समान दर से नहीं बढ़ रहा समुद्र का जल स्तर


ग्लोबल वार्मिंग के कारण ग्लेसियर्स के बर्फ पिघलते जा रहे हैं। बर्फ पिघलने के कारण समुद्र का जल स्तर भी लगातार बढ़ता जा रहा है, लेकिन पूरी दुनिया में समुद्र का जल स्तर समान दर से नहीं बढ़ रहा है। उपग्रहों द्वारा भेजी गई ताजी तस्वीरों से इस बात का पता चला है। शोधकर्ताओं ने बताया कि पूरी पृथ्वी पर अलग-अलग जगह समुद्र का जल स्तर अलग-अलग दर से बढ़ रहा है। नए आंकड़ों के मुताबिक पूरे विश्व में एक मिमी. की औसत दर से समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि भूमध्य रेखा के करीब प्रशांत महासागर और भारत के समुद्री तट तथा उत्तरी अमेजन नदी के तट से काफी दूर समुद्र का जल स्तर काफी तेजी के साथ बढ़ रहा है, वहीं अमेरिका के नजदीक समुद्र जल स्तर वृद्घि की दर में एक दशक के दौरान गिरावट आई है। उन्होंने इस विभिन्नता के पीछे भी ग्लोबल वार्मिंग को ही प्रमुख कारक बताया है। प्रमुख शोधकर्ता रिकार्डो रिवा ने बताया कि इस विभिन्नता के कारण भी असमान रूप से जलवायु परिवर्तन देखने को मिल रहा है।

रिवा ने बताया कि बर्फ पिघलने के कारण समुद्र का जल स्तर औसतन एक मिमी. बढ़ रहा है। इसके कारण पृथ्वी तथा समुद्र का तापमान भी लगातार बढ़ता जा रहा है। जल स्तर बढ़ने के कारण समुद्र के आयतन में भी वृद्घि हो रही है। एक अन्य शोधकर्ता टामिसिया ने बताया कि समुद्र के जल स्तर वृद्घि का सीधा असर समाज पर पड़ रहा है। लगातार बढ़ता तापमान इस बात का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इसके बारे में लोगों को सजग होना ही पड़ेगा। विल्लिस ने बताया कि यह बदलाव अभी हमें कम जरूर लग रहा होगा, लेकिन आने वाले समय में यह काफी विकराल रूप धारण कर लेगा, जिसका सामना करना लगभग असंभव हो जाएगा।
 

 

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