सेंसर-आधारित प्रणाली से ग्रामीण क्षेत्रों मे पानी की समस्या होगी दूर

4 Sep 2020
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प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

भारत जल शक्ति मंत्रालय ने ग्रामीण इलाकों में पानी की व्यवस्था और भविष्य की स्थिति जानने के लिये विभिन्न राज्यों में सेंसर आधारित प्रणाली की शुरुआत की है। 

राज्य और केंद्र के सर्वरों में भेजे जाएंग  आकड़े 

इस प्रोजेक्ट के तहत जमीनी स्तर से  आकड़े जुटाए जाएंगे।  उसके बाद उसे राज्य और केंद्र के सर्वरों में  भेजा जाएगा। ताकि इसका इस्तेमाल पानी की आपूर्ति की  मात्रा,गुणवत्ता और नियमितता को आकनें के लिए किया जा सके। इसके अलावा ये  पानी की आपूर्ति में कमी और पानी की कमी को भी सुनिश्चित  कर काफी लंबे समय तक पानी की गुणवत्ता और मात्रा की जांच भी करेगा।

जल शक्ति मंत्रालय द्वारा एक बयान के अनुसार राज्य केंद्र सर्वरों  को डाटा भेजने का एक फायदा  यह भी होगा की समय के साथ विभिन्न समूह में पानी की मांग के स्वरूप  का आकलन करने में मदद मिलेगी साथ ही  इसका इस्तेमाल, मांग प्रबंधन को पानी की स्थिति की सटीक जानकारी,गैर-राजस्व पानी को कम करने और गांवों में पानी की आपूर्ति का उचित और प्रभावी प्रबंधन ,संचलान और रखरखाव के लिए किया जायेगा। 

नई तकनीकी का भी किया जा रहा है  प्रयोग 

हाल ही में तकनीकी में भी काफी प्रगति हुई है जैसे 'इंटरनेट ऑफ थिंग्स' जिसे IOT के रुप मे जाना जाता है ( इस तकनीक का इस्तेमाल सभी गैजेट्स और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को इंटरनेट के माध्यम से आपस में जोड़ने के लिए किया जाता है)

 'बिग डाटा एनालिटिक्स' ( एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें डेटा के बहुत बड़े समूह को एकत्रित करना, निर्माण करना,आकलन करना जिससे हिडन पैटर्न तथा उपयोगी सूचना को ढूंढा जा सके।. इसका सबसे बड़ा उदाहरण फेसबुक है जो अपने डेटा बेस में करीब 500 टेराबाइट हर दिन सेव करता है), 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस' ( यह  कंप्यूटर साइंस की एक शाखा है जो ऐसी मशीनों को विकसित कर रही है जो मनुष्य की तरह सोच सके और कार्य कर सकें) इसके अलावा मोबाइल  डेटा की कम होतो कीमतें भी शामिल है, हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर भी ग्रामीण इलाको मे  पानी की आपूर्ति के बुनियादी ढांचा को  डिजिटल लाइज करने का एक अवसर दे रहा है डिजिटलाइज सप्लाई  इंफ्रास्ट्रक्चर  वास्तविक समय को आकाने और साक्ष्य अधारित  नीति बनाने में मदद करेगा। 

केंद्र सरकार की जल मिशन योजना ग्रामीण क्षेत्रों में एक स्मार्ट जल अपूर्ति  इकोसिस्टम बना रही है जो पानी की सप्लाई की जांच परख कर सके। यह मिशन राज्य सरकार के साझेदारी से शुरु होगा, जिसका लक्ष्य होगा कि नियमित रुप से  सभी घरों में 2024 तक सही मात्रा में  स्वच्छ और साफ पानी पहुँच सके । 

एक नई तकनीकी विशेषज्ञ समिति भी बनाई गई है 

अकादमी,शासन प्रशासन,तकनीकी  और पानी सप्लाई सेक्टर पर काम करने वाले लोगो की एक  तकनीकी विशेषज्ञ समिति बनाई गई है ताकि इससे हर घर में  पानी  पहुंचाने के लिए एक रोडमैप तैयार किया जा सके। इस मिशन को सफल बनाने के लिये  मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक के सहयोग से एक ओपेन आई सीटी ग्रैंड चैलेंज को शुरू करने  की योजना बनाई जा रही है  जिससे नई, मोड्यूलर और किफायती जानकारी मिले और  एक स्मार्ट वाटर सप्लाई मेजरमेंट एंड मॉनिटरिंग सिस्टम को तैयार कर ग्रामीण क्षेत्रों में लगाया जा सके।

 

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