मानव मल से बना अनोखा दरवाजा

वार्ता/ नई दिल्ली। मानव मल से बनाए गए कम से कम 21 दरवाजे लीजन आर्ट गैलरी में पिछले दिनों प्रदर्शनी के लिए रखे गए। गैर सरकारी संगठन सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विसेज ऑर्गेनाइजेशन के शोधकर्मियों के प्रयास से यह विशेष दरवाजे बनाए गए हैं।

सुलभ के शोधकर्ताओं ने मानव मल के शोधन से प्राप्त अपशिष्ट पदार्थ से दरवाजे और खिड़कियों के पल्ले तैयार किए हैं।

सुलभ के अध्यक्ष डॉ. बिंदेश्वरी पाठक ने इसे पर्यावरण सुरक्षा की दृष्टि से एक मील का पत्थर करार दिया है। डॉ. पाठक ने लंदन से फोन पर यूनीवार्ता को बताया कि इस अनुसंधान के व्यापक इस्तेमाल से पर्यावरण को सुरक्षित रखने वाले पेड़ पौधों की बेतहाशा कटाई पर रोक लगाई जा सकती है।

उन्होंने बताया कि इन दरवाजों को मैक्सिको के डिजाइनर सेंटियागो सियरा और मेरियाना डेविड ने आकार दिया है। उन्होंने बताया कि शोधकर्ताओं ने सुलभ शौचालयों में एकत्रित मानव मल के अपशिष्ट से दरवाजों के आकार वाले 22 ढांचे तैयार किए। इनमें से 21 ढांचों को श्री सियरा और सुश्री डेविड ने डिजाइन करके दरवाजों का रूप प्रदान किया।

उन्होंने बताया कि कला प्रेमी और डिजाइनर दरवाजा निर्माण की प्रक्रिया का नजदीक से अनुभव हासिल करने के लिए सुलभ के नई दिल्ली स्थित कार्यालय आने की योजना बना रहे हैं।

डॉ. पाठक ने बताया कि इन दरवाजों को जर्मनी के म्यूनिख आर्ट गैलरी में भी प्रदर्शित किया जाएगा।
 

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading