मिश्रित ज्वालामुखी (Composite volcano in Hindi)

23 Jul 2011
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मिश्रित ज्वालामुखी, एक लंबा, शंक्वाकार ज्वालामुखी होता है, जिसका निर्माण जम कर ठोस हुए लावा, टेफ्रा, कुस्रन और ज्वालामुखीय राख की कई परतों (स्तर) द्वारा होता है। मिश्रित ज्वालामुखी को ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि, इनकी रचना ज्वालामुखीय उद्गार के समय निकले मिश्रित पदार्थों के विभिन्न स्तरों पर घनीभूत होने के फलस्वरूप होती है।

ढाल ज्वालामुखी के विपरीत, तीखी ढलान, और समय समय पर होने वाले विस्फोटक उद्गार इनकी विशेषतायें है। इन ज्वालामुखियों से निकला लावा, ढाल ज्वालामुखी से निकले लावे की तुलना में अधिक श्यान (गाढ़ा और चिपचिपा) होता है और आमतौर पर उद्गार के पश्चात दूर तक बहने से पहले ही ठंडा हो जाता है। इनके लावे की रचना करने वाला मैग्मा अक्सर फेल्सिक होता है जिसमें, सिलिका की मात्रा उच्च से लेकर मध्य स्तर तक की होती है और कम श्यानता वाले मैफिक मैग्मा की मात्रा कम होती है। फेल्सिक लावा का व्यापक (दूर तक) प्रवाह असामान्य है, लेकिन फिर भी इसे 15 किमी (9.3 मील) तक बहते देखा गया है।

ढाल ज्वालामुखी (जो कम मिलते हैं) के विपरीत यह ज्वालामुखियों का सबसे सामान्य प्रकार हैं। दो प्रसिद्ध मिश्रित ज्वालामुखियों में से पहला क्राकाटोआ है, जिसको उसके 1883 के उद्गार के लिए जाना जाता है जबकि, दूसरा विसुवियस है जिसके उद्गार के कारण 79 ईस्वी में पॉम्पेई और हरकुलेनियम नामक दो इतालवी शहर पूरी तरह से नष्ट हो गये थे।

ढाल ज्वालामुखी


ढाल ज्वालामुखी जिसे शील्ड ज्वालामुखी, भी कहा जाता है, ज्वालामुखियों का एक प्रकार है। इन ज्वालामुखियों का निर्माण आमतौर पर लगभग पूरी तरह से तरल लावा प्रवाह के द्वारा होता है। ढाल ज्वालामुखी: एक परिपक्व ढाल ज्वालामुखी में लावा प्रवाह की कई परतों को दिखाता, ढाल ज्वालामुखी का एक आरेखढाल ज्वालामुखी: एक परिपक्व ढाल ज्वालामुखी में लावा प्रवाह की कई परतों को दिखाता, ढाल ज्वालामुखी का एक आरेखइन ज्वालामुखियों का यह विशिष्ट नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि, देखने में यह किसी योद्धा की ढाल के समान प्रतीत होते हैं, यानि एक ढाल के समान इनका आकार बड़ा और पार्श्व ऊँचाई कम होती है। इन ज्वालामुखियों के द्वारा उद्गारित अत्यधिक तरल लावा, जो कि अन्य अधिक विस्फोटक ज्वालामुखियों से निकले लावे की तुलना में अधिक दूर तक बहता है और लावे की एक व्यापक चादर का निर्माण कर, किसी ढाल ज्वालामुखी को इसका यह विशिष्ट रूप का प्रदान करता है।

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