल, वार्डपंच करणाराम, ब्लाॅक समन्वयक महेश कुमार ओझा, सामाजिक कार्यकर्ता सुरताराम जाणी, सामाजिक कार्यकर्ता मघाराम सुथार, सचिव जलग्रहण कमेटी मनीराम सैन, जनप्रतिनिधि सुशील कुमार सहित पंचायत समिति के सदस्य व कोलायत ब्लाॅक के गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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