स्वच्छता के सारथी बने विकासनगर के नौनिहाल

7 May 2018
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स्वच्छता के बारे में लोगों को जागरूक करती बच्चियाँ
स्वच्छता के बारे में लोगों को जागरूक करती बच्चियाँ


स्वच्छता के बारे में लोगों को जागरूक करती बच्चियाँ (फोटो साभार - हिन्दुस्तान टाइम्स)‘वीर तुम बढ़े चलो, धीर तुम बढ़े चलो, हाथ में ध्वजा रहे, बाल दल सजा रहे, ध्वज कभी झुके नहीं, दल कभी रुके नहीं’, द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी की उक्त पंक्तियों की चरितार्थ कर रहे हैं पर्वतीय बाल मंच से जुड़े 2000 नौनिहाल। गाँवों मेें जागरुकता अभियान चला रहे इन नौनिहालों ने कुछ समय पूर्व बाल पंचायत के माध्यम से बड़े-बुजुर्गों को उनकी जिम्मेदारियों का अहसास कराया था। अब मंच से ये जुड़े नौनिहाल स्वयं भी निकल पड़े हैं ऊबड़-खाबड़ रास्तों का सफर तय करते हुए गाँवों को स्वच्छ बनाने।

अभियान के तहत बाल मंच ने देहरादून जिले के विकासनगर ब्लॉक के 12 दूरस्थ गाँवों को गोद लिया है। रुद्रपुर क्षेत्र के इन गाँवों में नौनिहाल ग्रामीणों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ ही स्वच्छता का वास्तविक अर्थ भी समझा रहे हैं।

इन नौनिहालों ने आबादी से दूर और सम्पर्क मार्गं पर लगे कूड़े के ढेरों को निस्तारित कर सभी 12 गाँवों में 1210 कूड़ा निस्तारण प्वाइंट बनाए हैं। इसके लिये सबसे पहले बस्ती से दूर गड्डे खोदे गए और फिर उन्हें ढँक दिया गया। साथ ही ग्रामीणों को इन गड्डों में ही कूड़ा डालने के लिये प्रेरित किया गया।

मंच से जुड़े प्रीतम पंवार, हिमानी चिमवाल व सुधीर भट्ट बताते हैं कि ग्रामीणों की स्वच्छता के प्रति जागरूक करना आसान नहीं था। क्योंकि, उनके लिये स्वच्छता का अर्थ सिर्फ घर-आँगन की सफाई तक ही सीमित था। ऐसे में उन्हें गन्दगी से होने वाले नुकसानों के बारे में समझाना भी टेढ़ी खीर साबित हो रहा था। इसलिये, बच्चों का सहारा लिया गया।

अब स्वच्छता के सारथी बनकर ये नौनिहाल गाँवों को स्वच्छ बनाने की मुहिम में भी शामिल हो चुके हैं। इसी का नतीजा है कि एक साल के भीतर 12 गाँवों में 1200 गड्डे खोदकर ग्रामीणों को जैविक-अजैविक कूड़ा निस्तारण प्वाइंट मुहैया कराया गए हैं।

थ्री अार का बता रहे महत्त्वः मंच से जुड़े नौनिहाल कूड़ा निस्तारण के लिये ग्रामीणों को थ्री-आर का महत्त्व बता रहे हैं। इसके तहत प्लास्टिक व अन्य कूड़े को री-डू-यूज, रीयूज व रीसाइकल करने की विधि बताई जा रही है। नौनिहालों ने पसौली, लांघा, भूड,, देवथला, पष्टा, पीपलसार, मल्लावाला, धोरे की डांडी, बड़कोट, तौली, पपडियान में जागरूकता अभियान चलाया हुआ है।

गन्दगी से जीवन पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव बताए

नौनिहाल सरल माध्यमों से ग्रामीणों को गन्दगी से होने वाले नुकसान की जानकारी दे रहे हैं। इसके लिये रस्सी व धागे के सहारे जमीन पर पारिस्थितिकीय तंत्र को समझाया जा रहा है। रस्सी के जाल के माध्यम से बताया जा रहा कि गन्दगी वाले क्षेत्रों में धरती पर मानव व अन्य प्राणियों का जीवन बीमारी के जाल में जकड़ता जा रहा है। साथ ही पर्यावरण को नुकसान और बिगड़ते पारिस्थितिकीय तंत्र से भविष्य में होने वाले नुकसान की जानकारी दी जा रही है।

चित्रों से बता रहे गन्दगी के जानलेवा परिणाम

मंच से जुड़े प्रीतम पंवार बताते हैं कि पोस्टर बनाकर ग्रामीणों को गन्दगी से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी दी जा रही है। व्यक्ति के पैर के चित्र बनाकर बताया जा रहा कि प्लास्टिक व अन्य गन्दगी से प्रतिदिन घर के अन्दर कितना कॉर्बन व गन्दगी पहुँचती है। पैर पर कॉर्बन व गन्दगी लगे हिस्से को काले रंग से रंगकर उससे होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी दी जा रही है।
 

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