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Periyar lake in Hindi

केरल की पेरियार झील भारत की सबसे सुव्यवस्थित झील है। मानव निर्मित यह झील 24 वर्ग किलोमीटर में फैली है। पेरियार नदी पर बने बांध के कारण यह झील अस्तित्व में आई। तमिलनाडु के समीप के इलाके को बिजली एवम् जल उपलब्ध कराती, यह पर्यटकों के लिए एक अद्भुत सौंदर्य का खजाना खोल देती है। चारों ओर छोटी-छोटी पहाड़ियां वृक्षों से भरी हैं और उन पर मंडराते बादल तरह-तरह के चित्र वितान बनाते हैं।

जिस समय इस स्थान पर बांध का पानी छोड़ा गया उस समय केवल कीमती पेड़ ही हटाये गये थे। अब बचे हुए पेड़ों के काले-काले ठूंठ बचे हैं, जो अब इसकी पहचान बन गये हैं।

झुटपुटे मे जब कोहरे की हलकी पर्त हो तब पेरियार झील पर पानी में झुके वन्य पशुओं को देखकर मन मुग्ध हो उठता है। मानव निर्मित स्थान पर ‘वन्य संरक्षण केंद्र’ प्राकृतिक सौंदर्य की छटा से भरपूर है। वन्य जीवों में सर्वाधिक हाथी इस झील के आस-पास पाये जाते हैं। हाथियों से जंगल भरे पड़े है। 1980 में इन हाथियों की संख्या 700 तक थी। झील के किनारे परिवार के साथ घूमते हाथी झील का आकर्षण बढ़ा देते हैं। हाथियों के अलावा जंगली सूअर भी बहुतायत में पाये जाते हैं। यहां के अन्य वन्य जीवों में जंगली भैंसा, गौर, भालू आदि भी बहुतायत में पाये जाते हैं। पेरियार के आसपास कम-से-कम दो हजार प्रजाति की चिड़ियां पाई जाती हैं।

इस झील और केंद्र की सुचारू रूप से देखरेख करीब डेढ़-दो सौ कर्मचारी करते हैं। जंगली जानवरों को अठखेलियां करते समुचित दूरी से देखा जा सकता है। इस उद्यान का भ्रमण नाव द्वारा भी किया जा सकता है। यहां पर तरह-तरह की वनस्पतियां भी पाई जाती हैं। यहां की सभी वनस्पतियां और जंगली जीवन के चित्र आने वाले पर्यटकों एवं स्कूली बच्चों के ज्ञानवर्द्धन के लिए दिखाये जाते हैं।

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