टेरी पर्यावरण सर्वे : दिल्ली वालों को लगता है, हो रहा जलवायु परिवर्तन

90 फीसदी राजधानी वासियों ने स्वीकारा


द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (टेरी) के पर्यावरण सर्वे-2014 में 90 फीसदी दिल्लीवालों ने कहा है जलवायु परिवर्तन वास्तव में हो रहा है। 95 फीसदी ने महसूस किया कि तापमान में बढ़ोत्तरी हो रही है। 64 फीसदी लोगों का अनुभव है कि बारिश में कमी आ रही है। 50 फीसदी से भी ज्यादा का मानना है कि विकास की तुलना में पर्यावरण संरक्षण को तवज्जो मिलनी चाहिए। 40 फीसदी लोग मानते हैं कि दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रण की नीतियां हैं पर उनका क्रियान्वयन नहीं हो रहा है। 97 फीसदी पॉलीथीन के उपयोग पर पूर्ण पाबंदी के पक्ष में थे और 99 फीसदी इस बात पर सहमति जताई कि पर्यावरण की गुणवत्ता का सेहत पर तत्काल असर पड़ता है।

टेरी ने इस बार यह सर्वे दिल्ली समेत देश के कई शहरों में किया जिनमें मुंबई, कोयंबटूर, गुवाहटी, इंदौर, जमशेदपुर, कानपुर व पुणे शामिल थे। इन शहरों में 11214 लोगों से विस्तृत प्रश्नोत्तरी के आधार पर इस सर्वे के निष्कर्ष निकाले गए। टेरी के फेलो प्रदिप्तो घोष ने बताया कि पर्यावरण के बारे में लोगों के नजरिए, जागरुकता, विचार व बर्ताव को समझने के लिए बीते तीन वर्षों से टेरी हर साल यह सर्वे कर रहा है।

50 फीसदी से अधिक दिल्ली वालों ने कहा हवा की गुणवत्ता में काफी गिरावट आ गई है। 79 फीसदी ने कहा कि वायु प्रदूषण के चलते उनकी सेहत पर सबसे जल्दी असर पड़ता है जबकि 13 फीसदी ने पानी के प्रदूषण और 8 फीसदी ने गलत कूड़ा निपटान को कारण बताया।

95 फीसदी मानते हैं कि पानी को बर्बाद किया जाता है। हालांकि 76 फीसदी लोग मुफ्त या सब्सिडी वाला पानी चाहते हैं, केवल 17 फीसदी लोगों ने ही पानी की वास्तविक कीमत अदा करने की इच्छा जाहिर की। 87 फीसदी दिल्लीवालों ने माना कि उनके घरों से कूड़ा एकत्र किया जाता है। 88 फीसदी लोग महसूस करते हैं कि गलत कूड़ा निपटान का सेहत पर बहुत बुरा असर पड़ता है। 35 फीसदी प्रतिभागी कूड़े को जैविक व गैर-जैविक श्रेणियों में अलग-अलग करने के पक्ष में थे।

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