पोर्टो अलेग्रे का पानी

सार्वजनिक और सबके लिए


दुनिया भर में अपने सहभागितापूर्ण लोकतंत्र के लिए सुप्रसिद्ध पोर्टो अलेग्रे ब्राजील के सबसे दक्षिणी राज्य रियो डो सुल की राजधानी है। पोर्टो अलेग्रे को इस बात का भी गौरव प्राप्त है कि वह उस सफल सार्वजनिक जल और सफाई सुविधा डी.एम.ए.ई का गृहस्थल भी है। जो निजीकरण की प्रवृत्ति का विरोध करने के लिए एक मॉडल बन गई है।

सन् 2004 में पोर्टो अलेग्रे को ब्राजील की राजधानी बनाने पर विचार किया गया था क्योंकि वहां जीवन की गुणवत्ता सर्वोच्च थी और मानव विकास सूचकांक सर्वश्रेष्ठ। निश्चय ही पानी और सफाई का इन दोनों बातों से कुछ सरोकार तो है ही।

डी.एम.ए.ई. सार्वजनिक स्वामित्व वाली जल सुविधा है जो पानी और सफाई के कार्यक्रमों के माध्यम से सामाजिक एकता पर गहन रूप से केंद्रित है और पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े नगर विकास के लिए प्रतिबद्ध है। यह प्रशासनिक और वित्तीय दृष्टि से नगर प्रशासन से स्वतंत्र है लेकिन राजनीतिक और विनियामक मुद्दों पर उसके अधीन है। पोर्टो अलेग्रे में पानी और सफाई का इतिहास 1800 के दशक के प्रारंभिक वर्षों से शुरू होता है। 1961 तक पानी और सफाई का प्रबंधन केंद्रीय प्रशासन के नगरीय विभाग द्वारा किया जाता था। जब नगर ने 1950 के दशक के अंतिम वर्षों में जल सेवाओं के विस्तार के लिए एक ऋण लेने का फैसला किया तो नगर परिषद ने जल विभाग को एक स्वायत्त रूप से प्रशासित, वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर और नगरपालिका के स्वामित्व वाली सुविधा में रूपांतरित करने का फैसला किया। ऐसा इसलिए किया गया था क्योंकि इंटर अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक (आई.ए.डी.बी.) ने ऋण की वापसी पर गारंटी की मांग की थी। इस निर्णय से डी.एम.ए.ई. को भवन की कीमत के हिसाब से लगाये जाने वाले संपत्ति कर से जल उपभोग पर आधारित शुल्क की ओर जाने की अनुमति मिल गयी।

वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने के साथ ही डी.एम.ए.ई. के निर्माण की कुछ अन्य विशेषताएं भी महत्वपूर्ण थीं जैसे कि विमर्शी परिषद का सक्रिय होना। यह 40 से अधिक वर्षों से एक महत्वपूर्ण इकाई रही है और समाज द्वारा ‘सामाजिक नियंत्रण’ को अमल में लाती है जिसके कारण विभाग का अपने प्रशासनिक कामों में पूरी तरह पारदर्शी होना संभव होता है।

जिन महत्वपूर्ण विशेषताओं के कारण डी.एम.ए.ई. जल निजीकरण का एक अंतर्राष्ट्रीय वैकल्पिक मॉडल बन गयी है, वे हैं- वित्तीय और तकनीकी दोनों अर्थों में इसकी सामर्थ्य और सुरक्षित जल व पर्यावरण की सुरक्षा के संदर्भ में इसकी जवाबदेही। लेकिन इसकी एक बहुत महत्वपूर्ण और विशिष्ट विशेषता है सहभागी बजट सम्बंधी निर्णय लेने की जनतांत्रिक प्रक्रिया।

1994 तक ब्राजील की अर्थव्यवस्था में मौद्रिक परिवर्तनों और जबर्दस्त मुद्रास्फीति के कारण बार-बार आकस्मिक परिवर्तन आते रहे। इसके बावजूद डी.एम.ए.ई. नगर सेवा को बनाये रख सकी थी और उसका विस्तार कर सकी थी। यह इस बात का एक और प्रमाण है कि सुसंचालित सार्वजनिक सेवा कठिन परिस्थितियों में भी सफल होने में सक्षम होती है।

इस सेवा में कर्मचारियों की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने तकनीकी कठिनाइयों का सामना किया है जैसे बड़े पैमाने पर सुनहरी सीपियों के फैलाव की समस्या जिसने महत्वपूर्ण पाइपों और अन्य सुविधाओं को अवरुद्ध कर दिया था। इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए किये गये शोध ने डी.एम.ए.ई. को इस विषय पर देश के सर्वाधिक महत्वपूर्ण सूचना संदर्भों में से एक बना दिया।

पिछले कुछ वर्षों के दौरान डी.एम.ए.ई. ने अपने सूचकांकों को बढ़ते देखा है। 1989 में लगभग 94.7 प्रतिशत आबादी को जलापूर्ति की जाती थी। सन 2001 तक यह प्रतिशत बढ़कर 99.5 प्रतिशत हो गया। यह आंकड़ा अब तक बना हुआ है। जहां तक सफाई की बात है, 1990 में 73 प्रतिशत आबादी को सफाई (सीवेज कलेक्शन) की सुविधा प्राप्त थी। यह आंकड़ा 2004 में बढ़कर 84 प्रतिशत हो गया। सीवेज शोधन के क्षेत्र में विकास और अधिक उल्लेखनीय है। 1989 में 2 प्रतिशत आबादी को यह सेवा प्राप्त थी। पाँच नये संयंत्रों के निर्माण के कारण 2002 तक यह संख्या बढ़कर 27 प्रतिशत हो गयी। फिलहाल डी.एम.ए.ई. की योजना गंदे पानी के शोधन के लिए एक नया शोधन संयंत्र बनाने की है जिसका उद्देश्य शोधन सूचकांक को पांच वर्षों में 77 प्रतिशत तक पहुंचा देने का है।

यह प्रदर्शित करना महत्वपूर्ण है कि सार्वजनिक भागीदारी ने मुख्यतः एक सहभागी बजट के जरिये डी.एम.ए.ई. की सेवाओं को कैसे प्रभावित किया है। जहां नगर की आबादी पिछले दस वर्षों में लगभग 8.5 प्रतिशत बढ़ी है वहीं घरों के जल कनेक्शनों में लगभग 23 प्रतिशत वृद्धि हुई है और जिन घरों को सीवेज संग्रह संबंधी सफाई सेवा प्राप्त है वे बढ़कर 40 प्रतिशत हो गये हैं। यह नीचे दी गयी तालिका में प्रदर्शित किया गया है।

 

1994

2004

विकास

निवासी

1.294.506

1.404.670

8.51 प्रतिशत

पानी के कनेक्शन वाले घर

459.706

565.358

22.98 प्रतिशत

सफाई सीवेज संग्रह की सेवा प्राप्त घर

342.178

480.114

40.31 प्रतिशत


स्रोतः डी.एम.ए.ई. तथा आई.बी.जी.ई. (ब्राजीलियन इंस्टीट्यूट फॉर स्टेटिस्टिक्स)

1989 तक डी.एम.ए.ई. प्राथमिक तौर पर व्यापारिक केंद्रों और धनी इलाकों को सेवाएं प्रदान करती थी लेकिन जब 16 क्षेत्रों में लोगों ने अपनी मांगों पर चर्चा करना और मतदान करना शुरू किया तो दूरदराज के और निर्धन इलाकों में भी पानी और सफाई में निवेश किया गया। इस तरह अब पानी हर व्यक्ति की पहुंच में आ गया।

इसका एक सीधा परिणाम यह हुआ कि शहर में पानी के जरिये फैलने वाले रोग काफी हद तक कम हो गये। उदाहरण के लिए ब्राजील में अभी हाल के वर्षों में कालरा का प्रकोप हुआ था लेकिन पोर्टो अलेग्रे में कालरा का एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ। सीवरों में कालरा के विषाणु (विब्रिओ कालेरी) की शिनाख्त होने पर डी.एम.ए.ई. की उच्च स्तर पर नियंत्रित जल शोधन व्यवस्था ने इस रोग को रोकने में एक अवरोध बाड़ का काम किया।

ये सभी उदाहरण उस ठोस प्रबंधन का परिणाम हैं जिसने अपने प्रयास डी.एम.ए.ई. को वित्तीय रूप से समर्थ बनाये रखने पर और इस प्रकार उसे अपने अधिशेष धन का पानी और सफाई सुविधाओं में पुनः निवेश करने में समर्थ बनाने पर केंद्रित किये हैं। पिछले सात वर्षों में निवेश किया गया 70 प्रतिशत धन शुल्क संग्रह से मिला था। यह उपलब्धि लागत मूल्यांकन और व्यय प्रबंधन के साथ एक मजबूत आतंरिक नियंत्रण नीति के कारण हुई। डी.एम.ए.ई. अपनी सेवाओं का और अधिक विस्तार कर सकती थी किंतु 1997 से 2003 तक राष्ट्रीय ऋण बैकों से उसे अपनी सामर्थ्य लायक ऋण नहीं मिले थे क्योंकि इन बैंकों का रुझान ब्राजील में जल क्षेत्र के निजीकरण में सहायता देने की ओर था।

सन् 2000 के खत्म होते होते कांग्रेस के समक्ष एक कानून प्रस्तावित किया गया जिसका स्पष्ट लक्ष्य जल का निजीकरण था। डी.एम.ए.ई. उस राष्ट्रीय प्रतिरोध आंदोलन के हरावल दस्ते में था जो इसको रोकने में सफल रहा। प्रस्ताव वापस ले लिया गया। वर्तमान राष्ट्रीय सरकार का उद्घाटन 2003 में हुआ। इस सरकार के तहत एक नयी कानूनी परियोजना पर, जो पानी, सफाई, ठोस कचरा और तूफानी पानी के लिए राष्ट्रीय विनियमन चाहती है, देशव्यापी चर्चा चलायी जा रही है। इसके बाद ही इसे संसद के पास भेजा जायेगा।

नयी नीति राजकीय और नगरीय जल सुविधाओं को साथ-साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित करती है लेकिन नगरीय प्रशासन को ब्राजीली संविधान के अनुसार स्वतंत्र रूप से काम करने अथवा एक दीर्घकालीन अनुबंध पर आधारित सरकारी सेवा को कमीशन करने का विकल्प अपनाने की अनुमति भी देती है।

नये कानून के मुख्य उद्देश्यों में से एक सार्वजनिक अथवा निजी जल सुविधाओं के विनियमन और सामाजिक नियंत्रण दोनों को बढ़ावा देना है। इसके लिए कानून के बाद मिलने वाली सुविधाओं को भी ऋण प्रस्तावों से जोड़ दिया जायेगा।

परियोजना ने जिस चीज का प्रस्ताव किया डी.एम.ए.ई. ने स्वयं को पहले ही उसके अनुकूल बना लिया है। मुख्यतया सामाजिक नियंत्रण के मामले में वह भाड़े पर एक परामर्शी सेवा से सुविधा के प्रशासन सम्बन्धी सुधार के प्रस्ताव पर काम करा रही है।

हमारी शुल्क संरचना मजबूत क्रास सब्सिडी पर आधारित है। कम आमदनी वाले लोगों के लिए एक सामाजिक शुल्क तय है। उन्हें प्रति माह दस क्यूबिक मीटर पानी इस्तेमाल करने का अधिकार है किंतु वे भुगतान केवल चार क्यूबिक मीटर के लिए करते हैं। सामाजिक शुल्क के अतिरिक्त तीन भिन्न दरें भी हैं। जो लोग केवल बुनियादी जरूरतों के लिए पानी का इस्तेमाल करते हैं (वे प्रति माह 20 क्यूबिक मीटर तक पानी का इस्तेमाल करते हैं) उन्हें उन लोगों द्वारा काफी आर्थिक सहायता दी गई है जो प्रति माह बीस से एक हजार क्यूबिक मीटर पानी का इस्तेमाल करते हैं। 20 से 1000 क्यूबिक मीटर तक पानी इस्तेमाल करने वाले समूहों के लिए शुल्क बहुत तेजी से बढ़ सकते हैं और इसके बाद शुल्क बहुत ऊंचे हो जाते हैं। हवाई अड्डे, शापिंग सेंटर और उद्योग जैसे बड़े उपभोक्ता इस श्रेणी में आते हैं। उदाहरण के लिए धनी लोगों को, जो सिर्फ अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए ही नहीं बल्कि अपने तरण तालों के लिए भी पानी का इस्तेमाल करते हैं, निर्धन लोगों के लिए पानी की सब्सिडी देनी पड़ती है। इस शुल्क संरचना के साथ हम पानी और सफाई सेवाओं के रख-रखाव और विस्तार के काम में पर्याप्त धनराशि का निवेश कर सकते हैं। इससे हमारे वार्षिक बजट का लगभग 15 से 25 प्रतिशत वार्षिक अधिशेष मिलता है जो नये निवेशों में लगाया जाता है।

यही वह बिंदु है जहां लोग अगले वर्ष के सहभागी बजट चक्र में भागीदारी करते हैं। लोग अपनी मांगें लेकर आते हैं, उन पर चर्चा करते हैं, मतदान करते हैं और फिर इस मूल्यांकन के बाद कि मांगें तकनीकी रूप से व्यावहारिक हैं, वे मांगें अगले वर्ष के म्यूनिसिपल बजट में शामिल कर ली जाती हैं। जलकलों (वाटर वर्क्स) का परीक्षण डी. एम.ए.ई करता है।

सरोकार रखने वाले नागरिकों का एक समूह काम के दौरान ठेकेदारों के साथ-साथ रहने और उनके काम पर निगाह रखने के लिए नियुक्त किया जाता है ताकि निर्णय करने से लेकर धन के इस्तेमाल तक की प्रक्रिया जनता की देख-रेख में हो। यह समाज द्वारा नियंत्रण रखने की पूरी कार्रवाई है।

सहभागिता बजट पर अमल ने डी.एम.ए.ई. को ठीक उसी तरह बदल दिया है जैसे शहर की जरूरतों को पूरा किये जाने की अवधारणा बदली है। डी.एम.ए.ई. के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को अपना ध्यान जनता की मांगे सुनने पर और उनकी मांगों पर कार्रवाई को आगे बढ़ाने पर केंद्रित करना होता है। इससे हमारे प्रबंधन के तरीके में जबर्दस्त बदलाव आया है। परिणामस्वरूप, धन कहां लगाया जायेगा, यह अब हम नहीं तय करते जनता अपनी मांगों पर चर्चा करती है और अगर वे मांगें तकनीकी दृष्टि से संभव हैं तो उन्हें अगले वर्ष के बजट में शामिल कर लिया जाता है।

डी.एम.ए.ई. प्रशासकों को यह भी मालूम है कि उन्हें ऐसे कर्मचारियों की जरूरत है जो उत्साही हों और जनता की जरूरतों को पूरा करने में ऊंचे मानदंड हासिल कर सकते हों। इसलिए हर साल शिक्षा, स्वास्थ्य की देखभाल, बीमा, परिवहन तथा अन्य क्षेत्रों में काफी ज्यादा निवेश किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप अनेक कर्मचारियों को हाईस्कूल अथवा विश्वविद्यालय में वजीफे मिले हैं और प्रबंधकीय तथा तकनीकी विषयों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रमों तक उनकी पहुंच संभव हुई है और उन्होंने सामाजिक उत्तरदायित्व के लिए महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं। इन निवेशों का नतीजा एक सामाजिक लेखे-जोखे में विस्तार से दिया जाता है जो सन् 2000 से प्रतिवर्ष प्रकाशित किया जाता है।

इन अनेक वर्षों के दौरान डी.एम.ए.ई. की सफलता में नागरिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विमर्शी परिषद का गठन 1961 में हुआ था। उसने डी.एम.ए.ई. पर निगरानी रखने में समाज के अनेक क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया है और इसकी सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। विशेषकर सहभागिता बजट पर अमल डी.एम.ए.ई. को समाज के और करीब लाया तथा उसने सुविधा पर नियंत्रण में एक नया स्तर स्थापित किया। इसका कारण सिर्फ यही नहीं था कि यह वह बिंदु था जहां मांगें सुनी जाने लगी थीं बल्कि यह भी था कि प्रदान की गयी सेवाओं की गुणवत्ता की जांच करने में जनता भी शामिल होने लगी।

इसके साथ ही डी.एम.ए.ई. ने शहर में फैले अपने कार्यालयों के जरिये अपने उपभोक्ताओं से एक घनिष्ठ संबंध स्थापित किया। जनता की जिन बातों की सुनवाई होती थी उनमें यह भी शामिल था कि लोग बिल सम्बन्धी शिकायतें भी ला सकते थे और इन कार्यालयों में अपने बिल का आंशिक भुगतान कर सकते थे। यह निम्न आय वाले उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण विकल्प है। वे टेलीफोन पर और एक वेबसाइट पर भी डी.एम.ए.ई. से संपर्क कर सकते हैं जहां उन्हें एक विपुल सूचना भंडार उपलब्ध है। यहां यह भी देखा जा सकता है कि उनके यहाँ रख-रखाव सेवा कब होनी है, और वे यहां यह भी मालूम कर सकते हैं कि उन्होंने महीने भर में कितना पानी इस्तेमाल किया है।

हाल ही में पूरी दुनिया से चुने गये उन अनेक शहरों में पोर्टो अलेग्रे भी शामिल था जिनमें आगामी दस वर्षों में निवेश आकर्षित करने की जबर्दस्त क्षमता है। यह खबर इंग्लैंड की सलाहकार सेवा जोन्स लैंग ला साले द्वारा जारी की गयी अंतर्राष्ट्रीय रिपोर्ट ‘विश्व विजेता शहर’ में प्रकाशित की गयी थी। उन्होंने 24 शहरों पर ध्यान केंद्रित किया था जिनमें से केवल एक -पोर्टो अलेग्रे- ब्राजील में था।1 ब्राजील स्थित इसकी प्रवक्ता के अनुसार पोर्टो अलेग्रे का चयन इसलिए किया गया था क्योंकि आर्थिक रूप से विकसित होने के साथ ही सहभागी लोकतंत्र के लिए संदर्भ बिंदु के रूप में वहां जीवन की गुणवत्ता उत्कृष्ट है और कोई नया व्यापार शुरू करने के लिए वहां स्थितियां अच्छी हैं। यह समझना आसान है कि इस चयन पर एक सुसंचालित सार्वजनिक जल सुविधा का भी प्रभाव रहा ही होगा।

निजीकरण का खतरा एक प्रमुख बाधा रहा है जिसे डी.एम.ए.ई. को पार करना है। डी.एम.ए.ई. उन लोगों की दिलचस्पी का केंद्र है जो निजीकरण का समर्थन करते हैं। पोर्टो अलेग्रे में दस लाख से ज्यादा लोग रहते हैं और यह अकेली राजधानी है जिसके पास अब भी अपनी सार्वजनिक स्वामित्व वाली नागरिक सुविधा मौजूद है। यह बात इंटर अमेरिकन डेवलपमेंट बैंक (आई ए डी बी) के साथ ऋण संबंधी वार्ता के दौरान सामने आयी। आई. ए.डी.बी. ने डी.एम.ए.ई. को कंपनी में बदल देने और उसे नगरपालिका से अलग कर देने का जोरदार प्रयास किया था। इसके पीछे का उद्देश्य साफ था -निजीकरण। लेकिन सेवा ने इस कोशिश का दृढ़तापूर्वक विरोध किया और ऋण भी प्राप्त कर लिया। उसने दिखा दिया कि डी.एम.ए.ई. कितनी सम्मानित संस्था है।

निजीकरण एक स्थायी खतरा है और डी.एम.ए.ई. को अपना बचाव करते रहना है। जितना अधिशेष हम बचाते हैं, निगम (कारपोरेशन) उतना अधिशेष, संभवतः उससे ज्यादा भी, बचा सकते हैं क्योंकि उनके कोई सामाजिक सरोकार नहीं हैं। वे शुल्क भी बढ़ा सकते हैं। फिर वे यह धन मुनाफे के रूप में अपने मुख्य कार्यालयों को भेज सकते हैं। इसके बजाय हम इस अधिशेष को वापस जनता को लौटा देते हैं जिसने यह धन, जल और सफाई सेवाओं के लिए एक बेहतर बनाये गये बुनियादी ढांचे के लिए दिया था।

हमारा यह भी विश्वास है कि यदि सहभागिता बजट रोक दिया जाता है तो इससे सरकार और समाज के बीच सम्बन्ध का एक महत्वपूर्ण पक्ष जनता से छिन जायेगा जबकि जनता ने ही इसे नये धरातल पर प्रतिष्ठित किया है।

सार्वजनिक जल सुविधाएं वास्तव में संभव हैं और सामाजिक, वित्तीय तथा तकनीकी दृष्टि से निगमों की तुलना में बेहतर हो सकती हैं। अतः यह स्पष्ट है कि पूरे विश्व में सभी सफल और व्यावहारिक सार्वजनिक जल सुविधाओं को पानी के निजीकरण का दृढ़तापूर्वक विरोध करने के लिए एकजुट हो जाना चाहिए और उन्हें उन जल सुविधाओं को समर्थन और सहारा भी देना चाहिए जो उच्चतर मानक हासिल करने के लिए अब भी प्रयासरत हैं।

जल और स्वच्छता सेवाएं प्रदान करने के लिए बेहतर तरीका क्या है इस बात पर चर्चा करने के लिए पिछले कुछ वर्षों में दुनिया भर में अनेक सम्मेलन हुए हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि वह तो पोर्टो अलेग्रे में लंबे समय से चल ही रहा है। यह एक ऐसा माडल है जो यदि प्राकृतिक संसाधनों, विधान और पैमाने सम्बन्धी क्षेत्रीय दशाओं के अनुसार अनुकूलित कर दिया जाये तो पूरी दुनिया में लागू किया जा सकता है।

हेलिओ माल्ट्ज जल और स्वच्छता के नगरीय विभाग (दिपार्टमेंतो म्यूनिसिपल दे अगुवा ए एस्गोतोस-डी.एम.ए.ई.) से संबद्ध हैं।

इस विभाग से www.dmae.rs.gov.br पर संपर्क किया जा सकता है।

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