पानी का अपना रंग क्यों नहीं होता है

26 Dec 2020
0 mins read
पानी का अपना रंग क्यों नहीं होता है
पानी का अपना रंग क्यों नहीं होता है

पानी का बहुत सरल अणुओं ऑक्सीजन और हाइड्रोजन से निर्मित है। जो अधिक मात्रा में ऊर्जा को अवशोषित नही कर पाता है । इसलिए जब भी दृश्य प्रकाश पानी से होकर जाता है। तो यह ऊर्जा को काफी मात्रा में अवशोषित नही कर पाता है। पानी की 2 क्वांटम अवस्था की उर्जाओं के बीच अंतर है वह बेहद कम होता है।इसलिए पूरक रंग उत्पन्न हीं होता है।

वही पानी की जब मात्रा कम होती है तो वह बेरंग दिखती है। साफ पानी थोड़ा नीला दिखाई देता है। लेकिन जब पानी का लेवल अधिक मात्रा में बढ़ जाता है तो यह गहरा नीला दिखाई देता है।  पानी नीला दिखाई देना का सबसे बड़ा कारण उसमें मौजूद अवशोषण गुण है। इसके अलावा  सफेद प्रकाश बिखरने से भी पानी का रंग हमारी आँखों को नीला दिखाई देता है लेकिन जब पानी गंदा होता है तो उसका रंग बदल जाता है। 

समुद्र के पानी का रंग भी नीला दिखाई देता है।

सबसे पहले यह बता दें कि पानी का कोई रंग नहीं होता है लेकिन यह सूर्य के प्रकाश की वजह से हमें नीला दिखाई देता है सूरज की किरणों में मौजूद बैंगनी,जामुनी, हरा,पीला, नारंगी और लाल को तो समुद्र अवशोषित कर लेता है । लेकिन नीले रंग की वेवलेंथ छोटी होने के कारण पानी कर रंग बदल जाता है। जिसकी वजह से समुद्र के पानी का रंग नीला दिखाई देता है।

Posted by
Get the latest news on water, straight to your inbox
Subscribe Now
Continue reading