जम्मू-कश्मीर के कठुआ में गहराया जल संकट, ग्रामीण खुद खोद रहे नहर

2 Jun 2020
0 mins read
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में गहराया जल संकट, ग्रामीण खुद खोद रहे नहर
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में गहराया जल संकट, ग्रामीण खुद खोद रहे नहर

भारत के लिए जल संकट नया नहीं है। लंबे समय से सरकार से प्रभावी कदम उठाने और जनता से जल संरक्षण की अपील की जा रही है, लेकिन प्रभावी कदम न उठाने के कारण भारत इतिहास के सबसे भयानक जल संकट के दौर से गुजर रहा है। यहां मैदान से लेकर पहाड़ तक जल की कमी होने लगी है। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र में जल संकट का तनाव हर साल पूरा देश देखता है, तो वहीं हिमालयी क्षेत्रों में हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला का जल संकट भी किसी ने छिपा नहीं है। उत्तरखंड भी जल संकट से बड़े स्तर पर जूझ रहा है, लेकिन इस बार जल संकट गहराया है, जम्मू-कश्मीर के कठुआ में। जहां पानी की जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग खुद नहर खोद रहे हैं। 

पिछले साल ही सेडार का एक शोध आया था। जिसमें कहा गया था कि ‘हिंदूकुश हिमालय’ तेजी से पिघल रहा है। जिस कारण भारत के ‘इंडियन हिमालयन रीजन’ सहित 8 देशों में जल संकट गहरा सकता है। पर्वतीय इलाके सूखने लगेंगे। ऐसा ही हो भी रहा है। नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, म्यामांर सहित विभिन्न स्थानों पर जल संकट है। केपटाउन का जल संकट पूरी दुनिया ने देखा था, लेकिन अब भारत के जल संकट की विश्व भर में चर्चा होती है। क्योंकि भारत में विभिन्न तालाबों, झीलों और नदियों आदि में बचा हुआ मीठा पानी तेजी गति से प्रदूषित हो रहा है। एक तरह से भारत में पानी धीरे-धीरे खत्म होता जा रहा है। गहराते जल संकट के मामले हम हाल ही में बुंदेलखंड के छतरपुर में देख चुके हैं, जहां पानी भरने के लिए लोग 4 किलोमीटर तक पैदल चलते हैं। इसके अलावा महाराष्ट्र और कर्नाटक में पानी की कमी के कारण व्यक्ति और बच्चों द्वारा खुद ही कुआं खोदने की खबर आई थी। ऐसा ही कुछ जम्मू-कश्मीर के कठुआ में हो रहा है।

जम्मू और कश्मीर के कठुआ जिले के बसोहली ब्लाॅक के ड्रामन पंचायत में जल संकट खड़ा हो गया है। पानी भरने के लिए लोग रोज नुल्लाह (nullah - एक प्रकार पानी का स्रोत) तक मीलों चलते हैं। इतना चलने के बाद यहां जो पानी मिलता भी है, तो वो गंदा पानी है, लेकिन कोई विकल्प न होने के कारण ग्रामीण इसी पानी को भरते हैं और दो दिन तक उपयोग करते हैं। दो दिन बाद फिर से इसी गंदे पानी को भरने के लिए जाते हैं। लंबे समय से गंदे पानी का सेवन करने से लोग बीमार पड़ने लगे हैं, लेकिन समस्या सुधरने के बजाए साल-दर-साल बढ़ती जा रही है। इस समस्या की जानकारी किसी ने एएनआई को दी। एएनआई ने मामले की पड़ताल की तो पता चला कि यहां जल संकट वास्तव में काफी विकराल है। ग्रामीणों ने एएनआई को बताया कि ‘‘दस लोग रोजाना पानी लेने के लिए जाते हैं। हमारे पास न तो पीने के लिए पानी है और न ही पशुओं को खिलाने के लिए चारा। कई बार प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी पानी की समस्या का समाधान नहीं हुआ। ऐसे में अब हम 3-4 गांव के लोग मिलकर नहर अपने ही दम पर नहर बना रहे हैं।’’

ग्रामीणों का कहना है कि ‘‘हमारी कहीं भी कोई सुनवाई नहीं है। सरकार चाहे टैक्स कम करे या कुछ और करे, हमे पानी से मतलब है। बस सरकार हमारे लिए पानी का बंदोबस्त करवा दे।’’ वहीं कठुआ के उपायुक्त भगत का कहना है कि जल्द ही लोगों की पानी संबंधी समस्या का निदान कर दिया जाएगा।


हिमांशु भट्ट (8057170025)

Posted by
Attachment
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading