जल संकट से निजात पाना है तो पौधरोपण करना होगा

3 Mar 2009
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23 Feb,09 वाराणसी। पर्यावरणविद् सुंदरलाल बहुगुणा ने कहा कि दिनों दिन दूषित हो रहे जल और गहराते पर्यावरण संकट से निजात पाना है तो पौधरोपण करना होगा। अभी यह सुनने को मिल रहा है कि जहरीली शराब पीने से इतने लोगों की मौत हो गई।

यदि दूषित हो रहे जल की प्रक्रिया पर समय रहते अंकुश नहीं लगा यह यह जहरीली शराब से कहीं अधिक घातक साबित होगा और तब अखबारों में पढ़ने को मिलेगा कि पानी पीने से इतनों की मौत हो गई। वैसे जल जनित बीमारियां हमें सजग हो जाने का संकेत दे रही हैं। वह रविवार को सर्व सेवा संघ, राजघाट परिसर में जल संरक्षण एवं प्रबंधन के स्थाई समाधान विषयक त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन समारोह को मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब तक प्रत्येक व्यक्ति पौधरोपण को अपना नैतिक कर्तव्य नहीं समझेगा इस संकट का समाधान संभव नहीं है। इसके लिए जनसंख्या नियोजन पर भी ध्यान देना होगा क्योंकि शहरीकरण का विस्तार जिस गति से हो रहा है एक दिन पौधा लगाने के लिए जगह तक नहीं मिलेगी। अध्यक्षीय संबोधन में अमेरिका से आए बाबा हरिहर राम ने कहा कि जल संरक्षण के लिए दृढ़ संकल्प की आवश्यकता है। यह संकल्प हमारे अंदर विद्यमान है। जरूरत सिर्फ उसे जागृत करने की है।

समारोह को विशिष्ट अतिथि के रूप में संस्कृति निदेशालय, लखनऊ के उपनिदेशक रमाशंकर, प्रो. एके राय, प्रो. डीएन तिवारी, संजय कुमार, अशोक तिवारी आदि ने भी संबोधित किया। संचालन श्रीनेत्र पांडेय, स्वागत रामधीरज और धन्यवाद ज्ञापन अंजनी कुमार मिश्र ने किया।

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