पाँच साल से पूरा परिवार पी रहा बरसात का पानी

22 Sep 2017
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संरक्षण के लिये एक ऐसा परिवार है जो पिछले पाँच साल से केवल बरसात का पानी उपयोग में ले रहा है। परिवार के सातों सदस्यों का मानना है कि बारिश का पानी शारीरिक व्याधियों को तो खत्म करता ही है साथ में नई पीढ़ी को जल संरक्षण व इसकी अहमियत को भी दर्शाता है। पानी बचाने और इसके सद्उपयोग का आईना दिखाने वाले ये सरकारी शिक्षक हैं तारपुरा गाँव के ऋषिदेव शर्मा। जोकि राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय नवलगढ़ में पदस्थापित हैं।

इनका मानना है कि आसमान से बरसात का शुद्ध जल बरसता है। इसको व्यर्थ बहने नहीं देना चाहिए। इसके लिये शिक्षक ऋषिदेव शर्मा ने पाँच साल पहले घर के मकान का पूरा नक्शा बदलकर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अपनाया, जो आज भी जारी है। इसके लिये बारिश के पानी को सहेजने के लिये घर में बड़ा कुंड बनवाया। इसके बाद नालों के जरिये बहने वाले बारिश के पानी का कनेक्शन इस कुंड से कर दिया। कुंड को बने 5 साल से ज्यादा हो गए हैं। पीने के पानी के लिये परिवार के लोग इसी का उपयोग करते हैं। सामान्य पानी का तो स्वाद तक भूल बैठे हैं। घर में पेयजल सप्लाई का पानी भी आता है।

गिरता भूजल स्तर, बढ़ा रहा परेशानी


जिले में भूजल की स्थिति भयावह हो गई है। जिले के उत्तर पश्चिमी इलाकों में भूजल स्तर लगातार गिर रहा है। प्री मानसून सर्वे के आँकड़े बताते हैं कि हर साल औसतन एक मीटर भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की जा रही है। पिछले छह साल से जहाँ पानी 40 से 60 मीटर गहराई पर मिल रहा था अब स्थिति ऐसी है कि कई इलाके में 80 से 90 मीटर नीचे तक चला गया है। धोद, दांतारामगढ़, खंडेला, श्रीमाधोपुर ब्लॉक में तो ट्यूबवेल व कुएँ सूख चुके हैं। इसके अलावा पानी के गहराई से आने के कारण लोग पेट सम्बन्धी कई बीमारियों के शिकार हो रहे हैं।

 

प्रीमानसून 2017 के दौरान लिये गये आँकड़ों के अनुसार

41.30 मीटर था प्रीमानसून 2011 में श्रीमाधोपुर ब्लॉक का औसत भूजल स्तर।

11.88 मीटर गिर गया। प्रीमानसून 2017 में

9.70 मीटर पिपराली का भूजल स्तर गिर

9.54 मीटर दांतारामगढ़ में गिरा भूजल स्तर

8.33 मीटर धोद में गिरा भूजल स्तर

7.20 मीटर नीमकाथाना में गिरा भूजल स्तर

6.95 मीटर खंडेला ब्लॉक में गिरा भूजल स्तर

6.64 मीटर पाटन ब्लॉक में गिरा भूजल स्तर

5.33 मीटर लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक में गिरा भूजल स्तर

 

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