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Sarayu river in Hindi / सरयू

‘त्रिबिध ताप त्रासक तिमुहानी। राम सरूप सिंधु समुहानी’-
महाकवि गोस्वामी तुलसीदास के मान से उद्धृत “सरयू” नदी के महात्म्य को पुराणों में प्रातः स्मरणीय नदी बताकर प्रतिष्ठित किया गया है। पुराणों के अनुसार ये नदी अग्नि की उत्पत्ति का स्थान है। यह हिमालय के स्वर्ण शिखर पर ‘मानसरोवर झील’ से निकलकर पिथौरागढ़, काठगोदाम, टनकपुर, पीलीभीत, मैलानी, फैजाबाद, अयोध्या, छपरा आदि नगरों को पावन करती हुई गंगा में समाहित हुई है। सरयू मुख्य नामों में देविका, घाघर रामप्रिया आदि उल्लेखनीय हैं।

अन्य स्रोतों से:

सरयू (भारतकोश से)


ऐसा माना जाता है कि है कि इस नदी के पानी में चर्म रोगों को दूर करने की अद्‌भुत शक्ति है। इस नदी में विभिन्न प्रकार के जीव जंतुओं के साथ ही ऐसी वनस्पतियां भी हैं, जो नदी के पानी को शुद्ध कर पानी में औषधीय शक्ति को भी बढ़ाती हैं।

इसे घाघरा नदी के नाम से भी जाना जाता है।

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बाहरी कड़ियाँ:

विकिपीडिया से (Meaning from Wikipedia):

संदर्भ:
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