नर्मदा पर बाँध

21 Sep 2009
0 mins read
नर्मदा को कुवाँरी नदी माना जाता है । अब तक बांधों के पाश से मुक्त रही नर्मदा का आचरण भी एक चिर कुमारी लावण्यमयी नवयुवती जैसा ही रहा है । कभी उछल-कूद करते हुए उफनते प्रपातों का अकस्मात् निर्माण कर देना और नीचे उतरते ही सहसा स्तब्ध कर देने वाली नीरवता पैदा कर देना नर्मदा को खूब आता है । करोडों वर्षों से बंधन मुक्त जीवन जी रही नर्मदा अपने विविध नामों के अनुरूप नानाविध रूपों की मोहक झांकियां दिखाती रही है । नर्मदा पर बने बांधों के कारण इसके सुंदर स्वरूप की इन झांकियों में कुछ बडे बदलाव आ रहे हैं जो इसे सौंदर्य की नदी नर्मदा से समृद्धि की नदी नर्मदा में बदलने की आकांक्षा से प्रेरित हैं । सौंदर्य से समृद्धि की इस यात्रा में नर्मदा पर बने बांधों की भी महत्वपूर्ण भूमिका है ।नर्मदा घाटी विकास की विस्तृत योजना के अंतर्गत नर्मदा पर पांच बडे बांधों का निर्माण प्रस्तावित था । इनमें से बरगी तथा इंदिरा सागर का निर्माण पूरा हो चुका है जबकि सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई बढाने का काम चल रहा है । ओंकारेश्वर और महेश्वर के दो अन्य बांध भी शीघ्र ही पूरे होने वाले हैं । इन बांधें के बारे में संक्षिप्त विवरण निम्नानुसार है ः-

अ - बरगी बांध - जबलपुर के निकट बरगी ग्राम में (22*56श् 30श् छ तथा 79*55श् 30ष् म्द्ध बना बांध स्थित और निर्माण पूरा होने की दृष्टि से नर्मदा का पहला बांध है । इस बांध की ऊंचाई 69.8 मी0 तथा लम्बाई 5.36 कि0मी0 है । बरगी बांध 1988 में बनकर पूरा हो गया तथा वर्ष 1988-89 से यहां विद्युत उत्पादन भी प्रारंभ हो गया । इस बांध के पीछे निर्मित जलाशय को ’रानी अवंतीबाई सागर‘ का नाम दिया गया है जिसकी लंबाई लगभग 74 कि0मी0 है । यह जलाशय जबलपुर मण्डला तथा सिवनी जिलों में 267.97 वर्ग कि0मी0 क्षेत्र में फैला है । इस बांध से 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन तथा 4.37 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लक्ष्य है । इस बांध की दायीं तट की 194 कि0मी0 लंबी नहर से जबलपुर, सतना, रीवा तथा कटनी जिलों में 2.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में तथा बायीं तट की 137 कि0मी0 लंबी नहर से जबलपुर तथा नरसिंहपुर जिलों में 1.57 लाख हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में सिंचाई होने का लक्ष्य है।

ब - इंदिरा सागर परियोजना - पूर्वी निमाड जिले में पुनासा के निकट (22*17श् 00ष् छ तथा 76*28श् 00ष् म्द्ध नर्मदा पर बनकर तैयार हो चुके इंदिरा सागर बांध में मुख्य कंक्रीट बांध की लंबाई 653 मी0 तथा ऊंचाई 92 मी0 है जबकि मिट्टी के बांध की लंबाई 815 मी0 व ऊंचाई 10.7 मी0 है । इस बांध का जलग्रहण क्षेत्र 61642 वर्ग कि0मी0 है व इसके जलाशय की कुल संग्रहण क्षमता 12.22 बी.सी.एम. है जो भारत में सर्वाधिक है । यह एक बहुउद्देश्यीय परियोजना है जिससे 1.23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई तथा 8 इकाईयों के माध्यम से 1000 मेगावाट स्थापित विद्युत उत्पादन करने का लक्ष्य है । परियोजना में खण्डवा जिले के गांवों में पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 0.06 एम0ए0एफ0 (74 एम0सी0एम0) जल का प्रावधान भी रखा गया है । इस परियोजना से पश्चिमी निमाड जिले के 345 गांवों, बडवानी जिले के 150 गांवों तथा पूर्वी निमाड जिले के 76 गांवों को सिंचाई का लाभ मिलेगा । इस परियोजना से सरदार सरोवर बांध के लिए 8.12 एम0ए0एफ0 (10015.86 एम0सी0एम0) जल को नियंत्रित रूप से छोडा जाएगा ।

स - ओंकारेश्वर बहुउद्देश्यीय परियोजना - इंदिरा सागर बांध से लगभग 40 कि0मी0 अनुप्रवाह की ओर मांधाता ग्राम से लगभग 1 कि0मी0 पहले ओंकारेश्वर बहुउद्देश्यीय परियोजना निर्माणाधीन है । यह बांध भगवान शिव के प्रसिद्ध बारह ज्योर्तिलिंगों में से एक ओंकारेश्वर के मंदिर से ठीक पहले ओंकारेश्वर द्वीप के पूर्वी सिरे के निकट वहां बन रहा है जहां से नर्मदा की धारा ओंकारेश्वर द्वीप के कारण 2 भागों में विभाजित होती है । इस बांध की प्रस्तावित ऊंचाई 73.12 मी0 तथा लंबाई 949 मी0 है । पुनासा में बने इंदिरा सागर बांध से विद्युत उत्पादन करने क बाद छोडे जाने वाले पानी का उपयोग करके इस बांध पर 520 मेगावाट बिजली उत्पादन तथा नर्मदा के दोनों तटों पर 1.47 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई का लक्ष्य है । इस बांध का निर्माण 2008 में पूर्ण होने का लक्ष्य है।

द - महेश्वर जल विद्युत परियोजना - यह नर्मदा नदी पर म0प्र0 का अंतिम बांध है जिसमें 400 मेगावाट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य है । मण्डलेश्वर से थोडा पहले नर्मदा और बेदा नदी के संगम के निकट निर्माणाधीन इस परियोजना में पानी का भण्डारण नही होगा अर्थात यह एक ’रन आफ दि रिवर‘ परियोजना है । नर्मदा न्यायाधिकरण के निर्देशानुसार म0प्र0 द्वारा महेश्वर परियोजना से 8.12 एम0ए0एफ0 नियंत्रित जल प्रवाह गुजरात में सरदार सरोवर परियोजना के लिए छोडा जाएगा।

इ - सरदार सरोवर परियोजना - नर्मदा घाटी में प्रस्तावित बांधों की श्रृंखला में सबसे बडा सरदार सरोवर बांध नर्मग्दा के उद्गम से 1163 कि0मी0 की दूरी पर गुजरात राज्य के नर्मदा जिले में नावगाम नामक स्थान के निकट (21*50श् छ तथा 73*45श् म्द्ध बना है । 1210 मी0 लंबा यह बांध नींव की गहराई से 163 मी0 ऊंचा है । इसको बनाने में इस्तेमाल किए गए कंकरीट की मात्रा (68.2 लाख घन मी0) की दृष्टि से यह बांध अमेरिका के ग्रैण्ड कोली बांध के बाद विश्व में दूसरे क्रम पर आता है । ऊंचाई की दृष्टि से इस बांध का भारत में तीसरा स्थान है । सरदार सरोवर जलाशय 214 कि0मी0 लंबा है जिसकी औसत चौडाई 1.77 कि0मी0 तथा अधिकतम चौडाई 16.10 कि0मी0 है । इसके जलाशय का क्षेत्रफल 37000 हेक्टेयर है । इस बांध की कुल जल संग्रहण क्षमता 7.7. एम0ए0एफ0 (0.95 मिलियन हेक्टेयर मीटर) है जबकि लाइव स्टोरेज क्षमता 4.75 एम0ए0एफ0 (0.58 मि0हे0मी0) है । बांध की डेड स्टोरेज क्षमता 2.97 एम0ए0एफ0 (0.37 मि0हे0मी0) है।

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading