सूखाग्रस्त राज्यों की प्यास बुझाएगा रेलवे

जिस भी राज्य को पानी की जरूरत हो, उस राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय को रेल मंत्रालय के पास एक पत्र भेजना होगा और इसके बाद रेल मंत्रालय उन्हें समय बताएगा कि कब वे अपनी वाटर ट्रेन उपलब्ध कराएँगे। इस उपलब्धता की जानकारी पानी की माँग करने वाले सम्बन्धित राज्य के अधिकारियों के पास उसी दिन ही मिल जाएगी। उन्हें लम्बा इन्तजार नहीं करना होगा।

अब रेल मंत्रालय देश के हर सूखाग्रस्त राज्य की प्यास बुझाएगा। हालांकि पानी रेल मंत्रालय के पास स्वयं का नहीं है, लेकिन उसने यह निर्णय लिया है कि देशभर में जहाँ सूखे की हालात है, उन राज्यों को जब भी पानी की जरूरत होगी रेलवे उसके परिवहन के लिये तैयार रहेगा।

रेल मंत्रालय ने राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित देश के तेरह सूखा ग्रस्त राज्यों में ट्रेन के माध्यम से पानी पहुँचाने के लिये एक विशेष मसौदा तैयार किया है। रेल मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार इस मसौदे का सर्कुलर सोमवार या मंगलवार को राज्यों को जारी कर दिया जाएगा। यह सर्कुलर सूखा ग्रस्त राज्य के प्रमुख सचिव के नाम से जारी होगा।

मंत्रालय के एक आला अधिकारी के अनुसार इस मसौदे में इस बात की स्पष्ट रूप से व्यवस्था की गई है कि जिस भी राज्य को पानी की जरूरत हो, उस राज्य के मुख्यमंत्री कार्यालय को रेल मंत्रालय के पास एक पत्र भेजना होगा और इसके बाद रेल मंत्रालय उन्हें समय बताएगा कि कब वे अपनी वाटर ट्रेन उपलब्ध कराएँगे। इस उपलब्धता की जानकारी पानी की माँग करने वाले सम्बन्धित राज्य के अधिकारियों के पास उसी दिन ही मिल जाएगी। उन्हें लम्बा इन्तजार नहीं करना होगा।

राजस्थान के 19 जिले


रेल मंत्रालय के अनुसार उसकी सबसे पहली प्राथमिकता यह होगी देश के जिन तेरह राज्यों को सूखा ग्रस्त घोषित किया गया है, उनके अस्सी जिले ऐसे हैं जहाँ सबसे अधिक पानी की जरूरत है। इन अस्सी में से 19 जिले तो अकेले राजस्थान के ही हैं। इन जिलों में पानी पहुँचाने का काम प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। इसी प्रकार इन अस्सी में से छत्तीसगढ़ के सात और मध्य प्रदेश के 21 जिले में शामिल हैं, जहाँ सबसे अधिक पानी की जरूरत है।

पाइप लाइन बिछाना राज्य की जिम्मेदारी


मंत्रालय ने अपने मसौदे में यह स्पष्ट किया है कि हम केवल पानी के परिवहन का काम करेंगे। पानी हर हाल में राज्य सरकार को ही उपलब्ध कराना होगा। साथ ही उसे इस बात की भी व्यवस्था करनी होगी कि जहाँ से पानी ट्रेन में भरा जाना हो, वहाँ बकायदा पाइप लाइन बिछाने का काम भी राज्य सरकार की जिम्मेदारी होगी। इसके अलावा जहाँ पानी पहुँचाना है, वहाँ भी पाइप लाइन बिछानी होगी। यह काम भी राज्य सरकार को ही करना होगा।

रेलवे ने इस सम्बन्ध में एक बात और स्पष्ट कर दी है कि यदि पानी सम्बन्धित राज्य के किसी भी भाग में उपलब्ध नहीं है तो उसे स्वयं ही पहल कर अन्य राज्य से जहाँ पानी उपलब्ध हो, वहाँ अपने स्तर पर बातचीत कर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करनी होगी। साथ ही जब रेलवे पानी लेने उस राज्य में जाये तो उसे किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े और बिना किसी अड़चन के पानी का वह परिवहन कर सके।

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