संवहनीय वर्षा (Convectional rain)
भूमध्य रेखीय प्रदेशों में दिन में अत्यधिक सूर्यातप के कारण धरातल के अधिक गर्म हो जाने पर वायु फैलती है और हल्की होने के कारण ऊपर उठती है। ऊपर उठती हुई यह वायु सागरों तथा अन्य जलाशयों से आर्द्रता ग्रहण कर लेती है। आकाश में पर्याप्त ऊँचाई पर पहुँच कर वायु ओसांक तक ठंडी हो जाती है और संघनन प्रारम्भ हो जाता है तथा कपासी वर्षा मेघों की उत्पत्ति होती है और तीव्र वर्षा होने लगती है। इसे संवहनीय वर्षा कहते हैं। भूमध्य रेखीय प्रदेशों में प्रायः प्रतिदिन दोपहर के पश्चात बिजली की चमक तथा मेघगर्जन के साथ संवहनीय वर्षा होती है। कपासी वर्षा मेघ आकाश में सीमित क्षेत्र में होते हैं जिसके कारण वे शीघ्र ही समाप्त हो जाते हैं और थोड़ी ही देर में वर्षा भी रूक जाती है और आकाश साफ हो जाता है।

अन्य स्रोतों से

Convectional rain in Hindi (संवहनी वर्षा)


वह वर्षा जो वायुमंडल के उस धरातलीय स्तर के गर्म हो जाने से होती है, जो फैलता और ऊपर उठता है तथा जिसके स्थान पर सघन ठंडी वायु आ जाया करती है। कोष्ण वायु साधारणतः स्थल अथवा वनस्पति से प्राप्त आर्द्रता से भरी होती है। जब यह ऊपर उठती है तो ठंडी हो जाती है और संतृप्त होकर वर्षा करती है।



बाहरी कड़ियाँ:
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विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia):
दिन में अत्यधिक ऊष्मा के कारण धरातल गर्म हो जाता हैं, जिस कारण वायु गर्म होकर फैलती हैं तथा ह्ल्की होने के कारण ऊपर उठती हैं । "शुष्क एडियाबेटिक दर" से प्रति १००० फीट पर वायु का ५.५ डिग्री फा० तापक्रम कम होने लगता हैं , जिस कारण वायु ठंडी होती जाती हैं और उसकी सापेक्षित आर्द्रता बड़नें लगती हैं । अधिक उपर जानें से वायु संतप्त हो जाती हैं तथा पुनः ऊपर उठनें पर संघनन प्रारम्भ हो जाता है, जिस कारण संघनन की गुप्त ऊष्मा वायु में मिल जाती हैं , जिससे वायु पुनः ऊपर उठने लगती हैं और अन्ततः उस सीमा को पहुच जाती हैं जहां पर स्थित वायु का तापक्रम इसके बराबर हो जाता हैं । इस अवस्था में संघनन के बाद कपासी वर्षा मेघ का निर्माण हो जाता हैं तथा तीव्र वर्षा प्रारम्भ हो जाती हैं । वर्षा बिजली की चमक तथा बादलों की गरज के साथ होती हैं । इस तरह की वर्षा मुख्य रुप से भूमध्य रेखिय भागों में होती हैं, जहां पर प्रतिदिन दोपहर तक धरातल के गर्म होने के कारण संवाहन धाराएं उठने लगती हैं तथा २.३ बजे के आस-पास तक घनघोर बादल छा जाते हैं । पूर्ण अंधेरा छा जाता हैं तथा क्षणों में ही जोरो की वर्षा होने लगती हैं । ४ बजे के आस-पास वर्षा रुक जाती हैं, और आकाश साफ हो जाता हैं |(1)

वेबस्टर शब्दकोश (Meaning With Webster's Online Dictionary)
हिन्दी में -

शब्द रोमन में:
संवाहनीय वर्षा, Sanbahaniya Varsha

संदर्भ:
1- विकिपीडिया