तालाब की पाल पर पौधारोपण कर उसे सहेजना नायब पहल

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धार। जो किसी ने सोचा नहीं, वह यहाँ नजर आ रहा है। निश्चित तौर पर तालाब की पाल पर पौधारोपण कर उसे सहेजना पर्यावरण संरक्षण की नायाब पहल है। आने वाले समय में यह पहल एक रोल मॉडल बन सकती है।

पुराना तालाब, जिसे अब देवी तालाब के नाम से जाना जाता है। तालाब की पाल पर पौधारोपण कर उसे सहेजने का कार्य ग्राम के युवाओं द्वारा किया जा रहा है। गत दिनों तहसीलदार राजेश पाटीदार ने तालाब की पाल के किनारे पौधारोपण का अवलोकन कर कार्य को युवाओं से समझा। उन्होंने बताया कि पौधारोपण से तालाब की पाल पर पानी से होने वाला कटाव रुक रहा है। साथ ही सुन्दरता भी नजर आने लगी है। इस तरह का कार्य जनसहयोग से बहुत ही कम देखने को मिलता है।

 

इस साल भी होगा पौधारोपण


यहाँ कार्यरत पर्यावरण प्रेमी हितेंद्र जैन, बालकृष्ण पाटीदार व दिनेश पकावदिया ने बताया कि वर्तमान में यहाँ लगभग 250 पौधे और पेड़ हैं। उन सबकी सिंचाई ड्रीप लाइन से की जा रही है। सिंचाई के लिये पानी की मोटर तालाब में लगाई गई है। पौधों की सुरक्षा के लिये कंटीली बागड़ भी लगाई हुई है। यह कार्य जनसहयोग से ही किया जा रहा है। अब तक तालाब की 50 फीसदी पाल पर पौधारोपण किया जा चुका है। आने वाले समय में 25 फीसदी हिस्से में और पौधारोपण किया जाएगा। यहाँ एक आकर्षक छोटा-सा देवी मन्दिर और बगीचे का भी निर्माण किया गया है।

 

 

 

वृहद स्तर पर होगा क्षेत्र में पौधारोपण


तहसीलदार राजेश पाटीदार ने बताया कि इस बार क्षेत्र में मानसून के आगाज के साथ पौधारोपण की मुहिम प्रारम्भ की जा रही है। सुसारी-कुक्षी के मध्य शासकीय महाविद्यालय परिसर में लगभग 200 पौधे और निसरपुर के मॉडल स्कूल परिसर में 100 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

पौधारोपण के बाद उनकी सुरक्षा और सिंचाई के लिये ट्री गार्ड और ड्रीप लाइन भी जनसहयोग से लगाई जाएगी। इसमें सामाजिक संस्था, क्षेत्र के पर्यावरण प्रेमी व समाजसेवी रुचि दिखा रहे हैं। वर्तमान में इन दोनों शिक्षा परिसर में सूनापन नजर आता है, जिसे आगामी समय में हरियाली से आच्छादित करने का प्रयास जनसहयोग से किया जाएगा।

 

 

 

 

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