WATERWIKI
क्यों और कैसे फटते हैं बादल?

नई दिल्ली। लेह में बादल फटने से सौ लोग मौत के मुंह में समा गए जबकि हजारों बेघर हो गए। सवाल है कि आखिर बादल कैसे और क्यों फटता है? मौसम विज्ञानियों के अनुसार अचानक भारी बरसात होने को बादल फटना कहा जाता है। ये ऐसा ही है जैसे पानी से भरे किसी गुब्बारे में छेद हो जाना। बादल फटने से किसी खास क्षेत्र में बहुत कम समय के लिए बारिश होती है, लेकिन ये बारिश इतनी तेज होती है कि बड़ी तबाही पीछे छोड़कर जाती है।बादल फटने की अधिकतर आपदाएं पहाड़ी क्षेत्रों में ही होती हैं। इस तरह की घटना में भारी नमी से लदी हवा अपने रास्ते में खड़ी पहाड़ियों से टकराती है जिससे एक खास तरह के बादलों का निर्माण होता है। नमी से भरे इन बादलों को ऊपर की ओर धकेलने वाली वायु जब कमजोर पड़ जाती है तो अचानक ही इन बादलों से मूसलाधार बारिश शुरू हो जाती है जिसे बादल का फटना कहते हैं। मतलब बादलों के फटने के लिए खास तरह के बादल जिम्मेदार होते हैं।कश्मीर में मौसम विभाग के डायरेक्टर जी एम राथेर ने बताया कि बादल फटने पर चंद मिनटों के दौरान ही 2 सेंटीमीटर से भी ज्यादा बारिश हो जाती है।

इसे 'बादल का फटना' इसलिए कहते हैं क्योंकि बरसने से पहले बादल पानी से भरी एक ठोस वस्तु के रूप में आकार लिए होते हैं। ठीक उसी समय चल रहे भयानक अंधड़ से एकाएक ये फटकर गिर पड़ते हैं। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक बादल फटने से होने वाली बारिश आमतौर पर बाथरूम के शॉवर से एक घंटे में 100 मिलीमीटर के बराबर या इससे अधिक पानी गिरने जैसी होती है। बादल फटने के दौरान आमतौर पर गरज और बिजली चमकने के साथ तेज आंधी के साथ भारी बारिश होती है। ऐसी भीषण बारिश से बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाती है और चारों तरफ तबाही मच जाती है। बीच में यदि हवा बंद हो जाती हैं तो बारिश का समूचा पानी एक छोटे इलाके में एकाएक जमा होकर फैल जाता है।

अन्य स्रोतों से:




गुगल मैप (Google Map):

बाहरी कड़ियाँ:
1 -
2 -
3 -

विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia):




संदर्भ:
1 - http://khabar.ibnlive.in.com/

2 -