लक्षद्वीप समूह पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव- एक अध्ययन

15 Feb 2022
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लक्षद्वीप समूह पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव- एक अध्ययन
लक्षद्वीप समूह पर जलवायु परिवर्तन का प्रभाव- एक अध्ययन

फोटो:पानी पत्रक

जर्नत्र 'रीजनल स्टडीज इन मरीन साइंस, एल्सेवियर' में मई २०२१ को प्रकाशित शोध से पता चला है कि जलवायु परिवर्तन का लक्ष्यद्वीप समूह पर तटीय बाढ़ के कारण व्यापक सामाजिक-आर्थिक प्रभाव हो सकता है।आयशा जेनाथ, अथिरा कृष्णन,एस कुमार पॉल, प्रसाद के. भास्करन सहित वैज्ञानिकों की एक टीम ने,संयुक्त रूप से ( जो कि वास्तुकला और क्षेत्रीय योजना विभाग एवं महासागर इंजीनियरिंग और समुद्री विभाग, आईआईटी खड़गपुर से जुड़े हैं ) विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के लिये, जलवायु परिवर्तन कार्यक्रम (सीसीपी) के तहत, जलवायु परिवेर्तन के कारण समुद्र के स्तर में वृद्धि के अनुमानों और द्वीप में तटीय बाढ़ सम्बधो का अध्ययन किया।

 

टीम के अनुसार, समुद्र के स्तर में वृद्धि के कारण अनुमानित बाढ़ द्वीपवासियों को प्रभावित कर सकती है क्योंकि आवासीय क्षेत्र वर्तमान समुद्र तट के काफी करीब हैं। इसके अलावा, द्वीपसमूह में एकमात्र हवाई अड्डा, जो कि अगत्ती द्वीप के, दक्षिणी सिरे पर स्थित है,जिसे की समुद्र के स्तर में वृद्धि से बाढ़ के कारण नुकसान की उच्च संभावना है।

 

इस अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि छोटे दवीपों चेतताट और अमिनी में बड़े पैमाने पर भूमि- नुकसान होने की आशंका है। प्रोजेक्शन मैपिंग ने संकेत दिया कि,अमिनी में, मौजूदा तटरेखा का लगभग 60% -70% और लगभग 70% -80%, चेतलाट में, भूमि-नुकसान हो सकता है । वर्तमान कार्य इस बात पर प्रकाश डालता है कि, बड़े द्वीप, मिनिकॉय, और राजधानी कवरत्ती, भी समुद्र के स्तर में वृद्धि के प्रति संवेदनशील हैं, और मौजूदा तटरेखा के साथ 60% भूमि-नुकसान होने की उम्मीद है। नीचे दिखाये,सभी प्रोजेक्शन मैपिंग के तहत “एंड्रोथ द्वीप” पर समुद्र के स्तर में वृद्धि के प्रभावों का सबसे कम प्रभाव देखा जा सकता है

 

विभिन्‍न प्रोजेक्शन मैपिंग माडलों द्वारा समुद्र के स्तर में बढ़ोतरी के अनुमानों से प्रभावित, लक्ष्यद्वीपसमूह के द्वीपों की, तटरेखा का प्रतिशत फोटो:पानी पत्रक

 
जलवायु परिवर्तन के कारण,आने वाले वर्षों में, प्रमुख खतरों में से एक, समुद्र का स्तर बढ़ जाना, माना जा रहा है, और छोटे द्वीपों पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की आशंका है और यह पहली बार है कि जलवायु मॉडल अनुमानों का उपयोग, अरब सागर में लक्षद्वीप समूह पर, बाढ़ के संभावित क्षेत्रों का आकलन करने के लिए किया गया।यह अध्ययन, अरब सागर क्षेत्र में तूफान के प्रभाव, पीने योग्य पानी, स्वच्छता आदि जैसी सुविधाओं का आकलन करने के लिए भविष्य के अनुसंधान पर एक नया  दृष्टिकोण और आयाम खोलता है।

 

इस उल्लेखनीय अध्ययन का व्यावहारिक महत्व है और यह नीति निर्माताओं और निर्णय लेने वाले अधिकारियों के लिए छोटी और लंबी अवधि की योजना बनाने के लिए बेहद उपयोगी हो सकता है जो लक्षद्वीप द्वीप समूह में आबादी को लाभान्वित करता है।लेखकों ने सुझाव दिया है कि लक्षद्वीप के लिए अनुमानित समुद्र-स्तर में वृद्धि के प्रभावों को ध्यान में रखते हुए, योजना दिशानिर्देश तैयार करने के लिए उपयुक्त तटीय सुरक्षा उपायों और सर्वोत्तम प्रथाओं का होना आवश्यक है।
 

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