तालाब होंगे प्रदूषण मुक्त

1 Sep 2008
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भोपाल मध्य प्रदेश में नालों का गंदा पानी और सीवेज के पानी बड़े और छोटे तालाब में मिलने के कारण प्रदूषण फैल रहा है, जिससे पानी तो खराब हो रहा है साथ ही गंदगी भी फैल रही है। तालाबों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए इससे पहले भी कार्य किया गया था, लेकिन काम अधूरा ही रहा। इसी को पूरा करने के लिए परियोजना उदय के तहत कार्य किया जा रहा है। बड़े तालाब के आसपास 56.5 किलोमीटर तक सीवेज लाइन डाली जा रही है। छोटे और बड़े तालाब से लगे क्षेत्रों से तालाबों में पहुंचने वाले सीवेज एवं गंदे पानी के नालों के उपचार के लिए भोजवेटलैंड परियोजना के अंतर्गत कार्य किया गया था, किन्हीं कारणों से ये कार्य अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर पाया। उन अधूरे कार्यो को परियोजना उदय में प्राथमिकता दी गई है, जिससे तालाबों को प्रदूषण मुक्त कर ग्रीन जोन बनाया जा सके। क्या है उद्देश्य : परियोजना उदय के तहत तालाबों को प्रदूषण मुक्त करना ही मुख्य उद्देश्य है। तालाबों में सीवेज का पानी और दूषित जल न पहुंचे। सीवेज और गंदे पानी के कारण ताबालों का पानी गंदा हो रहा था यही नहीं इसका एक उद्देश्य यह भी है कि तालाबों में रहने वाली कई प्रजाति की मछलियों को भी नुकसान न पहुंचे।


कितने कनेक्शन : योजना के तहत लगभग 11300 सीवेज कनेक्शन किए जाएंगे, जिसकी लागत लगभग 2155 लाख रुपए आएगी। विभिन्न कॉलोनियों में कनेक्शन देने का काम जोरों से चल रहा है।


क्या हो रहा है काम : परियोजना के तहत सीवेज लाइन तालाब से लगी कॉलोनियों में डाली जा रही है। साथ ही घर-घर कनेक्शन दिए जा रहे हैं। नगर निगम द्वारा अभी सीवेज के लिए कोई कर निर्धारण नहीं किया गया है। योजना के तहत सीवेज का नेटवर्क तैयार किया जा रहा है।


जांच भी होती है : सीवेज लाइन डालने के बाद उसकी जांच भी की जाती है कि उसमें कोई लीकेज या खराबी तो नहीं है। यदि कोई खराबी होती है तो उसे तुरंत ठीक किया जाता है।


सारा पानी पातरा नाले में : सीवेज नेटवर्किग होने के बाद सारा सीवेज और नाले का पानी महोली धामखेड़ा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में जाएगा। यहां से पानी ट्रीट होकर पातरा नाले में जाएगा। इससे यह होगा कि तालाबों में गंदा पानी नहीं जा पाएगा और वे प्रदूषण मुक्त होंगे।


नई लाइन डाली गई : तालाबों में जा रही गंदगी और सीवेज के पानी को रोकने के लिए नई लाईन डलवाई जा रही है। पूरे शहर की सीवेज लाइन को रीडेवलप किया जा रहा है।


-सुनील सूद, महापौर, नगर निगम


पानी रहेगा स्वच्छ : परियोजना उदय के अंतर्गत सीवेज पैकेज 1-2 के पूर्ण होने पर बड़ी झील में सीवेज का पानी नहीं मिलेगा। इससे पानी स्वच्छ रहेगा।


-पीके रघुवंशी, उपपरियोजना प्रबंधक, परियोजना उदय


परिणाम जल्द मिलेंगे : भोजवेटलैंड परियोजना का लक्ष्य पूरा हुआ, सीवेज लाइन भी डाली गई थी। अब घरेलू कनेक्शन दिए जा रहे हैं। इसके परिणाम जल्द नजर आएंगे।


-डॉ. संजीव सचदेवा, संयुक्त संचालक, मप्र झील संरक्षण प्रधिकरण

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