महानदी नदी, मध्य भारत, के मध्य छत्तीसगढ़ राज्य की पहाड़ियों में सिहावा के पास से उदगम है। इसका ऊपरी प्रवाह उत्तर की ओर महत्वहीन धारा के रूप में होता है और छत्तीसगढ़ मैदान के पूर्वी हिस्से को अपवाहित करता है। बालोदा बाज़ार के नीचे शिवनाथ नदी के इससे मिलने के बाद यह पूर्व दिशा में मुड़कर उड़ीसा राज्य में प्रवेश करती है और उत्तर व दक्षिण में स्थित पहाड़ियों को अपवाहित करने वाली धाराओं से मिलकर इसके बहाव में वृद्धि होती है। संबलपुर में इस नदी पर निर्मित हीराकुंड बाँध के फलस्वरूप 55 किमी. लम्बी कृत्रिम झील का निर्माण हो गया है। इस बाँध में कई पनबिजली संयंत्र हैं। बाँध के बाद महानदी दक्षिण में घुमावदार रास्ते से होते हुए वनाच्छादित महाखड्ड के ज़रिये पूर्वी घाट को पार करती है। पूर्व की ओर मुड़कर यह कटक के पास उड़ीसा के मैदान मे प्रवेश करती है और कई धाराओं के माध्यम से फ़ाल्स पाइन्ट के पास बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है।
महानदी की कुल लम्बाई 900 किमी. है और इसका अनुमानित अपवाहित क्षेत्र 132,100 वर्ग किमी. है। यह भारतीय उपमहाद्वीप में सर्वाधिक सक्रिय गाद जमा करने वाली नदियों में से एक है। यह नदी सिंचाई की कई नहरों को, विशेषकर कटक के पास, जल प्रदान करती है। इसके एक मुहाने पर स्थित पुरी एक विख्यात तीर्थस्थल है। महानदी को मुख्यत: तीन भागों में विभक्त किया जा सकता है-
अन्य स्रोतों से:
समूचे छत्तीसगढ़ क्षेत्र एवं उड़ीसा प्रदेश की अधिकांश भूमि को सिंचित करने वाली महानदी दोनों प्रांतों की सांस्कृतिक परम्परा का गठबंधन भी करती है। उड़ीसा का पौराणिक नगर सोनपुर भी इसी नदी के तट पर बसा है। छत्तीसगढ़ और उड़ीसा का सीमांकन करने वाली महानदी के तट पर बसे ग्रामों में सांस्कृतिक सभ्यता स्पष्ट देखी जा सकती है तभी तो उड़िया संस्कृति का प्रभाव छत्तीसगढ़ी क्षेत्र में परिलक्षित होता है। महानदी के तट पर राजिम, सिरपुर, खरौद शिवरी नारायण, चन्द्रपुर, पुजारीपाली, सम्बलपुर और सोनपुर के अतिरिक्त आरंग, सराय पाली, बसना, सांरगढ़, बालुपुर और हसबा इत्यादि नगरों में सांस्कृतिक सभ्यता दर्शनीय है। चाहे “मड़ई” मेला हो या रथयात्रा जो उड़ीसा के जगन्नाथपुरी का एक प्रमुख पर्व है, छत्तीसगढ़ में उड़ीसा के ‘उखरा’ का प्रतिरूप है। अमरकंटक जो नर्मदा नदी का उद्गम स्थल है, मैकाल पहाड़ियों के अंतर्गत आता है। यह सिहावा तक फैलकर बैन गंगा को पार कर जाती है। दक्षिण कौसल की सीमाएं उत्तर में गंगा, दक्षिण में गोदावरी, पश्चिम में उज्जैन और पूर्व में पूर्वी समुद्र तटपाली (उड़ीसा) है। महानदी 418 किलोमीटर की लम्बी यात्रा करते हुए बंगाल की खाड़ी में समाहित हो जाती है। सिलीगुड़ी (दार्जिलिंग) में भी महानदी नामक नदी है।
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