पर्यावरण मुकदमे

19 Feb 2017
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दिल्ली


20 सितंबरः दिल्ली उच्च न्यायालय ने केन्द्र और दिल्ली सरकार को यह निर्देश दिया कि वे ऐसे प्रभावी कदम उठाएँ, जिससे कि दिल्ली का कोई भी अस्पताल डेंगू रोगियों के उपचार या प्रवेश से इनकार नहीं कर सके।

6 अक्टूबरः दिल्ली उच्च न्यायालय ने पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान की सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिये निर्देशित किया कि उनके किसान नरवाई नहीं जला पाएँ, ताकि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ने से बचाया जा सके।

उत्तर प्रदेश


20 सितम्बरः राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि वह गाजियाबाद के निकट हिंडन पक्षी अभयारण्य में अवैध अतिक्रमण को हटाने के लिये उचित आदेश पारित करें।

6 अक्टूबरः एनजीटी ने गाजियाबाद प्राधिकरण के अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे शहर में ठोस कचरों के वैज्ञानिक तरीके से निपटान के लिये एक हफ्ते में कार्ययोजना तैयार कर जमा कराएँ।

राजस्थान


29 सितम्बरः एनजीटी ने जोधपुर शहर के अधिकारियों और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से यह समझाने को कहा है कि जोजरी नदी में प्रदूषण रोकने के लिये क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

पश्चिम बंगाल


20 सितम्बरः राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने विदेश मंत्रालय को निर्देश देते हुए कहा कि वह पश्चिम बंगाल के मठबंगा नदी में गिरने वाले औद्योगिक कचरे के कारण प्रदूषित हो रही चुरनी नदी को बचाने को एक प्रवाह उपचार संयंत्र की स्थापना के लिये बांग्लादेश की सरकार के साथ विचार-विमर्श जारी रखें।

महाराष्ट्र


3 अक्टूबरः बंबई उच्च न्यायालय ने महाराष्ट्र सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने जानबूझकर शोर मापक मीटर की खरीद में देरी की। जनवरी में अदालत ने 1,843 मीटर खरीदने और राज्य के सभी पुलिस स्टेशनों को देने के लिये गृह विभाग को निर्देश दिये थे।

बिहार


16 सितम्बरः एनजीटी ने पटना महानगर क्षेत्र में 20,000 वर्ग मीटर में फैले हुए संरचनाओं के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है।

उड़ीसा


17 सितम्बरः एनजीटी ने उड़ीसा के वन विभाग को निर्देश दिया है कि वे रायगढ़ में उत्कल एल्युमिना इंटरनेशनल लिमिटेड का निरीक्षण कर इस बात की पुष्टि करें कि क्या इसकी रिफाइनरी इकाई और खनन कार्य वन भूमि पर तो नहीं चल रहे हैं।

01 जनवरी 2016 से 10 अक्टूबर 2016 तक अदालतों में पर्यावरण और विकास से सम्बन्धित मामले

 

सर्वोच्च न्यायालय

उच्च न्यायालय

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण

81

113

615

 

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