सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के सफलता की कहानी

13 Oct 2008
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सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान अभिकर्ता
सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान अभिकर्ता

गांव- देवस्थान, विकास खण्ड-जोशीमठ, जनपद- चमोली की कहानी

सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान की अवधारणा के अनुरूप स्वजल परियोजना, जिला परियोजना प्रबन्धन इकाई चमोली द्वारा ग्राम स्तरों पर स्वच्छता एवं स्वास्थ्य के अन्तर्सम्बन्ध को प्रभावी तौर पर लागू करने हेतु विभिन्न सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। उक्त कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु सर्वप्रथम वर्ष 2003-04 जिला चमोली की सभी ग्राम पंचायतों का आधारभूत सर्वेक्षण करवाया गया एवं प्राप्त आकडों के अनुरूप कार्यकम के सफल संचालन हेतु विभिन्न सहयोगी संस्थाओं का चयन किया गया। सहयोगी संस्थाओं को सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान की अवधारणा के अनुरूप कार्यक्रम संचालित करने हेतु अनुबन्धित किया गया, इसी क्रम मे ग्राम पंचायत देवस्थान,वि0ख0 पोखरी हेतु सहयोगी संस्था सोसायटी फार इनवरोमैंट एण्ड एजुकेशन सीड को दायित्व सौंपा गया।

समय-समय पर जिला परियोजना प्रबन्धन इकाई चमोली द्वारा आयोजित जिला स्तरीय एवं ग्राम स्तरीय गोष्ठियों मे भी संस्था कार्यकर्ताओं एवं पंचायत प्रतिनिधियों तथा अन्य ग्रामवासियों द्वारा बढचढ कर भाग लिया जाता रहा है। उक्त कार्यकम के तहत संस्था द्वारा ग्राम पंचायत देवस्थान को सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम हेतु चयनित किया गया।

सम्पूर्ण स्वच्छता अभियानसम्पूर्ण स्वच्छता अभियानग्राम पंचायत देवस्थान जनपद चमोली के विख पोखरी मे विकासखण्ड कार्यालय के समीप स्थित है, जो कि ऋषिकेष-बद्रीनाथ मार्ग पर कर्णप्रयाग से लगभग 18 किमी0 की दूरी पर कर्णप्रयाग-पोखरी मार्ग पर समुद्रतल से 1850 मी0 की उंचाई पर स्थित है। पुरानी किंबदंतियों के अनुसार उक्त ग्राम मे भगवान विष्णु ने बद्रीनाथ जाते समय विश्राम किया था और तब से उक्त गांव को देवस्थान के नाम से जाना जाता है। उक्त ग्राम पंचायत मे आधारभूत सर्वेक्षण के दौरान कुल 49 परिवार निवास कर रहे थे। सर्वप्रथम गाँव में शौचालयों की स्थिति का आंकलन किया गया था। गाँव में स्थिति स्वच्छता को लेकर अच्छी नही थी। लोगों के पास शौचालय नहीं थे। गाँव में लोग शौचालय बनाने के लिए तैयार नहीं थे।

सम्पूर्ण स्वच्छता कार्यक्रम के तहत जिला परियोजना प्रबन्धन इकाई चमोली व सहयोगी संस्था के द्वारा विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती रही हैं। ग्राम सभा में सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत गाँव-गाँव जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया, दीवर लेखन आदि के माध्यम से जागरूकता उत्पन्न की गयी। विस्तृत चर्चा के उपरान्त निष्कर्ष निकला कि ग्राम पंचायत देवस्थान मे समुदाय व्यक्तिगत एवं घरेलू स्वच्छता हेतु ताक जागरूक हैं किन्तु कतिपय पर्यावरर्णीय स्वच्छता का अभाव देखने को मिलता रहता था क्योकि गांव मे खुले मे शौच जाने की प्रथा विद्यमान थी और इसका समाधान था व्यक्तिगत शौचालय निर्माण करवाना बस क्या था ! ग्राम प्रधान श्रीमती बत्सला सती के सहयोग से सहयोगी संस्था के कार्यकर्ता व डीपीएमयू के प्रतिनिधियों द्वारा गांव मे सभी परिवारों को शौचालय बनाने हेतु प्रेरित करना आरम्भ कर दिया गया। सहयोगी संस्था द्वारा समय-समय पर ग्राम स्तरीय बैठकों /जागरूकता शिविरों /दीवारलेखन आदि के माध्यम से जनजागरूकता की गयी, इसके अतिरिक्त ग्रामवासियों को यह भी बताया गया कि कम से कम जिस स्थान पर देवों ने विश्राम किया हो उसे तो गन्दा न किया जाय। उक्त बात भी समस्त ग्रामवासियों को प्रभावित कर गयी और आरम्भ हो गया एक-एक शौचालय बनने का सिलसिला। लोगों द्वारा ग्राम स्तर पर सामुदायिक सफाई अभियान के माध्यम से सार्वजनिक स्थानों, रास्तों को नियमित स्वच्छ रखना आरम्भ कर दिया। परिणाम स्वरूप वर्तमान समय मे ग्राम पंचायत के सभी परिवार शौचालय के प्रयोग के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता पर ध्यान दे रहे हैं ,खुले मे मलत्याग ग्राम पंचायत मे पूर्णत: रोक लग गयी व ग्राम पंचायत द्वारा अपनी ग्राम पंचायत को निर्मल ग्राम पुरस्कार हेतु आवेदन किया गया व निर्मल ग्राम चयन हेतु दृढसंकल्प हैं।

共计卫生运动的成功故事Campagne d'assainissement total de réussiteTotal Sanitation Campaign ErfolgsgeschichteTotal Sanitation Campaign success story

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