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Kailash Mansarovar in Hindi

पश्चिम तिब्बत में स्थित कैलाश मानसरोवर 55 मील की परिधि में फैली हुई है। गहरी नीली पर दूधिया प्रकाश वाली जड़ी-बूटियों से युक्त जल से लबालब यह झील अनुपम पावनता और प्राकृतिक सौंदर्य की बेजोड़ मिसाल है। यह धार्मिक आस्थाओं का ऐसा तीर्थ है, जो पारलौकिक सद्गति का प्रतीक है। पौराणिक संदर्भ में महाशिव भगवान् की यह क्रीड़ा-भूमि है।

यद्यपि भौगोलिक दृष्टि से यह अब चीन में स्थित है लेकिन यह पवित्र स्थली हिंदुओं, बौद्धों, जैनों तथा तिब्बती लामाओं के लिए श्रद्धा-केंद्र रही है। हिन्दुओ के लिए यह देवताओं का सिंहासन और भगवान शिव का निवास स्थल है तो बौद्धों के लिए अति विशाल प्राकृतिक मंडल। वैसे दोनों धर्मों के लिए यह स्थल तांत्रिक शक्तियों का अक्षय भंडार है।

मानसरोवर झील की उत्पत्ति ब्रह्मा के मस्तिष्क से मानी जाती है। रामायण में लिखा है- हिमालय के समान दूसरा पर्वत नहीं है क्योंकि इसमें कैलाश और मानसरोवर जैसे पवित्र स्थल हैं। जिस प्रकार प्रभात के सूर्य की किरणों से ओस सूख जाती है उसी प्रकार हिमालय को देखने भर से मनुष्य के सारे पाप मिट जाते हैं।

22,028 फुट ऊंचा पिरामिड के आकार का कैलाश पर्वत अपने अभिनव सौंदर्य के साथ झील में ऐसे प्रतिबिम्बित होता है जैसे झील इसे आंचल में समा लेने को आतुर हो। सिन्धु, सतलुज, ब्रह्मपुत्र तथा करनाली चार-चार नदियों का उद्गम स्थल कैलाश पर्वत वंदनीय है। हिन्दुओं का विश्वास है कि पावन नदी गंगा स्वर्गलोक से यहीं गिरती है तथा उपरोक्त चार नदियों में विभाजित हो जाती है तथा पृथ्वी के चार चौथाई भागों को जलप्लावित करती है।

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