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जनसत्ता, 12 मई, 2014

सुंदरवन क्षेत्र में तीन लोकसभा सीटें आती हैं। तीनों सीटों-मथुरापुर, जयनगर और बशीरहाट में लोकसभा चुनावों के अंतिम चरण में सोमवार को मतदान होगा। डेल्टा इलाका बाढ़,तूफान, लवणता और कटाव की बढ़ती समस्याओं से प्रभावित रह है। यहां के लाखों किसान और मछुआरे अपने अगले सांसदों से जलवायु परिवर्तन की समस्या से लड़ने की अपेक्षा कर रहे हैं। जलवायु परिवर्तन की वजह से उनकी भूमि समुद्र में डूब रही है।
लोगों की शिकायत है कि पिछले कुछ दशकों में नदी इतनी चौड़ी हो गई है कि उनके खेत पानी में डूब रहे हैं और उन्हें अपना घर छोड़ना पड़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार कम से कम चार द्वीप अब तक डूब चुके हैं और पिछले 30 साल में करीब 7,000 लोग कटाव की वजह से विस्थापित हो चुके हैं। चुनाव प्रचार के दौरान लोकसभा उम्मीदवारों ने जलवायु संकट की चुनौती से निपटने का वादा किया है।
मथुरापुर (अनुसूचितजाति) सीट से माकपा की उम्मीदवार रिंकू नश्कर ने कहा कि यहां मुख्य चुनावी मुद्दा यही तटबंधों का निर्माण है जिससे लोगों को बाढ़ से राहत मिल सके। लोगों की दिक्कतों के लिए जलवायु संकट जिम्मेदार है और इससे निपटना आसान नहीं है। तृणमूल कांग्रेस ने यहां से मौजूदा सांसद चौधरी मोहन जटुआ को उम्मीदवार बनाया है जबकि भाजपा ने यहां एक निजी स्कूल के शिक्षक तपन नश्कर को मैदान में उतारा है।