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कैसे फटते हैं बादल

बच्चो, तुमने बादल फटने की खबर तो कई बार सुनी होगी, लेकिन तमाम दोस्तों को यह मालूम होगा कि ये कैसे फटते हैं। आज हम तुम्हें इस संबंध में बताते हैं। बादलों का फटना एक सामान्य घटना है। बादल फटने की वैज्ञानिक परिभाषा के अनुसार जब वातावरण में अधिक नमी होती है और हवा का रुख कुछ ऐसा होता है कि बादल दबाव से ऊपर की ओर उठते हैं और पहाड़ से टकराते हैं, तब पानी एक साथ बरसता है। इन बादलों को क्यूलोनिवस कहा जाता है।

सर्द-गर्म हवाओं के विपरीत दिशा में टकराना भी बादल फटने का मुख्य कारण माना जाता है। मैदानी क्ष्‍ोत्रों में भी बादल फटते हैं लेकिन मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पहाड़ों में अधिक बादल फटते हैं।वैज्ञानिकों का मानना है कि इस प्रक्रिया में पानी असमान्य तेजी से गिरता है, जिसे जमीन सोख नहीं पाती यानी वर्षा की गति बहुत तेज होती है, जो भूमि को नम नहीं बनाती, बल्कि मिट्टी को बहा देती है। इन स्थितियों में जब बादल बरसते हैं तो पानी इतना तेज गिरता है मानों एक ही स्थान पर पानी बाल्टियों से उड़ेल दिया गया हो। वर्षा की तीव्रता इतनी अधिक होती है कि वह दो फुट के नाले को पानी के 50 फुट नाले में तब्दील कर देती है।

पर्यावरण विशेषज्ञों का मानना है कि बादल फटने की क्रिया उस क्षेत्र में ज्यादा होती है, जहां जंगल बहुत कम हैं। पेड़ों के कटने से जब सर्द और गर्म हवाएं विपरीत दिशाओं में चल कर टकराती हैं तो उन स्थितियों में बादल फटते हैं और पूरे वेग से लाखों क्यूबिक पानी बरस जाता है, जो बाढ़ का रूप ले लेता है।

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संदर्भ:
1 - http://www.arthmedianetwork.com/
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