रांची में बढ़ेगा पेयजल संकट

अत्यधिक ठंड पड़ने या तापमान में गिरावट होने के कारण लोहे के पाइप का लोच कम हो जाता है, जिससे पाइप फट जाता है और पानी बर्बाद होने लगता है। तापमान में गिरावट होने के कारण रूक्का में कई स्थानों पर पाइन लाइन फट गया है। उसे मरम्मत करके रूक्का से बूटी को जलापूर्ति की जा रही है।

झारखंड की राजधानी रांची शहरी क्षेत्र भयानक पेयजल संकट के दौर से गुजर रहा है। अगर यही स्थिति रही, तो एक महीने के बाद रांचीवासी बूंद-बूंद पानी को तरसेंगे। हटिया क्षेत्र में इसका सर्वाधिक असर देखने को मिलेगा। हटिया एवं कांके डैम से पानी की राशनिंग होने के कारण जलापूर्ति का पूरा भार बूटी जलापूर्ति केन्द्र पर आ गया है। रांची शहरी क्षेत्र में आम लोगों को पेयजल सुविधा उपलब्ध कराने के लिए रूक्का जलापूर्ति केन्द्र से बूटी जलापूर्ति केन्द्र को प्रतिदिन 375 लाख गैलन जलापूर्ति करनी होगी। रूक्का इसके लिए सक्षम भी है।

पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से मिली जानकारी के अनुसार हटिया एवं कांके डैम का जलस्तर काफी नीचे चले जाने के कारण दोनों डैमों से पानी की राशनिंग (कटौती) शुरू की गयी है। हटिया डैम में मात्र डेढ़ फुट पानी बचा है। हटिया डैम से किसी प्रकार जनवरी महीने तक जलापूर्ति की जा सकती है। कांके डैम की सफाई नहीं होने के कारण पानी काफी गंदा हो गया है। डैम का पानी पीने लायक नहीं रह गया है। डैम में पानी भी काफी कम है। इसलिए हटिया एवं कांके डैम से पानी की राशनिंग शुरू की गयी है। इस स्थित में जलापूर्ति का पूरा दारोमदार रूक्का एवं बूटी जलापूर्ति केन्द्र पर आ गया है। अगर शहरी क्षेत्रों में पाइप लाइन क्षतिग्रस्त नहीं हो, तो बूटी जलापूर्ति केन्द्र से शहरवासियों को आवश्यकतानुसार जलापूर्ति की जा सकती है। शहरवासियों को प्रतिदिन 400 लाख गैलन पानी की आवश्यकता है। पानी की बर्बादी होने एवं चोरी होने के कारण भी लोगों को पानी नहीं मिल पाता है। शहर के आम लोग खासकर बड़े पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों तथा कल-कारखानों के प्रबंधन को इसके लिए जागरूक होना होगा।

जानकारी के अनुसार अत्यधिक ठंड पड़ने या तापमान में गिरावट होने के कारण लोहे के पाइप का लोच कम हो जाता है, जिससे पाइप फट जाता है और पानी बर्बाद होने लगता है। तापमान में गिरावट होने के कारण रूक्का में कई स्थानों पर पाइन लाइन फट गया है। उसे मरम्मत करके रूक्का से बूटी को जलापूर्ति की जा रही है। आज भी रूक्का से बूटी को 300 लाख गैलन जलापूर्ति की गयी है। रूक्का डैम में पम्प हाउस के भीतर दो वाई जंक्शन में दरार निकसित हुई है, जिसे अविलंब मरम्मत करने की आवश्यकता है। तापमान में गिरावट होने के कारण बरियातू रोड में भी चार स्थानों पर पाइप लाइन क्षतिग्रस्त हो गयी है, जिसे मरम्मत किया जा रहा है। रूक्का से संपूर्ण रांची को यथासंभव पेयजल सुविधा उपलब्ध करायी जा सकती है। बशर्ते कि पाइप लाइन दुरुस्त हो और पानी की चोरी नहीं हो। पेयजल की किल्लत होने का एक कारण अवैध कनेक्शन भी है।

पेयजल समस्या का समाधान करने के लिए पेयजल एवं स्वच्छता विभाग ने वैकल्पिक व्यवस्था करने की योजना बनायी है। इसके लिए विभाग द्वारा इस महीने के प्रथम सप्ताह में लगभग तीन करोड़ रुपए की योजना बनाकर आपदा प्रबंधन विभाग को भेजी है। आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा अभी तक स्वीकृति प्रदान नहीं की गयी है। विभाग द्वारा भेजी गयी योजना में रांची शहरी क्षेत्र के प्रत्येक वार्ड में दो-दो उच्च प्रवाही नलकूप लगाने, कडरू ओवरब्रिज के नीचे लगाये गये पाइन लाइन के बदले नयी पाइप लाइन लगाने एवं हटिया डैम में जलाशय के अंदर पानी को एकत्रित करने की योजना है।
 

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