पंचायती राज के प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय केन्द्र

Hiware Bazar
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पोपटराव पवार क्रिकेट के खिलाड़ी थे। 1989 में वे गांव के सरपंच बने और उसके बाद से लगातार निर्विरोध सरपंच चुने जाते रहे। महाराष्ट्र में पिछले वर्ष हुए पंचायत चुनाव में सुनीता शंकर पवार सरपंच चुनी गई। महिला सीट होने के कारण पोपटलाल पवार को गांववालों ने उप-सरपंच चुना। पंवार ने अब गांव में 5 से 10 लोगों के समूह बनाकर पैकिंग मार्केट की भी शुरुआत की है ताकि ग्रामीण उत्पादों को अच्छा बाजार मिल सके।

हिवरे बाजार की सफलता की कहानी अभी तक लोगों के सामने नहीं आई थी। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री जयराम रमेश ने स्वयं जाकर उस हरियाली से भरपूर हिवरे बाजार को देखा जो 15 साल पहले एक हजार हेक्टेयर में फैली उबड़-खाबड़ और बंजर जमीन का बरसात पर आश्रित गांव था। जहां 235 परिवार रहते थे और सभी गरीबी-रेखा के नीचे जीवनयापन के लिए मजबूर थे। आज इस गांव में सभी साधन और सुविधाएं उपलब्ध हैं, प्राइमरी-मिडिल स्कूल, आंगनबाड़ी, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की सुविधाओं से भरपूर यह आदर्श गांव स्वच्छता, सौर ऊर्जा, जलाशय, कुओं और हैंडपंप के साथ बायोगैस, डेरी व्यवसाय के मामले में सचमुच मॉडल बन चुका है। आज इस गांव में 235 में से मात्र तीन परिवार गरीबी-रेखा के नीचे हैं। आने वाले दिनों में ये परिवार भी इस रेखा को पार करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। गांव की बदहाली से त्रस्त होकर जो 22 परिवार गांव छोड़कर जा चुके थे, वे भी लौट आए हैं।

इस गांव की कायापलट करने के पीछे एक मिशनरी के रूप में ग्रामीण विकास के लिए समर्पित पोपट राव पवार का योगदान है जिन्होंने गांव वालों के सहयोग से एक पिछड़े और अनाम गांव को राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। हिवरे बाजार बेहतर कृषि के मामले में इतना आगे बढ़ चुका है कि यहां किसानों के पास ट्रैक्टर और वाहन भी हैं।

शिर्डी से करीब 80 किमी. दूर हिवरे बाजार ग्रामीण विकास का आधुनिक तीर्थ बन चुका है। यह देश में ग्रामीण विकास का पहला धाम बन गया है। ऐसे ही धाम पूरे देश में बने, वैसा ही काम सभी राज्यों में हो। उन्होंने कहा कि इस निर्मल गांव की महिलाएं पूरे देश में गांव-गांव में शौचालय बनाने का संदेश पहुंचाएंगी। जिस तरह से हिवरे बाजार में कुंओं का निर्माण हुआ है, वह सूखाग्रस्त हिवरे बाजार में क्रांति है।

केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री जयराम रमेश ने महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले के आदर्श गांव हिवरे बाजार में पंचायती राज में चुने हुए प्रतिनिधियों को प्रशिक्षण देने के लिए राष्ट्रीय केन्द्र स्थापित करने की घोषणा की है। महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से यह केन्द्र स्थापित किया जाएगा और अगले दो वर्ष के भीतर यह काम करने लगेगा। महाराष्ट्र सरकार इसे अभी राज्य-स्तरीय केन्द्र के रूप में 6 करोड़ रु. की और आर्थिक सहायता देगी। श्री रमेश ने कहा कि यह राष्ट्रीय केन्द्र देशभर के चुने हुए प्रतिनिधियों, विशेष रूप से ग्रामसभा के सदस्यों को जलाशय विकास, स्वच्छता एवं क्षमता निर्माण का प्रशिक्षण देगा।

हिवरे बाजार को महाराष्ट्र के मॉडल गांव में बदलने वाले पोपटराव पवार के प्रयास की सराहना करते हुए उन्होंने पवार को सलाह दी कि वे अपने इस कार्य को लगातार जारी रखें, राजनीति से हमेशा दूर रहें। स्थानीय नेता किस तरह से अपने गांव की तस्वीर बदल सकते हैं, यह हिवरे बाजार को देखकर जाना-समझा जा सकता है।

पोपटराव पवार क्रिकेट के खिलाड़ी थे। 1989 में वे गांव के सरपंच बने और उसके बाद से लगातार निर्विरोध सरपंच चुने जाते रहे। महाराष्ट्र में पिछले वर्ष हुए पंचायत चुनाव में सुनीता शंकर पवार सरपंच चुनी गई। महिला सीट होने के कारण पोपटलाल पवार को गांववालों ने उप-सरपंच चुना। पंवार ने अब गांव में 5 से 10 लोगों के समूह बनाकर पैकिंग मार्केट की भी शुरुआत की है ताकि ग्रामीण उत्पादों को अच्छा बाजार मिल सके।

महाराष्ट्र सरकार की जन भागीदारी से गांव के समग्र विकास की ‘आदर्श गांव संकल्प और प्रकल्प योजना’ को हिवरे बाजार में मूर्त रूप दिया गया। इस योजना में पांच बुनियादी सिद्धांत तय किए गए हैं जिनमें परिवार कल्याण, शराब पर सामाजिक पाबंदी, खुली चराई पर पाबंदी, पेड़ काटने पर पाबंदी, समुदाय के लिए श्रमदान शामिल हैं, गांववासियों को इन सिद्धांतों का पालन अनिवार्य रूप से करना होगा। गांववासियों को ग्रामसभा के माध्यम से ग्रामीण विकास की योजनाओं को लागू करने के लिए उन एन.जी.ओ. में से छांटना होता है, जो चैरिटी कमिश्नर के दफ्तर में रजिस्टर्ड हो। महाराष्ट्र सरकार ने वाटरशेड विकास को प्रमुखता देते हुए एक राज्यस्तरीय समिति राज्य के जल संरक्षण मंत्री की अध्यक्षता में गठित की है जिसकी कार्यसमिति के अध्यक्ष पोपट राव पवार बनाए गए हैं। पवार को अब तक उनके योगदान के लिए दर्जनों राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं।

हिवरे बाजार के हर घर के बाहर उस घर के मुखिया का नाम लिखा है। सभी घर एकदम साफ-सुथरे और शौचालय युक्त हैं। यहां एक ही मुस्लिम परिवार रहता है जिसके लिए ग्रामवासियों ने मस्जिद बनवाकर सांप्रदायिक सद्भाव का एक नया अध्याय लिखा है। आदर्श ग्राम योजना, महाराष्ट्र के कार्याध्यक्ष के रूप में पोपटराव पवार ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अलग पहचान बना चुके हैं।

श्री रमेश ने घोषणा की कि 2012-13 से ग्रामीण विकास मंत्रालय देशभर में ग्राम पंचायतों की मजबूती पर ग्रामीण विकास परियोजनाओं की बजट राशि का एक प्रतिशत खर्च करेगा। अभी ग्रामीण विकास मंत्रालय का बजट 90 हजार करोड़ रु. है जिसका एक प्रतिशत यानी 900 करोड़ रु. इस मद में खर्च किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मनरेगा-2 एक अप्रैल 2012 से शुरू करने की योजना है, जिसमें कृषि से संबद्ध कार्यों को भी शामिल किया गया है।

लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं।

ई-मेलः devendra.kumar@gmail.com

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