सहस्रधारा बचाने के लिए वन विभाग के पास बजट नहीं

2 Jan 2020
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सहस्रधारा बचाने के लिए वन विभाग के पास बजट नहीं
सहस्रधारा बचाने के लिए वन विभाग के पास बजट नहीं

सहस्रधारा में वन भूमि को भूमाफियाओं के बचाने में भले ही विभाग बजट का रोना हो रहा हो, मगर सामाजिक कार्यकर्ता अनिल कक्कड़ ने इसके लिए एक अनोखी पहल की है। उन्होंने वहाँ पिलर लगाने के लिए जरूरी छह लाख के बजट के लिए बिना ब्याज के विभाग को पैसे उधार देने की पेशकश की है।

पीसीसीएफ जयराज को पत्र लिखकर कक्कड़ ने कहा है कि पिछले छह माह से वन विभाग सहस्रधारा में वन भूमि पर चिन्हित अतिक्रमण पर पिलर लगाने के लिए छह लाख का बजट नहीं जुटा पाया है। जबकि लगातार भू माफिया वन भूमि को खुर्दबुर्द करते जा रहे हैं। उन्होंने पीसीसीएफ से पेशकश की कि जब तक विभाग छह लाख के बजट का इंतजाम नहीं करता तब तक वे बिना ब्याज के छह लाख रुपए विभाग को उधार दे सकते हैं। जिससे सहस्रधारा में चिन्हित अतिक्रमण पर पिलर लगाकर वन विभाग जमीन पर कब्जा करे। उन्होंने ये भी का है कि अगर एक सप्ताह में चिन्हित भूमि पर पिलर लगाने को लेकर काम नहीं होता तो वे वन मुख्यालय में धरने पर बैठ जाएंगे। कक्कड़ ने पीसीसीएफ कार्यालय को छह लाख का चेक भी दे दिया है।

दरअसल, ‘हिन्दुस्तान’ ने सहस्रधारा में अतिक्रमण के खिलाफ बड़ी मुहिम चलाई थी, जिसके बाद वन विभाग ने वहाँ 50 बीघा से ज्यादा वन भूमि पर अतिक्रमण चिन्हित किया था। लेकिन डीएफओ मसूरी ने इस पर पिलर लगाने के लिए मुख्यालय से छह लाख का बजट माँगा था। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह ने भी बजट तत्काल देने के निर्देश दिए थे। मगर छह माह से बजट नहीं मिला है। इस कारण सहस्रधारा में वनभूमि पर चिन्हित अतिक्रमण पिलर लगाने का काम शुरू नहीं हो सका। इस कारण भूमाफिया वन भूमि को खुर्दबुर्द करते जा रहे हैं। इससे विभाग पर सवाल उठ रहे हैं।

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