लगी आज सावन की . . . . . .

23 Jan 2009
0 mins read
फिल्मों में बरसात
फिल्मों में बरसात

कौंधती बिजली, गरजते बादल और बरसती बूंदें...यही तो पहचान है मानसून की। मानसून की फुहारें जब तन के साथ मन को भिगोती हैं तो भारतीय जनमानस अलमस्त हो उठता है। सावन की इस ऋतु से हिंदी सिनेमा का एक खास और मधुर रिश्ता रहा है। बालीवुड फिल्मकारों का सावन और बरसात के प्रति अनुराग इस बात से ही झलकता है कि इन्हें केंद्र में रखकर कई फिल्मकारों ने सिनेमाई स्क्रीन पर यादगार प्रस्तुतियां की। कहा जाए तो सावन और बरसात ने भारतीय फिल्मकारों की कल्पनाशीलता को एक नई उड़ान दी है। रोमांस, विरह, चुहलबाजी या गमज़दा प्रेमी की पीड़ा फिल्मकारों ने संवेदनाओं को दर्शाने के लिए बरसात को जरिया बनाया। ऐसे में संगीतकारों और गीतकारों ने भी अदभुत सौंदर्य परख और काव्यानुभूति का परिचय देते हुए बरसात के गानों को यादगार बना दिया।

बालीवुड और बरसात का चोली दामन का साथ रहा है। `बरसात में तुम से मिले हम....(बरसात) से लेकर `घनन घनन देखो घिर आए बदरा...(लगान) तक का सफर गवाह है कि बालीवुड में कभी सूखा नहीं पड़ेगा।

शोमैन राजकपूर ने अपनी फिल्मों में सावन की परिकल्पना और रिमझिम बरसात को रूमानी अंदाज में पेश किया। फिल्म `आवारा´ में एक ही छतरी के नीचे भीगे-भीगे नायक नायिका पर गाना `प्यार हुआ इकरार हुआ´...आज भी लोगों की जुबान पर है। फिल्म `बरसात की एक रात´ का गीत `जिंदगी भर नहीं भूलेगी वो बरसात की रात´..... मन को फुहारों से नहला देता है।

सिनेमाई ऊंचाइयों को छूने वाली फिल्म `दो आंखें बारह हाथ´ (घुमड़ घुमड़ कर आई रे घटा) हो या अमिताभ की फुल कॉमेडी `नमकहलाल´ (आज रपट जाएं तो हमें न उठइयो) इन सभी में बरसात की बूदों ने अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। अमिताभ की ही एक फिल्म में (रिम झfम गिरे सावन, सुलग सुलग जाए मन...) बूंदाबांदी के दौरान मुंबई की सड़कों और चौपाटी का मनोहर दृश्य पेश किया गया। फिल्म `रोटी कपड़ा और मकान´ में मनोज कुमार को बरसात का लुत्फ उठाने के लिए प्रेरित करती जीनत अमान जब `हाय हाय ये मजबूरी, ये मौसम और ये दूरी..´ गाती है तो दर्शक भी एकबारगी मनोज कुमार के अड़ियलपन पर खीज उठते हैं।

सबसे पहले 1949 में `सावन´ शीर्षक से पहली फिल्म बनी। फिल्म सफल रही और उसके पश्चात फिल्मकारों ने सावन को हाथों हाथ लिया। इसके बाद `सावन आया रे´, `सावन भादो´, `सावन की घटा´, `आया सावन झूम के´, `सावन को आने दो´ और `प्यासा सावन´ नाम से भी फिल्म बनीं।

फिल्म `बेताब´ में आर डी बर्मन द्वारा कंपोज किया गाना-बादल यूं गरजता है....अपने संगीत और स्पेशल इफेक्ट्स के लिए सबको याद होगा। शीशे के कमरे में जब हीरोइन अमृता सिंह बादलों की गड़गड़ाहट से डरकर सनी देओल की बांहों में छिपती है तो दर्शक एकबारगी समझ उठते हैं कि सचमुच बाहर बादल गरज रहे हैं।

फिल्म `मिलन´ का गीत-`सावन का महीना पवन करे सोर....सुनने के लिए आज भी लोगों के कान तरसते हैं। `चुपके चुपके´ का गीत-`अब के सजन सावन में ....फिल्म `सावन को आने दो´ का शीर्षक गीत-`तुम्हें गीतों में ढालूंगा, सावन को आने दो...., फिल्म `जुर्माना´ का गीत-`सावन के झूले पड़े-तुम चले आओ...., फिल्म `ये दिल्लगी´ का गीत-`देखो जरा देखो बरखा की झड़ी....`अफसाना प्यार का´ का गाना-`टिप टिप टिप टिप बारिश शुरू हो गई....., फिल्म `दिल तो पागल है´ का गीत-`ओ सावन राजा कहां से आए तुम.... सभी श्रोताओं के मन में बगैर सावन बरसात की अनुभूति कराते रहे हैं और इसीलिए ये यादगार बन गए हैं।

आजादी के समय का वर्णन करती फिल्म `1947 ए लव स्टोरी´ में शर्मीली सी मनीषा कोइराला ने `रिमझिम रिमझिम´ गीत से संयत रोमांस की नई परिभाषा गढ़ दी तो फिल्म `मोहरा´ के गीत `टिप टिप बरसा पानी...में रवीना ने प्रेमी को मनाती एक मदमस्त नायिका की बिंदास छवि पेश की।

अक्षय खन्ना और सोनाली बेंद्रे अभिनीत फिल्म `कसक´ का गीत `सावन बरसे तरसे दिल, क्यूं न निकले घर से दिल...ने एक दूसरे के इंतजार में नायक नायिका के विहर भरे दिलों की बेकरारी को स्क्रीन पर जीवंत किया।

`कोई मिल गया´ फिल्म का गीत `इधर चला-मैं उधर चला´ दो नटखट प्रेमियों के बीच की चुहलबाजी को दर्शाता है वहीं `तक्षक´ फिल्म में तब्बू पर फिल्माया गीत `मैं बूदों से बातें´ झीनी बरसात और नायिका के सौंदर्य में चार चांद लगा देता है।

ऐसा नहीं है कि बरसात सिर्फ गानों में ही दिखी, बरसात ने फिल्मों में पात्र की तरह भी कमाल दिखाती रही है। कभी कहानी में टि्वस्ट लाना हो या क्लाइमेक्स को रोमांचक बनाना हो, बरसात हमेशा हिट साबित हुई।

कई फिल्मकारों ने बरसात का उपयोग मौके की नजाकत को उभारने के लिए किया। कुछ फिल्मों में बरसात मधुर मिलन और खुशी की सूत्रधार बनी तो कुछ फिल्मों नायक नायिका को जुदा कराने वाली खलनायिका बन बैठी। फिल्म `बरसात की एक रात´ में भारत भूषण को मधुबाला के दीदार कराने का श्रेय बरसात को ही जाता है।

कई फिल्मों में हीरो बरसात में बस-स्टाप पर खड़ी हीरोइन को देखते ही प्यार कर बैठता है। कुछ फिल्मों में बरसात में एक ही जगह फंसे नायक नायिका कट्टर दुश्मनी होने के बावजूद प्यार करने लगते हैं। बारिश में अगर हीरो पिटे तो दिल जार जार रोता है और विलेन की पिटाई हो तो मन से आवाज निकलती है `धो डाला´।

याद कीजिए वो सीन, जब नायक या नायिका मंदिर के दरवाजे पर अपनी मांग लेकर अड़ जाते हैं तो भगवान शिव या देवी मां की कृपा से बिजली कौंध उठती है और बरसात होने लगती है। दर्शक भी समझ जाते है कि भगवान ने इनकी सुन ली।

फिल्म `हिना´ की कहानी की दिशा बारिश ने ही तो बदली, क्योंकि तेज बारिश के चलते ही नायक यानी ऋषि कपूर अपनी मंगेतर के पास जाने की बजाय पाकिस्तान की हिना यानी जेबा बख्तियार के पास पहुंच गया।

फिल्म `मैंने प्यार किया´ में नायक सलमान खान जीतोड़ मेहनत से जमा किए पैसे जब नायिका के पिता को देने जा रहा है तो विलेन अपने गैंग के साथ उसे बरसात में मारता पीटता है। ऐसे में दर्शक बस यही प्रार्थना करते हैं कि हाय, उसके रुपए न भीग जाएं।

आस्कर के लिए नामित भारतीय फिल्म `लगान´ की कहानी में बदलाव बरसात की वजह से ही आया। पूरा गांव गाना घनन घनन ....भी गा बैठा लेकिन बरसात ने धोखा दे किया, गरीब लोग खेती नहीं कर पाए और लगान देने में असमर्थ लोगों के दुख ने भुवन यानी आमिर खान को अंगरेजी साम्राज्य से लोहा लेने के लिए प्रेरित किया। फिल्म काक्लाइमेक्स तो देखिए, मैच जीतने की खुशी में नाचते गांव वालों पर झमाझम बूंदे गिरने लगी, लगा जैसे अपना उद्देश्य पूरा होते ही बरसात भी गांव वालों की खुशी में शरीक होने आ गई।

फिल्म `मैं हूं ना´ में अपने पिता के अंतिम संस्कार के समय यूनिफार्म में भीगते हुए शाहरुख खान बड़े गंभीर और डैशिंग लगते हैं। लगता है आसमान भी उनके पिता के गम में रो रहा है।

हिट फिल्म `मानसून वैडिंग´ का जिक्र न करना बारिश के साथ अन्याय होगा। फिल्म में कोलकाता में एक एनआरआई परिवार की शादी में बरसात जहां कई परेशानियां खड़ी करती है, वहीं कई दिलों को मिलाकर `हैप्पी एंडिंग´ का श्रेय भी खुद ही ले उड़ती है।

-विनीता वशिष्ठ

साभार – अमर उजाला

Tags - thunderously clouds in Hindi, drops cloak in Hindi, monsoon in Hindi, monsoon Fuharen in Hindi, Rain season in Hindi cinema in Hindi, the filmmakers Balivood sawan in Hindi, sawan rain and imagination of the Indian filmmakers in Hindi, rain songs in Hindi, `We got you in the rain in Hindi,the film Lagaan in Hindi, in Balivud not dry in Hindi, the idea of sawan in Hindi, film of the rain one night in Hindi, Bachchan's films in the rain in Hindi, rain in the films of Manoj Kumar in Hindi, the film `sawan 'in Hindi,
 

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading