जलसंरक्षण कार्यक्रम में खर्च हुई रकम पर मोदी सरकार के आंकड़े गलत : रमेश

9 Jan 2014
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नरेंद्र मोदी पर ताजा हमला करते हुए जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि गुजरात के मुख्यमंत्री को सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जल संरक्षण कार्यक्रम के लिए भेजी गई केंद्र की रकम को उनकी सरकार द्वारा खर्च करने के बारे में बिलकुल ही गलत जानकारी है। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के दावेदार के खिलाफ उनका बयान ऐसे समय में आया है जब महज एक दिन पहले मोदी सरकार ने ग्रामीण विकास मंत्री के इस दावे को तथ्यात्मक रूप से गलत करार दिया था कि गुजरात केंद्र की महत्वाकांक्षी समेकित जलसंभरण प्रबंधन कार्यक्रम (आईडब्ल्यूएमपी) के लिए निर्धारित केंद्रीय धनराशि का एक बड़ा हिस्सा खर्च करने में विफल रहा।

रमेश ने गुजरात सरकार के प्रत्यारोप को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि मोदी को भेजे पत्र में उन्होंने गुजरात में आईडब्ल्यूएमपी की केंद्रीय धनराशि के इस्तेमाल को लेकर जो आंकड़े दिए थे वे ग्रामीण विकास मंत्रालय ने मनगढ़ंत तौर पर नहीं दिए थे। गुजरात के मुख्यमंत्री को फिर से भेजी गई चिट्ठी में रमेश ने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी पिछली चिट्ठी में जो आंकड़े दिए थे वे राज्य सरकार की ओर से सौंपे गए उपयोग प्रमाणपत्रों पर आधारित थे।

रमेश ने पटेल के इस आरोप का भी खंडन किया कि धनराशि के इस्तेमाल को लेकर केंद्र ने केवल गुजरात को ही निशाना बनाया और 409 करोड़ रुपए का आंकड़ा बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से जारी रकम का इस्तेमाल नहीं करने को लेकर इसी तरह की चिट्ठी ओड़िशा, पंजाब, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, असम, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ को भी भेजी गई थी। गुजरात को जानबूझकर निशाना नहीं बनाया गया है जैसा कि कहा जा रहा है। अपने विस्तृत पत्र में भाजपा नेता को ‘मेरे प्यारे श्री नरेंद्र मोदी’ संबोधित करते हुए रमेश ने कहा कि उन्हें सभी राज्यों में आईडब्ल्यूएमपी के क्रियान्वयन की चिंता है, कर्नाटक इसका अपवाद है।

मंत्री ने कहा कि उन्होंने सचिव (भू संसाधन) और आईडब्ल्यूएमपी से जुड़े संयुक्त सचिव को (अन्य राज्यों के अलावा) गुजरात जाने को कहा और उन्होंने सात सितंबर 2013 को ऐसा ही किया।

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